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दुर्गा विसर्जन पर लगी रोक को हाईकोर्ट ने हटाया, ममता सरकार को दिखाया आईना
मोहर्रम की वजह से दुर्गा प्रतिमा विसर्जन पर ममता बनर्जी के फ़रमान द्वारा रोक के मामले में आखिरकार कलकत्ता हाईकोर्ट ने सरकार को औंधे मुंह गिरा देने वाला फैसला सुनाया है।
बता दें कि, मोहर्रम की वजह से दुर्गा प्रतिमा विसर्जन पर बंगाल की ममता बेनर्जी सरकार ने रोक लगा दी थी।
इस रोक को कलकत्ता हाईकोर्ट ने आज हटा दिया। इसके साथ ही हाईकोर्ट ने राज्य सरकार व पुलिस प्रशासन से लेकर पूजा आयोजकों को निर्देश भी जारी किया है।
हाईकोर्ट के कार्यकारी मुख्य न्यायाधीश राकेश तिवारी व जस्टिस हरिश टंडन की पीठ ने गुरुवार को सुनवाई के बाद फैसला सुनाया कि दुर्गा प्रतिमाओं का विसर्जन हर दिन होगा।
ममता सरकार ने दशमी को रात दस बजे तक और एकादशी यानी एक अक्टूबर को प्रतिमा विसर्जन पर रोक लगाई थी।
इस रोक के खिलाफ हाईकोर्ट में तीन जनहित याचिका दायर हुई थी इसके बाद बुधवार को हाईकोर्ट ने राज्य सरकार को कड़ी फटकार भी लगाई थी।
हाईकोर्ट की पीठ ने कहा कि, दशहरा के दिन रात 12 बजे तक हर घाट पर प्रतिमा पहुंच जानी चाहिए।
उन्होंने कहा कि, पुलिस को मोहर्रम व दुर्गा प्रतिमा विसर्जन के लिए निकलने वाले जुलूस के लिए अलग-अलग रूट निर्धारित करना होगा। हालांकि हाईकोर्ट ने राज्य सरकार की प्रतिमा विसर्जन को लेकर जारी अधिसूचना को खारिज नहीं किया है।
कोर्ट ने सरकार को इस संबंध में हलफमाना जमा करने के लिए तीन सप्ताह का समय दिया है। साथ ही सुप्रीम कोर्ट में हाईकोर्ट के निर्देश को चुनौती देने के लिए शुक्रवार तक की ही मोहलत दी है।
उल्लेखनीय है कि पिछले वर्ष भी ममता सरकार को प्रतिमा विसर्जन पर रोक को लेकर मुंह की खानी पड़ी थी।
न्यायाधीश राकेश तिवारी एवं हरीश टंडन की खंडपीठ में मामले की सुनवाई शुरू होते ही न्यायाधीश ने राज्य सरकार से कहा कि अगर कहीं दंगे जैसे हालात बनते हैं तो दंगाइयों पर सबसे पहले वाटर कैनन का इस्तेमाल होता है फिर भी हालात नहीं संभलता तो आंसू गैस और बाद में हल्का लाठी चार्ज करना पड़ता है।
नेशनल
मशहूर लोक गायिका शारदा सिन्हा का निधन, दिल्ली एम्स में ली अंतिम सांस
नई दिल्ली। मशहूर लोक गायिका शारदा सिन्हा का निधन हो गया है। दिल्ली के एम्स में आज उन्होंने अंतिम सांस ली। वह लंबे समय से बीमार चल रहीं थी। एम्स में उन्हें भर्ती करवाया गया था। शारदा सिन्हा को बिहार की स्वर कोकिला कहा जाता था।
गायिका शारदा सिन्हा को साल 2018 में पद्म भूषण से सम्मानित किया गया था। शारदा सिन्हा का जन्म 1 अक्टूबर, 1952 को सुपौल जिले के एक गांव हुलसा में हुआ था। बेमिसाल शख्सियत शारदा सिन्हा को बिहार कोकिला के अलावा भोजपुरी कोकिला, भिखारी ठाकुर सम्मान, बिहार रत्न, मिथिलि विभूति सहित कई सम्मान मिले हैं। शारदा सिन्हा ने भोजपुरी, मगही और मैथिली भाषाओं में विवाह और छठ के गीत गाए हैं जो लोगों के बीच काफी प्रचलित हुए।
शारदा सिन्हा पिछले कुछ दिनों से एम्स में भर्ती थीं। सोमवार की शाम को शारदा सिन्हा को प्राइवेट वार्ड से आईसीयू में अगला शिफ्ट किया गया था। इसके बाद जब उनकी हालत बिगड़ी लेख उन्हें वेंटिलेटर सपोर्ट पर रखा गया। शारदा सिन्हा का ऑक्सीजन लेवल गिर गया था और फिर उनकी हालत हो गई थी। शारदा सिन्हा मल्टीपल ऑर्गन डिस्फंक्शन स्थिति में थीं।
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