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दिल्ली में रिकॉर्ड मतदान, 67 फीसदी वोट पड़े

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नई दिल्ली| दिल्ली के मतदाताओं ने चुनाव में 67.10 फीसदी वोटिंग करके एक नया रिकॉर्ड बना दिया है। दिल्ली के अब तक के इतिहास में न तो लोकसभा, न विधानसभा और न ही एमसीडी या किसी अन्य नगर निकाय के चुनावों में इतनी ज्यादा वोटिंग हुई है। 2013 के विधानसभा चुनाव में 65.63 प्रतिशत वोटिंग हुई थी, जबकि पिछले साल हुए लोकसभा चुनाव में दिल्ली में 65.10% वोटिंग हुई थी।

दिल्ली में विधानसभा चुनाव के लिए शनिवार सुबह आठ बजे शुरू हुआ मतदान शाम छह बजे शांतिपूर्ण समाप्त हो गया। निर्वाचन आयोग के अधिकारी ने कहा कि दिल्ली में शाम छह बजे तक 67.10 फीसदी लोगों ने मताधिकार का उपयोग किया। दिल्ली में पूर्वी दिल्ली जिले में 65.22 फीसदी, मध्य दिल्ली में 63.83 फीसदी, नई दिल्ली में 58.7 फीसदी, उत्तरी दिल्ली में 64.29 फीसदी, उत्तर-पूर्वी दिल्ली में 66.44 फीसदी, उत्तर-पश्चिमी दिल्ली में 62.05 फीसदी, दक्षिणी दिल्ली में 61.7 फीसदी, दक्षिण-पश्चिमी दिल्ली में 63.68 फीसदी और पश्चिमी दिल्ली में 64.31 फीसदी मतदान दर्ज किया गया। निर्वाचन आयोग ने कहा कि हालांकि शाम छह बजे के बाद भी कई स्थानों पर लोगों को कतारों में देखा गया और उन्हें मतदान करने दिया गया।

दिल्ली चुनाव में 19 महिलाओं सहित कुल 673 उम्मीदवार मैदान में हैं। इन सभी उम्मीदवारों की किस्मत अब इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीनों (ईवीएम) में बंद हो गई है, जो कि 10 जनवरी को मतगणना के साथ खुलेगी। दिल्ली में कुल 1,33,09,078 मतदाता हैं, इनमें 73,89,089 पुरुष मतदाता और 59,19,127 महिला मतदाता हैं, जबकि 862 ‘थर्ड जेंडर (किन्नर)’ मतदाता हैं।मतदान के लिए कुल 12,177 मतदान केंद्र बनाए गए थे। इनमें से 714 को संवेदनशील और 191 को अति-संवेदनशील घोषित किया गया था। उत्तरी दिल्ली के बुराड़ी सीट पर सबसे अधिक 18 उम्मीदवार हैं, जबकि दक्षिणी दिल्ली के अंबेडकर नगर सीट से सबसे कम चार उम्मीदवार हैं।

दिल्ली विधानसभा चुनाव के तहत मतदान शांतिपूर्वक संपन्न कराने और कानून एवं व्यवस्था बनाए रखने के लिए राष्ट्रीय राजधानी में अर्धसैनिक बलों के साथ-साथ 55,000 पुलिसकर्मियों को तैनात किया गया था। मुख्य मुकाबला तीन पाíटयों-आम आदमी पार्टी (आप), भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) और कांग्रेस के बीच है। चुनाव परिणाम 10 फरवरी को घोषित किए जाएंगे। गौरतलब है कि 2013 के विधानसभा चुनाव में भाजपा 31 सीटों के साथ सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी थी, जबकि पहली बार चुनाव में उतरी आप को 28 सीटें मिली थीं। कांग्रेस को सिर्फ आठ सीटों पर संतोष करना पड़ा था।

त्रिशंकु विधानसभा के बीच आप ने कांग्रेस के समर्थन से सरकार बनाई थी, लेकिन मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने सदन में दिल्ली जन लोकपाल विधेयक पारित नहीं करा पाने के कारण 14 फरवरी, 2014 को अपने पद से इस्तीफा दे दिया था, जिसके बाद 17 फरवरी को यहां राष्ट्रपति शासन लागू कर दिया गया था। आप के मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार केजरीवाल नई दिल्ली सीट से उम्मीदवार हैं, जिन्होंने पिछले चुनाव में तत्कालीन मुख्यमंत्री शीला दीक्षित को इसी सीट से करीब 26,000 वोट से हराया था। वहीं भाजपा की तरफ से पूर्व आईपीएस अधिकारी किरण बेदी को मुख्यमंत्री पद का उम्मीदवार बनाया गया है, जो पूर्वी दिल्ली की कृष्णा नगर सीट से चुनाव लड़ रही हैं।

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बदल गई उपचुनावों की तारीख! यूपी, केरल और पंजाब में बदलाव पर ये बोला चुनाव आयोग

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नई दिल्ली। विभिन्न उत्सवों के कारण केरल, पंजाब और उत्तर प्रदेश में विधानसभा क्षेत्रों में उपचुनाव 13 नवंबर की जगह 20 नवंबर को होंगे। कांग्रेस, भाजपा, बसपा, रालोद और अन्य राष्ट्रीय और राज्य दलों के अनुरोध पर चुनाव आयोग ने ये फैसला लिया है।

विभिन्न उत्सवों की वजह से कम मतदान की किसी भी संभावना को खारिज करने के लिए, चुनाव आयोग ने ये फैसला लिया है। ऐसे में ये साफ है कि अब यूपी, पंजाब और केरल में उपचुनाव 13 नवंबर की जगह 20 नवंबर को होंगे।

चुनाव आयोग के मुताबिक राष्ट्रीय और राज्य स्तर की पार्टियों की ओर से उनसे मांग की गई थी कि 13 नवंबर को होने वाले विधानसभा उपचुनाव की तारीख में बदलाव किया जाए, क्योंकि उस दिन धार्मिक, सामाजिक कार्यक्रम हैं। जिसके चलते चुनाव संपन्न करवाने में दिक्कत आएगी और उसका असर मतदान प्रतिशत पर भी पड़ेगा।

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