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दादरी के बाद सुलगा मैनपुरी, पुलिसकर्मी सस्पेंड, 21 लोग गिरफ्तार

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लखनऊ। उत्तर प्रदेश में सत्तारूढ़ समाजवादी पार्टी (सपा) के प्रमुख मुलायम सिंह यादव के पौत्र तेज प्रताप सिंह यादव के संसदीय क्षेत्र में शुक्रवार की शाम दादरी जैसी घटना दोहराई गई। यहां भी ‘गाय काटे जाने’ की बात कहकर एक संप्रदाय विशेष के दो युवकों की जमकर पिटाई की गई। दोनों युवक अस्पताल में भर्ती हैं। यह जानकारी मिलते ही लोग भड़क गए और जमकर बवाल हुआ। गृह विभाग के एक प्रवक्ता ने लखनऊ में बताया कि प्रदेश सरकार ने हिंसा के मामले में लापरवाही बरतने के आरोप में सम्बन्धित क्षेत्राधिकारी सुनील कुमार को निलम्बित कर दिया है। हिंसा के संबंध में 21 लोगों को गिरफ्तार भी किया गया है।

दादरी हत्याकांड की आग अभी ठंडी भी नहीं हुई थी कि मैनपुरी जिले के करहल- नगरिया इलाके के कुरैशियान मोहल्ले में भीड़ हिंसा पर उतारू हो गई। हमलावरों का आरोप है कि यहां दो युवक देवी रोड के हैंडपंप के पास एक गाय को काट रहे थे। यह जानकारी मिलते ही एक समुदाय के लोग भड़क गए। उन्होंने दोनों युवकों को जमकर पीट दिया। देखते ही देखते भीड़ बढ़ने लगी और फिर बवाल शुरू हो गया।

घटनास्थल पर पहुंची पुलिस ने जब दोनों युवकों को भीड़ से छुड़ाकर अस्पताल भिजवाया, तो भीड़ नाराज हो गई। उग्र भीड़ ने पुलिस की एक जीप में तोड़फोड़ की और उसे आग के हवाले कर दिया। वहीं एक और गाड़ी में भी आग लगा दी गई। इसके अलावा इलाके की कई दुकानें भी जला दीं। भीड़ को काबू में करने के लिए पुलिस ने लाठीचार्ज किया। इससे लोग और भड़क गए। उन्होंने पथराव शुरू कर दिया।

पथराव के जवाब में जवाब में पुलिस ने फायरिंग की। इलाके में तनाव को देखते हुए भारी पुलिस बल तैनात किया गया है। करहल के एसडीएम विजय प्रताप ने कहा कि घटना की जांच के आदेश दे दिए गए हैं। जांच के बाद ही पता चलेगा कि इलाके में गाय काटी गई थी या पहले से मरे हुए जानवर की खाल निकाली जा रही थी। जिलाधिकारी चंद्रपाल सिंह ने कहा कि अब तक 20 लोग हिरासत में लिए जा चुके हैं। बाकी लोगों की तलाश जारी है।

मैनपुरी में बवाल ऐसे समय में किया गया है, जब प्रदेश के ही दादरी में 29 सितंबर की रात गोमांस रखने या खाने की अफवाह के बाद एक शख्स मोहम्मद अखलाक की उग्र भीड़ ने हत्या कर दी थी। इस घटना की राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने भी निंदा की और देश में बढ़ती असहिष्णुता व सांप्रदायिक हिंसा पर चिंता प्रकट की।

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प्रादेशिक

IPS अधिकारी संजय वर्मा बने महाराष्ट्र के नए डीजीपी, रश्मि शुक्ला के ट्रांसफर के बाद मिली जिम्मेदारी

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महाराष्ट्र। महाराष्ट्र के नए डीजीपी का कार्यभार IPS संजय वर्मा को सौंपा गया है। आईपीएस संजय वर्मा को केंद्रीय चुनाव आयोग ने महाराष्ट्र के नए पुलिस महानिदेशक के रूप में नियुक्त किया है। कुछ ही दिनों में महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव है। उससे पहले चुनाव आयोग ने राज्य कांग्रेस प्रमुख नाना पटोले की शिकायत मिलने के बाद डीजीपी रश्मि शुक्ला के तबादले का आदेश दिया था।

कौन हैं IPS संजय वर्मा?

IPS संजय वर्मा 1990 बैच के पुलिस अधिकारी हैं। वह महाराष्ट्र में वर्तमान में कानून और तकनीकी के डीजी के रूप में कार्यरत रहे। वह अप्रैल 2028 में सेवानिवृत्त पुलिस सेवा से रिटायर होंगे। दरअसल, डीजीपी रश्मि शुक्ला को लेकर सियासी दलों के बीच पिछले कुछ समय से माहौल गर्म था। कांग्रेस के बाद उद्धव गुट की शिवसेना ने भी चुनाव आयोग को पत्र लिखकर उन्हें हटाने की मांग की थी।

कांग्रेस ने रश्मि शुक्ला की निष्पक्षता पर सवाल उठाते हुए चुनाव आयोग से उन्हें महानिदेशक पद से हटाने की मांग की थी। कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष नाना पटोले ने उन पर आरोप लगाया था कि वह बीजेपी के आदेश पर सरकार के लिए काम कर रही हैं।

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