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देश का नक्‍शा बदलने से निकलेगी विकास की राह

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पूर्व प्रधानमंत्री अटलबिहारी वाजपेयी, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, भूटान, नेपाल, बांग्लामदेश, भूमि सीमा समझौते, बांग्ला्देश यात्रा, उप्र के मुख्य्मंत्री अखिलेश यादव, बंगाल की सीएम ममता बनर्जी, राहुल गांधी

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पूर्व प्रधानमंत्री अटलबिहारी वाजपेयी ने एकबार कहा था कि इतिहास तो बदला जा सकता है परंतु भूगोल नहीं लेकिन उनके योग्‍य उत्‍तराधिकारी वर्तमान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भारत का भूगोल बदलकर इतिहास रच दिया है। मोदी की विदेश नीति लीक से अलग हटकर चल रही है। भारतीय उपमहाद्वीप के अपने पड़ोसियों के साथ मधुर संबंध बनाने की कड़ी में उनकी यह बांग्‍लादेश यात्रा कितनी सहायक होगी यह तो आने वाला वक्‍त बताएगा लेकिन मोदी के पड़ोसियों से कूटनीतिक, राजनैतिक व व्‍यापारिक संबंधों की लिस्‍ट में सबसे ऊपर पाकिस्‍तान का नाम नहीं है।

इससे पूर्व भारत के तमाम हुक्‍मरानों ने पड़ोसियों से संबंधों को सुदृढ़ करने की दिशा सबसे पहले पाकिस्‍तान का नाम रखा था लेकिन लीक से अलग हटकर कुछ करने की चाहत रखने वाले नरेंद्र मोदी ने भूटान, नेपाल और बांग्‍लादेश जैसे नजदीकी पड़ोसियों को साधकर पाकिस्‍तान को उसकी हैसियत बताने का काम किया है। इतिहास गवाह है कि भारत को पाकिस्‍तान की ओर से हमेशा धोखा ही मिला है ऐसे में यह वक्‍त की मांग है कि भारत अपने अन्‍य पड़ोसियों की तरफ कूटनीतिक दोस्‍ती का मजबूत हाथ बढ़ाए।

भारत और बांग्‍लादेश के बीच हुए भूमि सीमा समझौते से दोनो देशों के बीच की वर्षों पुरानी नागरिकता की समस्‍या का समाधान हो जाएगा। इस समझौते ने दोनों देशों के बीच पारस्‍परिक रिश्‍तों की एक नई शुरूआत की है। दोनों देशों के बीच दस्तावेजों के आदान प्रदान से 1974 में भारत और बांग्लादेश के बीच भूमि सीमा समझौते (एलबीए) को लागू करने का मार्ग प्रशस्त हुआ, जिसके तहत दोनों देशों के बीच 161 एनक्लेवों का आदान प्रदान किया गया है। बांग्लादेश को 111 सीमाई एनक्लेव हस्तांतरित किये गए, जबकि 51 एनक्लेव भारत का हिस्सा बनेंगे।

इस समझौते के तहत भारत को 500 एकड़ भूमि प्राप्त होगी, जबकि बांग्लादेश को 10 हजार एकड़ जमीन मिलेगी। इससे 50 हजार लोगों की नागरिकता का सवाल भी सुलझ जायेगा। भारत और बांग्लादेश के बीच 4,096 किलोमीटर लंबी सीमा लगती है और यह मुद्दा दोनों देशों के संबंधों में एक बड़ा अड़चन बना हुआ था। भारत बांग्‍लादेश ने तीन बस सेवाएं भी शुरू की हैं, भारत के गुवाहाटी, कोलकाता तथा अगरतला के लिए इन तीन बसों को बांग्‍लादेश के प्रधानमंत्री कार्यालय परिसर से रवाना किया गया।

इस बीच मोदी की विदेश यात्राओं पर उप्र के मुख्‍यमंत्री अखिलेश यादव की सकारात्‍मक प्रतिक्रिया स्‍वागतयोग्‍य है लेकिन सबसे बड़ी बधाई तो बंगाल की सीएम ममता बनर्जी को मिलनी चाहिए। मोदी से घोर राजनीतिक विरोध होने के बावजूद भी वे इस यात्रा पर उनके साथ गईं। राष्‍ट्रीय महत्‍व के विषयों पर राजनीतिक विरोध को दरकिनार कर दिया जाना चाहिए। हां, राहुल गांधी का स्‍वा‍भाविक विरोध आश्‍चर्यजनक नहीं है। उन्‍हें मुद्दों की समझ न होने का लाभ दिया जाना चाहिए। अच्‍छा हो कि विरोध करने से पूर्व राहुल गांधी मुद्दों का एकबार अध्‍ययन जरूर कर लें क्‍योंकि विरोध के लिए विरोध करने से उनकी पार्टी की वापसी संभव नहीं है।

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‘एक केजीबीवी, एक खेल’ योजना से 82,120 बालिकाओं को खेल में निपुण बनाएगी योगी सरकार

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लखनऊ। उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने कस्तूरबा गांधी आवासीय बालिका विद्यालयों में पढ़ने वाली 82,120 बालिकाओं की खेल प्रतिभाओं को राष्ट्रीय स्तर तक पहुंचाने का प्रयास तेज कर दिया है। सरकार इस उद्देश्य को ‘एक केजीबीवी, एक खेल’ योजना लागू कर साकार करेगी।

