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दोषियों के आजीवन चुनावी प्रतिबंध पर केंद्र से जवाब तलब

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केंद्रनई दिल्ली| दिल्ली उच्च न्यायालय ने शुक्रवार को एक याचिका पर केंद्र सरकार को नोटिस जारी कर जबाव मांगा है, जिसमें जनप्रतिनिधित्व कानून के कुछ प्रावधानों को असंवैधानिक घोषित करने की मांग की गई है। ये प्रावधान किसी भी व्यक्ति को दोषी करार दिए जाने के छह साल बाद चुनाव लड़ने की इजाजत देते हैं। मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति जी. रोहिणी और न्यायमूर्ति संगीता ढींगरा सहगल की खंडपीठ ने विधि और न्याय मंत्रालय और संसदीय कार्य मंत्रालय से अधिवक्ता अश्विनी उपाध्याय की याचिका पर जवाब मांगा है, जिसमें कहा गया है कि दोषी व्यक्तियों के चुनाव लड़ने पर आजीवन प्रतिबंध लगा देना चाहिए।

याचिकाकर्ता ने कहा है कि जनप्रतिनिधित्व कानून, 1951 की धारा आठ और नौ को असंवैधानिक घोषित कर दिया जाना चाहिए, क्योंकि इनके कारण दोषियों पर केवल छह साल के लिए ही प्रतिबंध लगता है। चिका में कहा गया है कि दोषियों के लिए अयोग्यता के नियम कार्यपालिका, न्यायपालिका और विधायिका पर अलग-अलग नहीं हो सकते।

कार्यपालिका और न्यायपालिका में, जब भी कोई व्यक्ति किसी अपराध के लिए दोषी ठहराया जाता है, वह स्वत: ही निलंबित हो जाता है और उसकी सेवाएं जीवन भर के लिए समाप्त हो जाती हैं। याचिका में कहा गया है कि हालांकि विधायिका में दोषी व्यक्ति पर यह नियम अलग ढंग से लागू किया जाता है।

उपाध्याय ने कहा कि यहां तक कि कोई व्यक्ति दोषी करार दिए जाने के बाद और सजा काटने के दौरान भी पार्टी बना सकता है, किसी राजनीतिक दल का पदाधिकारी बन सकता है, चुनाव लड़ सकता है और दोषसिद्धि की तारीख से छह वर्ष पूरे होने के बाद विधायिका का सदस्य बन सकता है।

याचिका में सवाल उठाया गया है कि दोषी व्यक्ति के चुनाव लड़ने, राजनीतिक दल गठित करने और किसी राजनीतिक दल का पदाधिकारी बनने पर आजीवन प्रतिबंध क्यों नहीं लगाया जाना चाहिए। याचिका में चुनाव लड़ने के लिए न्यूनतम शैक्षणिक योग्यता और अधिकतम उम्र तय किए जाने पर निर्देश की मांग भी की गई है।

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पाकिस्तान के खैबर पख्तूनख्वा में बड़ा आतंकी हमला, 38 लोगों की मौत

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पख्तूनख्वा। पाकिस्तान के खैबर पख्तूनख्वा में बड़ा आतंकी हमला हुआ है। इस हमले में 38 लोगों की मौत हो गई है। यह हमला खैबर पख्तूनख्वा के डाउन कुर्रम इलाके में एक पैसेंजर वैन पर हुआ है। हमले में एक पुलिस अधिकारी और महिलाओं समेत दर्जनों लोग घायल भी हुए हैं। जानकारी के मुताबिक उत्तर-पश्चिमी पाकिस्तान के अशांत प्रांत खैबर पख्तूनख्वा में आतंकियों ने शिया मुस्लिम नागरिकों को ले जा रहे यात्री वाहनों पर गोलीबारी की है। यह क्षेत्र में हाल के वर्षों में इस तरह का सबसे घातक हमला है। मृतकों की संख्या में इजाफा हो सकता है।

AFP की रिपोर्ट के मुताबिक इस हमले में 38 लोगों की मौत हुई है. पैसेंजर वैन जैसे ही लोअर कुर्रम के ओचुट काली और मंदुरी के पास से गुजरी, वहां पहले से घात लगाकर बैठे आतंकियों ने वैन पर अंधाधुंध गोलियां बरसानी शुरू कर दीं. पैसेंजर वैन पाराचिनार से पेशावर जा रही थी। पाकिस्तान की समाचार एजेंसी डॉन के मुताबिक तहसील मुख्यालय अस्पताल अलीजई के अधिकारी डॉ. ग़यूर हुसैन ने हमले की पुष्टि की है.

शिया और सुन्नी मुसलमानों के बीच तनाव 

अफगानिस्तान की सीमा से लगे कबायली इलाके में भूमि विवाद को लेकर शिया और सुन्नी मुसलमानों के बीच दशकों से तनाव बना हुआ है। किसी भी समूह ने घटना की जिम्मेदारी नहीं ली है। जानकारी के मुताबिक “यात्री वाहनों के दो काफिले थे, एक पेशावर से पाराचिनार और दूसरा पाराचिनार से पेशावर यात्रियों को ले जा रहा था, तभी हथियारबंद लोगों ने उन पर गोलीबारी की।” चौधरी ने बताया कि उनके रिश्तेदार काफिले में पेशावर से यात्रा कर रहे थे।

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