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दिल्ली में प्रदूषण से हाहाकार, चार राज्यों के पर्यावरण मंत्रियों की बैठक आज
नई दिल्ली। दिल्ली और आसपास के राष्ट्रीय राजधानी के क्षेत्र (एनसीआर) दमघोंटू प्रदूषण से जूझ रहे हैं। इन इलाकों को गैस चेंबर जैसी शक्ल दे देने वाली अभूतपूर्व धुंध से हाहाकर मच गया है। प्रदूषण के बिगड़ते गंभीर हालात के बीच सोमवार को केंद्रीय पर्यावरण मंत्रालय ने पड़ोसी राज्यों के साथ उच्च स्तरीय बैठक बुलाई है। इसमें समस्या से निपटने के लिए रणनीति पर चर्चा की जाएगी। केंद्रीय पर्यावरण मंत्री अनिल दवे की अध्यक्षता में ये बैठक सोमवार दोपहर दिल्ली के पर्यावरण भवन में होगी। बैठक में दिल्ली, पंजाब, राजस्थान और हरियाणा के पर्यावरण मंत्री हिस्सा लेंगे।
प्रदूषण से निपटने के लिए दिल्ली सरकार ने रविवार को कई कदम उठाने की घोषणा की। प्रदूषण से निपटने और बचने के उपाय के तहत सभी स्कूलों को अगले तीन दिनों तक बंद रखा जाएगा। दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल ने इस संकट से निपटने के लिए अगले पांच दिनों तक इमारतों के निर्माण और इनमें किसी तरह की तोडफ़ोड़ या उन्हें ढहाने पर रोक भी लगा दी है। साथ ही डीजल से चलने वाले जेनरेटरों को भी अगले दस दिन तक चलाने से रोक दिया गया है। लेकिन, अस्पताल और अन्य आपातकालीन सेवाएं ऐसे जेनरेटर का इस्तेमाल कर सकेंगी। केजरीवाल ने कहा है कि जेनरेटर से बचने के लिए जो कोई भी विद्युत कनेक्शन मांगेगा, उसे तुरंत कनेक्शन दिया जाएगा।
मुख्यमंत्री ने कहा कि दिल्ली में पर्यावरण के संकट पर आरोप-प्रत्यारोप का खेल नहीं होना चाहिए। उन्होंने यह भी कहा कि यह समस्या कहीं बड़ी है और इसमें पड़ोसी राज्य भी शामिल हैं जहां कहा जा रहा है कि किसान फसलों के अवशेष, पुआल जला रहे हैं। उन्होंने इस मामले में केंद्र के दखल की मांग की और कहा कि किसानों को ऐसी मदद देनी चाहिए जिससे वे अपनी इस कार्रवाई से दूर रहें।
केजरीवाल ने अपने मंत्रिमंडल की आपातकालीन बैठक की अध्यक्षता करने के बाद कहा, यह राजनीति को अलग कर (समस्या का) समाधान ढूंढऩे का समय है। आम आदमी पार्टी (आप) नेता ने कहा, प्रदूषण का स्तर पहले से ही काफी ज्यादा था। हमने विशेषज्ञों से सलाह ली है और हम कुछ आपातकालीन कदम उठा रहे हैं।
केजरीवाल ने कहा कि दक्षिण दिल्ली के बदरपुर के कोयला आधारित ताप बिजली संयंत्र को भी 10 दिनों के लिए बंद कर दिया जाएगा, जिससे काफी मात्रा में राख उठती है। संयंत्र के भीतर फैली राख पर पानी का छिडक़ाव किया जाएगा। उन्होंने कहा कि शहर की सडक़ों पर व्यापक पैमाने पर पानी का छिडक़ाव किया जाएगा और लोक निर्माण विभाग (पीडब्ल्यूडी) के अंतर्गत आने वाली सभी 100 फुट चौड़ी सडक़ों की 10 नवंबर से वैक्यूम क्लीनिंग शुरू की जाएगी।
