Connect with us
https://aajkikhabar.com/wp-content/uploads/2020/12/Digital-Strip-Ad-1.jpg

मुख्य समाचार

दिल्ली सरकार का बड़ा फैसला, लोग एक दिन छोड़कर ही निकाल सकेंगे गाड़ी

Published

on

Loading

नई दिल्ली। प्रदूषण से निजात पाने के लिए दिल्ली में एक जनवरी, 2016 से एक दिन सम और अगले दिन विषम संख्या वाले वाहनों के परिचालन की एक नई व्यवस्था लागू करने का दिल्ली सरकार ने शुक्रवार को निर्णय लिया है। एक आधिकारिक सूत्र ने बताया कि यह फैसला मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की अध्यक्षता में हुई एक बैठक में लिया गया।

यह व्यवस्था सीएनजी से चलने वाली बसों, टैक्सियों और ऑटो रिक्शा पर लागू नहीं होगी, लेकिन यह बाहर से दिल्ली में प्रवेश करने वाले वाहनों पर भी लागू होगी। चीन की राजधानी बीजिंग में भी 2013 में इस तरह की व्यवस्था लागू की गई थी। यह फैसला दिल्ली में पंजीकृत करीब 90 लाख वाहनों पर लागू होगा। शहर में हर रोज करीब डेढ़ हजार नए वाहन पंजीकृत होते हैं। इन वाहनों में कारों की संख्या करीब 27 लाख है।

राज्य सरकार ने बदरपुर के कोयला आधारित एनटीपीसी के बिजली घर को भी बंद करने का फैसला किया है। सरकार एक एप भी लांच करेगी, जिसके माध्यम से आम जनता, प्रदूषण फैलाने वाले वाहनों की शिकायत दर्ज करा सकेगी।

एक दिन पहले दिल्ली उच्च न्यायालय ने शहर को एक गैस चैंबर की संज्ञा देते हुए केंद्र और राज्य सरकार से इस दिशा में अविलंब कदम उठाने के लिए कहा था। केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के मुताबिक, दिल्ली के वायु की गुणवत्ता बहुत बुरी है। इसका वायु गुणवत्ता सूचकांक 331 है। 301 से 400 के बीच के वायु गुणवत्ता सूचकांक का मतलब यह है कि इस हवा में यदि अधिक समय तक रहा जाए, तो श्वास संबंधी रोग पैदा हो सकता है। इससे पहले उठाए गए कदमों से दिल्ली में प्रदूषण के स्तर में विशेष सुधार नहीं हुआ है। अक्टूबर में नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल ने शहर में प्रवेश करने वाले वाणिज्यिक वाहनों पर पर्यावरण कर की घोषणा की थी।

इसके बाद दिल्ली उच्च न्यायालय ने सभी निजी रेडियो टैक्सी को एक मार्च, 2016 से पहले सीएनजी अपनाने का आदेश दिया था। गैर सरकारी संगठन ग्रीनपीस ने हाल ही में कहा था कि दिल्ली में घरों के अंदर की वायु में प्रदूषण का स्तर भारतीय मानक के मुताबिक खुली हवा के मुकाबले पांच गुना अधिक है। विश्व स्वास्थ्य संगठन ने हालांकि कहा है कि यह निर्धारित स्तर से 11 गुना अधिक है।

प्रादेशिक

IPS अधिकारी संजय वर्मा बने महाराष्ट्र के नए डीजीपी, रश्मि शुक्ला के ट्रांसफर के बाद मिली जिम्मेदारी

Published

on

Loading

महाराष्ट्र। महाराष्ट्र के नए डीजीपी का कार्यभार IPS संजय वर्मा को सौंपा गया है। आईपीएस संजय वर्मा को केंद्रीय चुनाव आयोग ने महाराष्ट्र के नए पुलिस महानिदेशक के रूप में नियुक्त किया है। कुछ ही दिनों में महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव है। उससे पहले चुनाव आयोग ने राज्य कांग्रेस प्रमुख नाना पटोले की शिकायत मिलने के बाद डीजीपी रश्मि शुक्ला के तबादले का आदेश दिया था।

कौन हैं IPS संजय वर्मा?

IPS संजय वर्मा 1990 बैच के पुलिस अधिकारी हैं। वह महाराष्ट्र में वर्तमान में कानून और तकनीकी के डीजी के रूप में कार्यरत रहे। वह अप्रैल 2028 में सेवानिवृत्त पुलिस सेवा से रिटायर होंगे। दरअसल, डीजीपी रश्मि शुक्ला को लेकर सियासी दलों के बीच पिछले कुछ समय से माहौल गर्म था। कांग्रेस के बाद उद्धव गुट की शिवसेना ने भी चुनाव आयोग को पत्र लिखकर उन्हें हटाने की मांग की थी।

कांग्रेस ने रश्मि शुक्ला की निष्पक्षता पर सवाल उठाते हुए चुनाव आयोग से उन्हें महानिदेशक पद से हटाने की मांग की थी। कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष नाना पटोले ने उन पर आरोप लगाया था कि वह बीजेपी के आदेश पर सरकार के लिए काम कर रही हैं।

Continue Reading

Trending