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देवघर में भगदड़ की वजह आगे निकलने की होड़!

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मनोज पाठक

देवघर (झारखंड)। झारखंड के देवघर में बेलाबगान के पास सत्संग चौक पर मची भगदड़ में एक महिला सहित 11 कांवड़ियों की मौत और 30 से ज्यादा के घायल होने की वजह चार बजे सुबह मंदिर के पट खुलते ही वहां पहले पहुंचने की होड़ बताया जा रहा है। राज्य के नगर विकास मंत्री सी.पी. सिंह ने माना है कि मंदिर के रास्ते में ‘क्यू कॉम्प्लेक्स’ का निर्माण न होने के कारण यह हादसा हुआ। उन्होंने मंदिर की दर्शन व्यवस्था की समीक्षा की बात कही है।

घटनास्थल पर मौजूद कांवड़िये मदन कुमार बताते हैं कि बेलाबगान के पास यात्रियों के विश्राम के लिए एक पंडाल बनाया गया है, जिसमें रविवार की रात कम से कम 10 हजार कांवड़िये रुके थे। रात करीब 12 बजे देवघर के पुलिस अधीक्षक पी. मुरूगन यहां आकर निरीक्षण कर पुलिकर्मियों को निर्देश देकर चले गए थे। कुमार बताते हैं कि सुबह चार बजे मंदिर के पट खुलते ही वहां पहले पहुंचने की की आपाधापी मच गई। आराम कर रहे कांवड़िये अचानक मुख्य पंक्ति में न आकर ‘लूप लाइन’ में जाने लगे। करीब 15 हजार कांवड़िये एक साथ दौड़ पड़े। इसी दौरान कुछ लोग गिर गए और भगदड़ मच गई।

रावणेश्वर बैद्यनाथ मंदिर के मुख्य पुजारी पंडित दिवाकर मिश्र बताते हैं कि जहां पर घटना हुई है, वहां संकरी गलियां हैं और कांवड़ियों की संख्या अधिक होने के कारण धक्का खाकर कई कांवड़िये गिर पड़े। गिरे हुए कांवड़िये जब तक संभलकर उठते, तब तक कई कांवड़िये उन्हें कुचलते हुए आगे निकलते गए। उसी बीच पुलिस ने हल्का बल प्रयोग किया, जिससे स्थिति और बिगड़ गई। एक अन्य कांवड़िया श्यामनंदन हालांकि कहते हैं कि अगर पुलिस ने बल प्रयोग नहीं किया होता तो मृतकों की संख्या और ज्यादा हो सकती थी। पुलिस के बल प्रयोग करने के कारण ही जमीन पर गिरे कुछ लोग बच पाए।

देवघर (गोड्डा संसदीय क्षेत्र) के सांसद निशिकांत दूबे ने इस भगदड़ का कारण पर्याप्त व्यवस्था न होना बताया। उन्होंने आईएएनएस से कहा, “क्षेत्र के सांसद होने के नाते इस हादसे की जिम्मेदारी मैं लेता हूं। इस हादसे से बड़ी सीख मिली है।” भारतीय जनता पार्टी के सांसद दूबे ने केंद्र और राज्य सरकार से अपील की है कि इस तरह की घटना भविष्य में फिर कभी न हो, इसके लिए सरकार को दीर्घकालिक योजना पर विचार करना चाहिए। उन्होंने कहा कि इस विषय को लेकर कई बार उन्होंने कई आवाज उठाई, लेकिन अब तक कुछ नहीं हो सका।

इस बीच घटना की जांच को लेकर मुख्यमंत्री रघुवर दास ने गृह सचिव एस. एन. पांडेय के नेतृत्व में एक उच्चस्तरीय जांच कमेटी का गठन किया है। उन्होंने कहा कि जांच रिपोर्ट आने पर वह कुछ कह पाएंगे। उल्लेखनीय है कि देवघर का शिव मंदिर बारह ज्योतिर्लिगों में से एक है। यहां सावन में हजारों शिवभक्त गंगाजल चढ़ाने आते हैं। सुल्तानगंज में कांवड़िये गंगा जल भरते हैं और 105 किलोमीटर की पदयात्रा कर बैद्यनाथ ज्योतिर्लिग पर जलार्पण करते हैं।

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नेशनल

बीजेपी सांसद तेजस्वी सूर्या पर कर्नाटक में FIR दर्ज, फेक न्यूज फैलाने का है आरोप

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बेंगलुरु। बीजेपी सांसद तेजस्वी सूर्या पर कर्नाटक में एफआईआर दर्ज हुई है। तेजस्वी पर एक किसान की आत्महत्या के मामले को वक्फ बोर्ड के साथ भूमि विवाद से जोड़कर फर्जी खबर फैलाने का आरोप है। पुलिस ने स्पष्ट किया कि किसान की आत्महत्या का कारण कर्ज और फसल खराबी था, न कि जमीन का विवाद। इस मामले ने कर्नाटक में राजनीति को गरमा दिया है।

हावेरी जिले के पुलिस अधीक्षक ने इस मामले में बताया कि किसान की मौत जनवरी 2022 में हुई थी। उन्होंने कहा कि किसान ने आत्महत्या की वजह कर्ज और फसल नुकसान बताया गया था। पुलिस ने मामले की जांच पूरी करके रिपोर्ट भी प्रस्तुत कर दी थी। सूर्या की पोस्ट के बाद इस घटना को लेकर राजनीतिक हलचल तेज हो गई, और सोशल मीडिया पर चर्चाएं शुरू हो गईं।

कन्नड़ न्यूज पोर्टल के संपादकों पर भी FIR दर्ज

इस मामले में केवल तेजस्वी सूर्या ही नहीं, बल्कि दो कन्नड़ न्यूज़ पोर्टल के संपादकों के खिलाफ भी FIR दर्ज की गई है। इन पोर्टल्स ने एक हेडलाइन में दावा किया कि किसान की आत्महत्या वक्फ बोर्ड के भूमि विवाद से जुड़ी थी। पुलिस का कहना है कि इस प्रकार की गलत जानकारी किसानों में तनाव फैला सकती है और इसीलिए मामला दर्ज किया गया है।

वहीँ एफआईआर दर्ज होने के बाद तेजस्वी सूर्या ने इसपर सफाई दी है। उन्होंने कहा कि हाल ही में वक्फ भूमि के नोटिसों ने किसानों के बीच चिंता बढ़ाई है, जिसके चलते उन्होंने प्रारंभिक रिपोर्ट पर विश्वास किया।

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