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प्रादेशिक

दिल्ली के प्रोफेसरों पर हत्या के मामले में एफआईआर दर्ज

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Chhattisgarh Policeजगदलपुर। टंगिया ग्रुप के लीडर सोमनाथ की शुक्रवार को सुकमा के कुम्माकोलेंग के नामा गांव में हुई हत्या के मामले में पुलिस ने जिले के तोंगपाल थाने में नक्सली नेता विनोद, श्यामला, दिल्ली यूनिवर्सिटी की प्रोफेसर नंदनी सुंदर, जेएनयू की प्रोफेसर अर्चना प्रसाद और सीपीआई नेता संजय पराते सहित अन्य 6 लोगों के खिलाफ हत्या का मामला दर्ज कर किया है।

इस संबंध में छह माह पहले दिया गया बयान आधार बना। पुलिस ने सभी के खिलाफ धारा 302, 102 बी, 452, 147, 148, 149, 25 आर्म्स एक्ट के तहत मामला दर्ज किया है।

धारा 302 हत्या के लिए, धारा 102 बी अपराधिक साजिश रचने, धारा 452 घर में घुसने, धारा 147, धारा 148 व धारा 149 बलवा करने और धारा 25 आर्म्स एक्ट अवैध रूप से हथियार रखने के लिए लगाई जाती है।

पुलिस का कहना है कि सोमनाथ की हत्या के पहले ही प्रोफसरों और नेताओं ने गांववालों को छह माह पहले नक्सलियों की ओर से जान से मारने की धमकी दी थी। इसके बाद सोमनाथ की हत्या हो गई है और उसकी पत्नी ने सभी लोगों के खिलाफ नामजद एफआईआर दर्ज करवाई है।

बस्तर आईजी एसआरपी कल्लूरी ने बताया कि जब सोमनाथ अपने तीन दिन के बेटे से घर मिलने गया था, उसी दौरान नक्सलियों ने उसे घर में घेर लिया था।

उसकी हत्या के पहले नक्सलियों ने परिवार के सदस्यों के सामने कहा कि नंदनी सुंदर के समझाने के बाद भी तुम नहीं माने। इसके बाद सोमनाथ की बेरहमी से हत्या कर दी गई। उन्होंने बताया कि इस मामले में सोमनाथ के परिवार के सदस्यों की शिकायत के आधार पर नंदनी सुंदर समेत अन्य पर अपराध दर्ज किया गया है। सोमनाथ ब्लॉक कांग्रेस कमेटी का सदस्य भी था।

गौरतलब है कि दिल्ली यूनिवर्सिटी की प्रोफेसर नंदनी सुंदर कई बार राज्य सरकार के खिलाफ सर्वोच्च न्यायालय जा चुकी हैं और नक्सलियों के खिलाफ आदिवासियों के स्वत:स्फूर्त आंदोलन सलवा जुडूम को बंद करवाने में भी अहम भूमिका निभा चुकी हैं।

ताड़मेटला कांड और इससे पहले सलवा जुडूम के खिलाफ सर्वोच्च न्यायालय में याचिका लगाने वाली दिल्ली यूनिवर्सिटी की प्रोफेसर नंदनी सुंदर सहित अन्य लोगों के खिलाफ तोंगपाल पुलिस ने टंगिया ग्रुप के मुखिया सोमनाथ की हत्या और इसके लिए आपराधिक साजिश रचे जाने का मामला सोमवार को दर्ज किया।

गांववालों की बैठक लेने के बाद नंदनी सुंदर पर आरोप लगे थे कि वह नक्सलियों के पक्ष में गांववालों को डराने गई थी। उनके साथ कई अन्य लोग भी शामिल थे। इसी बीच पूरे संभाग में कई लोगों ने इनके खिलाफ अपराध दर्ज करने के लिए प्रदर्शन किया था। इस पर गांववालों ने दरभा थाने में एक लिखित शिकायत भी दर्ज करवाई थी।

हालांकि इस शिकायत के बाद शिकायत के ही फर्जी होने के आरोप लगे थे। इधर सोमवार को भी नंदनी सुंदर सहित अन्य पर कार्रवाई की मांग को लेकर अग्नि संस्था सहित अन्य लोगों ने पुतला दहन कर विरोध जताया था। कुछ दिनों पहले बस्तर पुलिस के जवानों ने भी नंदनी सुंदर का पुतला फूंका था। पिछले 6 माह से नंदनी सुंदर को लेकर बस्तर में विवाद की स्थिति बनी हुई थी।

 

