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अन्तर्राष्ट्रीय

दुबई : भारतीय मूल की महिला को उम्रकैद

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दुबई| भारतीय मूल की एक 30 वर्षीय आया को दुबई में एक 11 महीने की बच्ची की हत्या के आरोप में स्थानीय अदालत ने दोषी ठहराते हुए उम्रकैद की सजा सुनाई गई है। महिला ने इस अपराध को इसी साल जनवरी महीने में अंजाम दिया था। महिला की पहचना आर. टी. (संक्षिप्त नाम) के तौर पर हुई है। मृत बच्ची के माता-पिता 18 जनवरी को जब अपने दफ्तर के लिए, तो उसके बाद महिला ने उसकी गला घोंट कर हत्या कर दी थी। फोरेंसिक जांच में भी इस बात की पुष्टि हुई कि बच्ची की मौत गला घोंटकर की गई है।

गल्फ न्यूज की रपट के मुताबिक, पीठासीन न्यायाधिकारी इज्जत अब्दुल-लात ने सोमवार को महिला को पूर्व नियोजित हत्या का दोषी ठहराते हुए उसे उम्रकैद की सजा सुनाई। रोते हुए अपनी दलील में आरोपी आया ने कहा, “मैंने उस बच्ची की हत्या नहीं की, उसे तो मैं अपने बच्चे की तरह प्यार करती थी। मैं खुद भी दो बच्चे की मां हूं, इस बात का सवाल ही नहीं उठता कि मैं किसी की हत्या कर सकती हूं।”

उस पर आरोप है कि उसने बच्चे के गले को कपड़े से लपेट दिया और शोर मचाने से रोकने के लिए उसका गला घोट दिया। आरोपी महिला ने उसके बिस्तर पर बच्चे के निस्तब्ध पड़े रहने की परवाह न करते हुए अपना दैनिक काम शुरू कर दिया था।

एक पुलिस अधिकारी ने बताया कि अभियुक्त ने इस बात को स्वीकार्य किया है कि उसने बच्चे की हत्या की थी, क्योंकि वारदात से एक माह पहले भारत में उसकी मां की मौत हो गई थी और इसीलिए वह परेशान रहती थी।  अधिकारी ने बताया, “महिला ने बताया था कि उसके मालिक ने उसे भारत भेजने से मना कर दिया था, वे चाहते थे कि वह उनके बच्चे की देखभाल करे क्योंकि उन्होंने उसे भारत से दुबई लाने में ढेरों पैसे खर्च किए हैं।”

अन्तर्राष्ट्रीय

तनावमुक्त रहना चाहते हैं तो सोशल मीडिया से एक हफ्ते के लिए बना लें दूरी, शोध में हुआ खुलासा

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नई दिल्ली। अगर आप भी तनावमुक्त और चिंतामुक्त रहना चाहते हैं तो सोशल मीडिया साइट्स फेसबुक, वाट्सएप, इंस्टाग्राम से दूरी बना लें। ऐसा हम नहीं कह रहे बल्कि एक शोध में ये बात सामने आई है। साइबरसाइकोलॉजी, बिहेवियर एंड सोशल नेटवर्किं ग जर्नल में प्रकाशित अध्ययन के मुताबिक, सोशल मीडिया से मात्र एक सप्ताह की दूरी स्वास्थ्य के लिये बेहतर साबित होती है और इससे तनाव तथा व्यग्रता के लक्षणों में कमी आती है।

बाथ यूनिवर्सिटी के मुख्य शोधकर्ता जेफ लैम्बर्ट ने कहा,हम जानते हैं कि सोशल मीडिया का बहुत इस्तमेाल होता है। इसी वजह से मानसिक स्वास्थ्य पर इसके प्रभाव को लेकर भी चिंता बढ़ी है। इस अध्ययन के माध्यम से हमने यह जानने की कोशिश कि क्या मात्र एक सप्ताह तक सोशल मीडिया का इस्तेमाल न करने से मानसिक स्वास्थ्य बेहतर होता है।

उन्होंने कहा, हमने शोध में पाया कि कई प्रतिभागियों ने मात्र एक सप्ताह तक सोशल मीडिया न इस्तेमाल करने पर अपने मूड को बेहतर पाया और उनमें व्यग्रता के लक्षण भी कम दिखे। इससे पता चलता है कि सोशल मीडिया से एक छोटा सा ब्रेक भी स्वास्थ्य के लिये सकारात्मक हो सकता है।

शोध के लिये 18 से 72 साल की आयु के 154 प्रतिभागियों पर शोध किया गया। इनमें से कुछ को कहा गया कि वे पहले की तरह सोशल मीडिया का इस्तेमाल करते रहें जबकि कुछ को इसे पूरी तरह बंद करने के लिये कहा गया। शोध की शुरूआत में ही सबके तनाव, चिंता और स्वास्थ्य का स्कोर ले लिया गया था। एक सप्ताह के बाद पाया गया कि जिन प्रतिभागियों ने सोशल मीडिया से दूरी बनाई थी, उनका मानसिक स्वास्थ्य दूसरे समूह के प्रतिभागियों से बेहतर था।

जिन प्रतिभागियों को सोशल मीडिया से दूर रहने के लिये कहा गया था, वे भी औसतन 21 मिनट सोशल मीडिया का इस्तेमाल कर रहे थे जबकि दूसरा समूह औसतन सात घंटे सोशल मीडिया पर था।

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