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प्रादेशिक

दिल्ली में खाप पंचायत का फरमान, शादी नहीं होने देंगे इन दोनों की

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नई दिल्ली। अभी तक आपने देश के गांवों में खाप पंचायत को फैसला सुनाते देखा होगा,  मगर अब राष्ट्रीय राजधानी में दिल्ली में एक पंचायत शादी में रोड़ा बन गई है।

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शनिवार को दिल्ली के रघुबीर नगर में बावरी समाज के लोगों ने यंग कपल की शादी के मामले में एक पार्क में पंचायत बैठाई। इस खाप पंचायत का कहना है कि अगर यह शादी की हुई, तो हमसे बुरा कोई नहीं होगा।

दरअसल, युवती राखी और युवक अमित एक-दूसरे से शादी करना चाहते हैं। दोनों के परिवार भी राज़ी है, लेकिन समाज इस शादी के लिए राज़ी नहीं हुए। समाज का कहना है कि इन दोनों का एक ही गोत्र है जिससे ये दोनों शादी नहीं कर सकते क्‍योंकि इस तरह वे रिश्ते में भाई-बहन हुए।

इस कहानी में एक और मोड़ है। राखी दिव्यांग है और उसका एक हाथ कटा हुआ है। इसके चलते इससे कोई रिश्‍ता नहीं जोड़ना चाहता। साफ है कि इस लड़की से कोई शादी नहीं करना चाहता था। मगर अमित और उसके परिवार ने राखी की इस खामी को नकारते हुए शादी का फैसला किया।

जब उनसे सवाल किया गया कि क्या आपके अपाहिज होने से रिश्ते में कोई दिक्कत आती थी तो उसका जवाब था हां।

राखी ने बताया कि दिव्यांग होने के कारण उससे कोई शादी नहीं करना चाहता था। मगर अब अमित मेरे साथ है। अमित का भी कहना है कि हम दोनों को शादी करनी ही है। जब खाप ने कहा कि लड़का और लड़की का एक ही गोत्र है, तो राखी की बुआ ने उनका समाज ही बदलवा दिया।

दरअसल, राखी की बुआ पंजाबी हैं और उन्होंने क़ानूनी रूप से राखी को गोद ले लिया है यानी अब राखी गुजराती समाज की नहीं रहीं। खैर राखी की दादी, जो बावरी समाज की ही है वह भी यही चाहती है कि दोनों की शादी हो जाए।

राखी की बुआ ने बताया कि उन्होंने उसको गोद लिया है। राखी की दीदी का कहना है कि दोनों की शादी हो जानी चाहिए। हालांकि इस पर खाप का कहना है कि हम कानून को नहीं मानते। हमारा समाज अलग है। हमारे कानून अलग हैं हम इन दोनों कि शादी नहीं होने देंगे फिर चाहे कुछ भी हो जाएं।

IANS News

महाकुंभ में बिछड़ने वालों को अपनों से मिलाएंगे एआई कैमरे, फेसबुक और एक्स भी करेंगे मदद

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प्रयागराज। महाकुंभ की तैयारियों को अंतिम रूप देने में लगी योगी आदित्यनाथ सरकार पहली बार इतने व्यापक स्तर पर महाआयोजन का डिजिटलाइजेशन कर रही है। यहां एआई की मदद से ऐसे कैमरे लगाए जा रहे हैं, जो 45 करोड़ श्रद्धालुओं की हिफाजत में 24 घंटे तैनात रहेंगे। एआई लाइसेंस वाले इन कैमरों के साथ ही फेसबुक और एक्स जैसे सोशल मीडिया प्लेटफ़ॉर्म भी बिछड़ने वाले परिजनों को खोजने में तत्काल मदद करेंगे।

मदद करेगा डिजिटल खोया पाया केंद्र

इस बार महाकुंभ में देश विदेश से बड़ी संख्या में आने वाले लोगों को अपनों को खोने का डर नहीं सताएगा। मेला प्रशासन ने इसकी व्यापक कार्ययोजना तैयार की है। इसके लिए डिजिटल खोया पाया केंद्र को एक दिसंबर से लाइव किया जाएगा। इसके माध्यम से 328 एआई लाइसेंस वाले कैमरे पूरे मेला क्षेत्र पर नजर रखेंगे। इन सभी कैमरों का परीक्षण कर लिया गया है। पूरे मेला क्षेत्र को इन विशेष कैमरों से लैस किया जा रहा है। योगी सरकार के निर्देश पर बड़े पैमाने पर कैमरे इंस्टॉल करने का काम अपने अंतिम चरण में है। मेला क्षेत्र की चार लोकेशन पर इन विशेष एआई कैमरों का परीक्षण भी किया जा चुका है।
महाकुंभ में अब कोई भी अपना बिछड़ने नहीं पाएगा।

पलक झपकते काम करेगी तकनीक

महाकुंभ 2025 में शामिल होने वाले श्रृद्धालुओं के लिए सरकार ने ऐसे डिजिटल खोया-पाया केंद्रों की स्थापना की है, जो तकनीक के सहारे चलेंगे और पलक झपकते ही अपनों से मिलाएंगे। इसमें हर खोए हुए व्यक्ति का डिजिटल पंजीकरण तुरंत किया जाएगा। पंजीकरण होने के बाद एआई कैमरे गुमशुदा की तलाश में जुट जाएंगे। यही नहीं, गुमशुदा की जानकारी को फेसबुक और एक्स जैसे सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स पर भी शेयर किया जाएगा। यह व्यवस्था महाकुंभ मेले को न केवल सुरक्षित बनाएगी, बल्कि परिवारों को जल्दी और आसानी से अपने प्रियजनों से जोड़ने का काम करेगी।

फोटो से मिलान करेगा एआई

महाकुंभ में अपनों से बिछड़ने वाले व्यक्तियों की पहचान के लिए फेस रिकग्निशन तकनीक का उपयोग किया जाएगा। यह तत्काल काम करेगा। यहां 45 करोड़ लोगों के आने की संभावना है। ऐसे में एआई कैमरे तत्काल फोटो खींचकर व्यक्ति की पहचान कर लेंगे। इस काम में सोशल मीडिया भी तत्पर रहेगा।

पहचान का देना होगा प्रमाण

जो भी व्यक्ति महाकुंभ मेले में अपनों से बिछड़ेगा, उसका सुरक्षित, व्यवस्थित और जिम्मेदार प्रणाली के तहत ख्याल भी रखा जाएगा। किसी भी वयस्क को बच्चे या महिला को ले जाने से पहले सुनिश्चित करना होगा कि वह उसे पहचानते हैं और उनकी पहचान प्रमाणिक है।

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