IANS News

वसुधैव कुटुंबकम’ भारत का शाश्वत संदेश : योगी आदित्यनाथ

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लखनऊ। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने ‘वसुधैव कुटुंबकम’ के आदर्श वाक्य के महत्व पर जोर देते हुए इसे भारत की वैश्विक मानवता के प्रति प्रतिबद्धता का प्रतीक बताया है। उन्होंने इसे भारत का शाश्वत संदेश बताते हुए कहा कि हमने हमेशा से शांति, सौहार्द और सह-अस्तित्व को प्राथमिकता दी है। सीएम योगी ने यह बात शुक्रवार को एलडीए कॉलोनी, कानपुर रोड स्थित सिटी मॉन्टेसरी स्कूल (सीएमएस) के वर्ल्ड यूनिटी कन्वेंशन सेंटर में विश्व के मुख्य न्यायाधीशों के 25वें अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन का उद्घाटन करने के दौरान अपने संबोधन में कही। कार्यक्रम में 56 देशों के 178 मुख्य न्यायाधीश और डेलिगेट्स ने भाग लिया।

‘अनुच्छेद 51 की भावनाओं को विश्व शांति और सुरक्षा के लिए प्रेरक’
अपने संबोधन में मुख्यमंत्री ने भारत के संविधान के अनुच्छेद 51 की भावनाओं को विश्व शांति और सुरक्षा के लिए प्रेरक बताया। उन्होंने कहा कि यह अनुच्छेद सम्मानजनक अंतरराष्ट्रीय संबंधों को विकसित करने और संघर्षों को शांतिपूर्ण ढंग से हल करने के लिए नैतिक मार्ग का अनुसरण करने के लिए हम सभी को प्रेरित करता है। उन्होंने समारोह को प्रेरणादायक बताते हुए कहा कि 26 नवंबर 2024 को संविधान अंगीकरण के 75 वर्ष पूरे होंगे। यह संविधान के अंगीकृत होने के अमृत महोत्सव वर्ष की शुरुआत के दौरान आयोजित हो रहा है।

‘युद्ध समस्याओं का समाधान नहीं है’
योगी आदित्यनाथ ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा संयुक्त राष्ट्र के ‘समिट ऑफ दि फ्यूचर’ में दिये गये संबोधन की चर्चा करते हुए कहा कि युद्ध समस्याओं का समाधान नहीं है। युद्ध ने दुनिया के ढाई अरब बच्चों के भविष्य को खतरे में डाला है। उन्होंने दुनिया के नेताओं से आग्रह किया कि वे एकजुट होकर आने वाली पीढ़ियों के लिए स्वच्छ, सुरक्षित और भयमुक्त समाज का निर्माण करें। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सम्मेलन को वैश्विक संवाद और सहयोग का मंच बताते हुए विश्वास व्यक्त किया कि अनुच्छेद 51 की भावना के अनुरूप यह आयोजन विश्व कल्याण के मार्ग को प्रशस्त करेगा। उन्होंने दुनिया भर के न्यायाधीशों से इस दिशा में सक्रिय योगदान देने का भी आह्वान किया।

‘भारत विश्व शांति और सुरक्षा के प्रति प्रतिबद्ध’
मुख्यमंत्री ने संविधान के अनुच्छेद 51 की चर्चा करते हुए कहा कि यह वैश्विक शांति और सौहार्द की दिशा में भारत की सोच को दर्शाता है। उन्होंने कहा कि यह अनुच्छेद संघर्षों के शांतिपूर्ण समाधान और सभी देशों के बीच सम्मानजनक संबंधों को बढ़ावा देने का संदेश देता है। मुख्यमंत्री ने भारत की भूमिका पर प्रकाश डालते हुए कहा कि संयुक्त राष्ट्र जैसे अंतरराष्ट्रीय मंचों पर भारत की सक्रिय भागीदारी से यह स्पष्ट होता है कि भारत विश्व शांति और सुरक्षा के प्रति प्रतिबद्ध है।

सीएमएस के संस्थापक को दी श्रद्धांजलि
सीएमएस के संस्थापक डॉ. जगदीश गांधी को श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि उनकी दूरदृष्टि और प्रयासों से यह सम्मेलन एक महत्वपूर्ण मंच बना है। उन्होंने डॉ. भारती गांधी और गीता गांधी को इस कार्यक्रम को अनवरत जारी रखने के लिए धन्यवाद दिया।

इस अवसर पर हंगरी की पूर्व राष्ट्रपति, हैती रिपब्लिक के पूर्व प्रधानमंत्री सहित दुनिया के 56 देशों से आए हुए न्यायमूर्तिगण, सीएमएस की संस्थापक निदेशक डॉ भारती गांधी, प्रबंधक गीता गांधी किंगडन समेत स्कूली बच्चे और अभिभावकगण मौजूद रहे।

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