केजरीवाल ने सूखी पत्तियों को जलाने पर प्रतिबंध को कड़ाई से लागू करने की भी घोषणा की। उन्होंने कहा कि जल्द ही एक एप जारी किया जाएगा, जिस पर इसके उल्लंघन से संबंधित जानकारी दी जा सकेगी। जिन इलाकों में इन्हें जलाया जाएगा, वहां के संबंधित अफसरों पर कार्रवाई होगी। केजरीवाल ने कहा कि नगर निगम प्रशासन को भी शहर में लैंडफिल साइट में आग पर काबू रखने को कहा गया है। उन्होंने लोगों से जहां तक संभव हो, घर में ही रहने और वहीं से काम करने की भी अपील की और कहा कि वाहनों को चलाने की सम-विषम प्रणाली (ऑड-इवेन स्कीम) को फिर से शुरू किया जा सकता है। केजरीवाल ने कहा कि दिल्ली सरकार प्रदूषण से निपटने के लिए कृत्रिम बारिश की संभावनाओं पर विचार कर रही है। लेकिन, इस पर विशेषज्ञों और केंद्र सरकार से सलाह-मशविरे की जरूरत है।
सेंटर फॉर साइंस एंड एनवायरमेंट (सीएसई) ने राष्ट्रीय राजधानी में मौजूदा धुंध की भयानक स्थिति से निपटने के लिए दिल्ली सरकार द्वारा घोषित आपात उपायों का स्वागत किया। सीएसई ने दिल्ली सरकार की कार्ययोजना का स्वागत करते हुए प्रदूषण से सतत तरीके से निपटने के लिए आपात उपायों और दीर्घकालिक उपायों के सख्त क्रियान्वयन की मांग की, जिसमें सार्वजनिक परिवहन को मजबूत करना भी शामिल है।
दिल्ली के उपराज्यपाल नजीब जंग ने भी प्रदूषण को लेकर सोमवार दोपहर 3 बजे एलजी हाउस में बैठक बुलाई है। इसमें मुख्यमंत्री केजरीवाल और उनके मंत्रियों समेत कई अधिकारी शामिल होंगे। वहीं केंद्रीय पर्यावरण मंत्री अनिल दवे ने कहा है कि हम दिल्ली में हालात पर नजर रख रहे हैं, बैठक में ये चर्चा होगी कि हमें इस समस्या से निपटने के लिए जल्द से जल्द किस तरह के उपाय करने की जरूरत है।
उत्तर प्रदेश
उत्तर प्रदेश राज्य महिला आयोग का प्रस्ताव- पुरुष दर्जी नहीं ले सकेंगे महिलाओं की माप, जिम में महिला ट्रेनर जरुरी
लखनऊ। अगर आप महिला हैं तो ये खबर आपके लिए है। दरअसल, यूपी में महिलाओं की सुरक्षा को और मजबूत करने के लिए उ.प्र. राज्य महिला आयोग ने कुछ अहम फैसले लिए हैं जिसे जानना आपके लिए बेहद ज़रूरी हैं। शुक्रवार को आयोग की बैठक सम्पन्न हुई। इस दौरान महिलाओं की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए कई अहम फैसले लिए गए। जो की इस प्रकार हैं।
1- महिला जिम/योगा सेन्टर में, महिला ट्रेनर होना चाहिए तथा ट्रेनर एवं महिला जिम का सत्यापन अवश्य करा लिया जाये।
2-महिला जिम/योगा सेन्टर में प्रवेश के समय अभ्यर्थी के आधार कार्ड/निर्वाचन कार्ड जैसे पहचान पत्र से सत्यापन कर उसकी छायाप्रति सुरक्षित रखी जाये।
3- महिला जिम/योगा सेन्टर में डी.वी.आर. सहित सी.सी.टी.वी. सक्रिय दशा में होना अनिवार्य है।
4. विद्यालय के बस में महिला सुरक्षाकर्मी अथवा महिला टीचर का होना अनिवार्य है।
5. नाट्य कला केन्द्रों में महिला डांस टीचर एवं डी.वी.आर सहित सक्रिय दशा में सी.सी.टी.वी. का होना अनिवार्य है।
6. बुटीक सेन्टरों पर कपड़ों की नाप लेने हेतु महिला टेलर एवं सक्रिय सी.सी.टी.वी. का होना अनिवार्य है।
7. जनपद की सभी शिक्षण संस्थाओं का सत्यापन होना चाहिये।
8. कोचिंग सेन्टरों पर सक्रिय सी.सी.टी.वी. एवं वाशरूम आदि की व्यवस्था अनिवार्य है।
9. महिलाओं से सम्बन्धित वस्त्र आदि की ब्रिकी की दुकानों पर महिला कर्मचारी का होना अनिवार्य है।
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