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प्रादेशिक

दिल्ली में वोटिंग शनिवार को, भाजपा-आप में मुख्य मुकाबला

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नई दिल्ली| दिल्ली में विधानसभा चुनाव के लिए मतदान शनिवार सात फरवरी को होना है, जिसके लिए तैयारियां पूरी की जा चुकी है। प्रचार का शोर गुरुवार शाम ही थम गया। चुनाव में आम आदमी पार्टी (आप) और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के बीच मुख्य मुकाबला माना जा रहा है। कांग्रेस को इस दौड़ में नहीं शामिल किया गया है। दिल्ली विधानसभा चुनाव में कुल 673 उम्मीदवार मैदान में हैं, जिनमें से केवल 19 महिलाएं हैं। सभी उम्मीदवारों की किस्मत का फैसला शनिवार को इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन (ईवीएम) में बंद हो जाएगा।

राष्ट्रीय राजधानी के कुल 1 करोड़ 33 लाख 9 हजार 78 मतदाता इन उम्मीदवारों की किस्मत का फैसला करेंगे। दिल्ली में मतदान के लिए कुल 12,777 केंद्र बनाए गए हैं। इनमें से 191 को अति-संवेदनशील घोषित किया गया है। मुख्य निर्वाचन अधिकारी ने गुरुवार को चुनाव प्रचार थमने के बाद एक संवाददाता सम्मेलन में कहा कि कुल 741 मतदान केंद्रों को संवेदनशील मतदान केंद्रों के रूप में चिन्हित किया गया है। वहीं 191 मतदान केंद्रों को अति-संवेदनशील बताया गया है।

गौरतलब है कि 2013 के विधानसभा चुनाव में भाजपा 31 सीटों के साथ सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी थी, जबकि पहली बार चुनाव में उतरी आप को 28 सीट मिली थी। कांग्रेस को सिर्फ आठ सीटों पर संतोष करना पड़ा था। त्रिशंकु विधानसभा के बीच आप ने कांग्रेस के समर्थन से सरकार बनाई थी, लेकिन मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने 14 फरवरी, 2014 को दिल्ली जन लोकपाल विधेयक पारित नहीं करा पाने के कारण अपने पद से इस्तीफा दे दिया था, जिसके बाद 17 फरवरी को यहां राष्ट्रपति शासन लागू कर दिया गया था।

आप के मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार केजरीवाल नई दिल्ली सीट से चुनाव लड़ रहे हैं, जिन्होंने पिछले चुनाव में तत्कालीन मुख्यमंत्री शीला दीक्षित को इसी सीट से करीब 26,000 वोट से हराया था। वहीं भाजपा की तरफ से पूर्व आईपीएस अधिकारी किरण बेदी को मुख्यमंत्री पद का उम्मीदवार बनाया गया है, जो पूर्वी दिल्ली के कृष्णानगर से चुनाव लड़ रही हैं।

IANS News

वसुधैव कुटुंबकम’ भारत का शाश्वत संदेश : योगी आदित्यनाथ

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लखनऊ। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने ‘वसुधैव कुटुंबकम’ के आदर्श वाक्य के महत्व पर जोर देते हुए इसे भारत की वैश्विक मानवता के प्रति प्रतिबद्धता का प्रतीक बताया है। उन्होंने इसे भारत का शाश्वत संदेश बताते हुए कहा कि हमने हमेशा से शांति, सौहार्द और सह-अस्तित्व को प्राथमिकता दी है। सीएम योगी ने यह बात शुक्रवार को एलडीए कॉलोनी, कानपुर रोड स्थित सिटी मॉन्टेसरी स्कूल (सीएमएस) के वर्ल्ड यूनिटी कन्वेंशन सेंटर में विश्व के मुख्य न्यायाधीशों के 25वें अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन का उद्घाटन करने के दौरान अपने संबोधन में कही। कार्यक्रम में 56 देशों के 178 मुख्य न्यायाधीश और डेलिगेट्स ने भाग लिया।

‘अनुच्छेद 51 की भावनाओं को विश्व शांति और सुरक्षा के लिए प्रेरक’
अपने संबोधन में मुख्यमंत्री ने भारत के संविधान के अनुच्छेद 51 की भावनाओं को विश्व शांति और सुरक्षा के लिए प्रेरक बताया। उन्होंने कहा कि यह अनुच्छेद सम्मानजनक अंतरराष्ट्रीय संबंधों को विकसित करने और संघर्षों को शांतिपूर्ण ढंग से हल करने के लिए नैतिक मार्ग का अनुसरण करने के लिए हम सभी को प्रेरित करता है। उन्होंने समारोह को प्रेरणादायक बताते हुए कहा कि 26 नवंबर 2024 को संविधान अंगीकरण के 75 वर्ष पूरे होंगे। यह संविधान के अंगीकृत होने के अमृत महोत्सव वर्ष की शुरुआत के दौरान आयोजित हो रहा है।

‘युद्ध समस्याओं का समाधान नहीं है’
योगी आदित्यनाथ ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा संयुक्त राष्ट्र के ‘समिट ऑफ दि फ्यूचर’ में दिये गये संबोधन की चर्चा करते हुए कहा कि युद्ध समस्याओं का समाधान नहीं है। युद्ध ने दुनिया के ढाई अरब बच्चों के भविष्य को खतरे में डाला है। उन्होंने दुनिया के नेताओं से आग्रह किया कि वे एकजुट होकर आने वाली पीढ़ियों के लिए स्वच्छ, सुरक्षित और भयमुक्त समाज का निर्माण करें। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सम्मेलन को वैश्विक संवाद और सहयोग का मंच बताते हुए विश्वास व्यक्त किया कि अनुच्छेद 51 की भावना के अनुरूप यह आयोजन विश्व कल्याण के मार्ग को प्रशस्त करेगा। उन्होंने दुनिया भर के न्यायाधीशों से इस दिशा में सक्रिय योगदान देने का भी आह्वान किया।

‘भारत विश्व शांति और सुरक्षा के प्रति प्रतिबद्ध’
मुख्यमंत्री ने संविधान के अनुच्छेद 51 की चर्चा करते हुए कहा कि यह वैश्विक शांति और सौहार्द की दिशा में भारत की सोच को दर्शाता है। उन्होंने कहा कि यह अनुच्छेद संघर्षों के शांतिपूर्ण समाधान और सभी देशों के बीच सम्मानजनक संबंधों को बढ़ावा देने का संदेश देता है। मुख्यमंत्री ने भारत की भूमिका पर प्रकाश डालते हुए कहा कि संयुक्त राष्ट्र जैसे अंतरराष्ट्रीय मंचों पर भारत की सक्रिय भागीदारी से यह स्पष्ट होता है कि भारत विश्व शांति और सुरक्षा के प्रति प्रतिबद्ध है।

सीएमएस के संस्थापक को दी श्रद्धांजलि
सीएमएस के संस्थापक डॉ. जगदीश गांधी को श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि उनकी दूरदृष्टि और प्रयासों से यह सम्मेलन एक महत्वपूर्ण मंच बना है। उन्होंने डॉ. भारती गांधी और गीता गांधी को इस कार्यक्रम को अनवरत जारी रखने के लिए धन्यवाद दिया।

इस अवसर पर हंगरी की पूर्व राष्ट्रपति, हैती रिपब्लिक के पूर्व प्रधानमंत्री सहित दुनिया के 56 देशों से आए हुए न्यायमूर्तिगण, सीएमएस की संस्थापक निदेशक डॉ भारती गांधी, प्रबंधक गीता गांधी किंगडन समेत स्कूली बच्चे और अभिभावकगण मौजूद रहे।

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