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नेशनल

दिल्ली की अनधिकृत कॉलोनियों से संबंधित विधेयक संसद में पारित

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नई दिल्ली| राष्ट्रीय राजधानी में अवैध कॉलोनियों को जीवनदान विस्तार देने वाले विधेयक को मंगलवार को संसद ने पारित कर दिया। शीतकालीन सत्र के अंतिम दिन राज्यसभा ने इस विधेयक पर अपनी मुहर लगाई। लोकसभा में यह विधेयक पहले ही पारित हो चुका था।

राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली कानून (विशेष प्रावधान) द्वितीय अधिनियम, 2011 के तहत अवैध विकास या निर्माण के मद्देनजर यथा स्थिति बनाए रखना है।

यह विधेयक किसी भी स्थानीय प्राधिकरण द्वारा दंडात्मक कार्रवाई से संरक्षण प्रदान करता है।

इस विधेयक को सबसे पहले संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (संप्रग) सरकार ने पेश किया था, ताकि अवैध कॉलोनियों के खिलाफ 31 दिसंबर, 2014 तक किसी भी तरह की दंडात्मक कार्रवाई रोकी जा सके।

अब वर्तमान विधेयक के मुताबिक, यह तारीख बढ़कर 31 दिसंबर, 2017 हो गई है।

चूंकि ऊपरी सदन में पिछले कुछ दिनों से कार्यवाही लगातार बाधित होती आ रही है, इसलिए इस विधेयक को अंतिम दिन पेश किया गया। विपक्षी सदस्यों ने कहा कि यह विधेयक गरीबों से जुड़ा है।

राज्यसभा में नेता प्रतिपक्ष गुलाम नबी आजाद ने कहा, “यह गरीब लोगों से संबंधित है, जो दिल्ली आते हैं। चूंकि सदन में कामकाज नहीं हो पा रहा है।0 हम उसमें बदलाव के लिए तैयार नहीं हैं लेकिन.. यह गरीबों से जुड़ा है।”

उत्तर प्रदेश

बदायूं के इस गांव में आजादी के बाद भी नहीं मिली रोड की सुविधा, अनिश्चितकालीन भूख हड़ताल पर बैठे ग्रामीण

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बदायूं। उत्तर प्रदेश के बदायूं जनपद में एक गांव ऐसा भी है जहां देश आजाद होने के बाद भी सड़क की सुविधा नही मिली है और पिछले 30 साल से एक भी व्यक्ति की सरकारी नौकरी नहीं लगी है। जिसको लेकर ग्रामीणों ने अनिश्चितकालीन भूख हड़ताल शुरू की है। जिसमें तीन लोगों की हालात बिगड़ गयी जिनका स्वास्थ्य विभाग द्वारा धरना स्थल पर ही उपचार किया जा रहा है।

बता दें कि पूरा मामला जनपद बदायूं के बिसौली तहसील के आसफपुर विकासखंड क्षेत्र के ढोरनपुर गांव का है। जहां ग्रामीणों ने अनिश्चितकालीन भूख हड़ताल शुरू कर दी है। ग्रामीणों ने बताया कि देश आजाद होने के बाद भी आज तक मुख्य मार्ग से गांव तक आने वाली सड़क की सुविधा नहीं मिली है।जिससे बच्चों की शिक्षा प्रभावित होती है और बच्चे पढ़ाई नहीं कर पाते हैं। सड़क निर्माण ना होने वजह से पिछले 30 सालों से आज तक एक भी व्यक्ति की कोई भी सरकारी नौकरी नहीं लगी है। वही लोकसभा 2024 के चुनाव में सड़क की सुविधा नहीं मिलने पर ग्रामीणों ने चुनाव का बहिष्कार किया था। लेकिन अधिकारियों और नेताओं ने आश्वासन देकर वोट डालने की अपील की थी। लेकिन

भूख हड़ताल से तीन लोगों की हालात बिगड़ी

चुनाव संपन्न होने के बाद भी सड़क की सुविधा नहीं मिलने से ग्रामीणों ने अनिश्चितकालीन भूख हड़ताल शुरू कर दी है।अनिश्चितकालीन भूख हड़ताल से तीन लोगों की हालात बिगड़ गई जिनके इलाज के लिए स्वास्थ्य विभाग की तरफ से कर्मचारियों को भेजा गया है। 24 घंटे स्वास्थ्य विभाग की टीम धरना स्थल पर मौजूद है। वही ग्रामीणों ने बताया गांव में बिजली की भी समस्या है आये दिन बिजली के जर्जर तारों से घटनाएं होती है लेकिन कोई भी सुनवाई नहीं होती।ग्रामीणों ने बताया कि जब तक समस्याओं का समाधान नहीं होता है तब तक अनिश्चितकालीन भूख हड़ताल जारी रहेगी। अब देखना होगा कि जनप्रतिनिधियों और अधिकारियों द्वारा ग्रामीणों की समस्याओं का निस्तारण हो पाता या नहीं ।

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