बेसिक शिक्षा राज्यमंत्री संदीप सिंह के नेतृत्व में इस योजना के अंतर्गत प्रत्येक विद्यालय में एक विशेष खेल का चयन किया जाएगा, जिसमें छात्राओं को विशेषज्ञ प्रशिक्षण दिया जाएगा। इस योजना से बालिकाएं खेल में निपुण होने के साथ-साथ शारीरिक, मानसिक और सामाजिक विकास भी प्राप्त करेंगी, जिससे वे समाज में एक सशक्त पहचान बना सकेंगी।

उत्तर प्रदेश के कस्तूरबा गांधी आवासीय बालिका विद्यालयों (केजीबीवी) में बालिकाओं की खेल प्रतिभा को निखारने और उन्हें राष्ट्रीय स्तर पर उभारने के उद्देश्य से ‘एक केजीबीवी, एक खेल’ योजना लागू की गई है। इस योजना का उद्देश्य पिछड़े और वंचित समुदायों की बालिकाओं को खेल के क्षेत्र में विशेष कौशल प्रदान करना है। इसके अंतर्गत प्रत्येक विद्यालय में एक विशेष खेल का चयन किया जाएगा, जिसमें छात्राओं को खेल विशेषज्ञों द्वारा प्रशिक्षित किया जाएगा। यह योजना पायलट प्रोजेक्ट के रूप में प्रत्येक जनपद के दो केजीबीवी में आरंभ की जाएगी और सफल होने पर इसे अन्य विद्यालयों में भी विस्तार दिया जाएगा।

राष्ट्रीय स्तर पर प्रतिस्पर्धा के लिए तैयार करना है उद्देश्य इस योजना का मुख्य उद्देश्य केजीबीवी में अध्ययनरत 82,120 छात्राओं को खेलों में प्रशिक्षित कर राज्य और राष्ट्रीय स्तर पर प्रतिस्पर्धा के लिए तैयार करना है। यह योजना छात्राओं को न केवल खेल किट और आधारभूत प्रशिक्षण प्रदान करेगी, बल्कि विभिन्न प्रतियोगिताओं में जनपद और राज्य स्तर पर चयनित करने की प्रक्रिया भी सुनिश्चित करेगी।

विद्यालय में खेल का चयन ऐसे होगा

प्रत्येक विद्यालय में एक खेल समिति का गठन किया जाएगा, जिसमें वार्डन, व्यायाम शिक्षिका, खेल प्रभारी और दो खिलाड़ी छात्राएं होंगी। यह समिति छात्राओं की रुचि और उपलब्ध संसाधनों के आधार पर एक खेल का चयन करेगी। चयनित खेल में प्रशिक्षण देने के लिए योग्य महिला प्रशिक्षक नियुक्त की जाएगी। आवश्यकतानुसार, बाहरी खेल प्रशिक्षकों की सहायता भी ली जा सकेगी।

विशेष प्रशिक्षण और स्वास्थ्य पर रहेगा विशेष ध्यान

योजना के अंतर्गत, खेल गतिविधियों के संचालन के लिए एक निर्धारित समय सारिणी होगी, जिसमें प्रशिक्षक छात्राओं को खेल की बारीकियां सिखाएंगे। बेहतर स्वास्थ्य के लिए पोषण और स्वास्थ्य जागरूकता कार्यक्रम भी आयोजित किए जाएंगे, जिसमें छात्राओं को आहार, पोषण और स्वास्थ्य के प्रति जागरूक किया जाएगा। बालिकाओं का स्वास्थ्य परीक्षण भी समय-समय पर किया जाएगा।

समाज और विभागीय सहयोग लिया जाएगा

पूर्व राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय स्तर के खिलाड़ियों को भी बुलाकर छात्राओं को प्रेरित किया जाएगा। उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाली बालिकाओं को स्थानीय स्तर पर पुरस्कृत भी किया जाएगा। इसके अलावा, विद्यालयों में खेल प्रतियोगिताओं के दौरान सम्मानित नागरिकों और विभागीय अधिकारियों को आमंत्रित कर छात्राओं का उत्साहवर्धन किया जाएगा।

खेल संघों और कॉर्पोरेट समूहों से भी लिया जाएगा सहयोग

योजना के सफल क्रियान्वयन के लिए राज्य और राष्ट्रीय स्तर के खेल संघों के साथ कॉर्पोरेट समूहों से भी सहयोग लिया जाएगा। कॉर्पोरेट समूहों की मदद से छात्राओं के लिए आवश्यक खेल सामग्री और अन्य सुविधाएं बेहतर तरीके से उपलब्ध कराई जाएंगी।

बालिकाओं का विशेष स्थानांतरण और अभिभावकों की ली जाएगी सहमति

चयनित छात्राओं को विशेष खेल प्रशिक्षण देने के लिए तीन महीने तक नोडल केजीबीवी में रखा जाएगा। इस दौरान उनके रहने, खाने और प्रशिक्षण की पूरी व्यवस्था होगी। इसके बाद, छात्राओं को उनके मूल केजीबीवी में वापस भेज दिया जाएगा। छात्राओं के स्थानांतरण से पूर्व उनके अभिभावकों से सहमति ली जाएगी।

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