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नेशनल

द्रमुक, पीएमके ने बढ़े बस किराए वापस लेने की मांग की

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चेन्नई, 27 जनवरी (आईएएनएस)| तमिलनाडु में शनिवार को विपक्षी दलों ने बस किराए में वृद्धि के खिलाफ विरोध किया और इसे वापस लेने की मांग की। साथ ही द्रमुक ने राज्य परिवहन निगम के खिलाफ प्रदर्शन किया। पीएमके संस्थापक एस. रामदौस ने बढ़ी कीमतें वापस लेने की मांग करते हुए कहा कि किराए में वृद्धि के परिणामस्वरूप लोग यात्रा के वैकल्पिक साधनों को चुनेंगे जो राजस्व वृद्धि के उद्देश्य को नुकसान पहुंचाएगा।

द्रमुख नेता एम. के. स्टालिन ने यहां प्रदर्शन का नेतृत्व किया और बस किराया वृद्धि के फैसले को सरकार का कठोर कदम करार दिया, जो आम जनता को प्रभावित करेगा।

उन्होंने कहा कि सरकार ने बिना किसी से पूछे अतिरिक्त राजस्व के लिए बसों का किराया 66 फीसदी तक बढ़ा दिया।

स्टालिन के बेटे और अभिनेता उदायनिधी स्टालिन ने तामबारम के समीप यहां पार्टी के विरोध प्रदर्शन में भाग लिया।

कांग्रेस, आईयूएमएल, एमद्रमुक और अन्य समेत द्रमुख की सहयोगी पार्टियों ने आंदोलन में भाग लिया और राज्य की अन्नाद्रमुक सरकार की निंदा की।

रामदौस ने एक बयान में कहा कि इस वृद्धि से राज्य परिवहन निगम को रोजाना करीब 10 करोड़ रुपये का घाटा होगा।

उन्होंने कहा कि राज्य में रोजाना करीब 22 हजार सरकारी बसें 2.10 करोड़ यात्रियों को यात्रा कराती हैं और इस वृद्धि के बाद करीब 25 लाख यात्री परिवहन के दूसरे साधन जैसे रेलवे, निजी बसें, कैब शेयरिंग और अन्य का इस्तेमाल करेंगे, जिससे राज्य परिवहन निगम को रोजाना करीब 10 करोड़ रुपये का घाटा होगा।

रामदौस ने कहा, सरकार के स्वामित्व वाले परिवहन निगम के अधिकारियों ने इससे पहले कहा था कि वृद्धि के बाद रोजाना का राजस्व करीब 38 करोड़ रुपये होगा। लेकिन अब उनका कहना है कि रोजाना का राजस्व करीब 28 करोड़ रुपये है और इसलिए किराए में वृद्धि को वापस लिया जाना चाहिए।

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उत्तर प्रदेश

संभल में कैसे भड़की हिंसा, किस आधार पर हो रहा दावा, पढ़े पूरी रिपोर्ट

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संभल। संभल में एक मस्जिद के स्थान पर प्राचीन मंदिर होने और भविष्य में कल्कि अवतार के यहां होने के दावे ने हाल ही में काफी सुर्खियां बटोरी हैं. इस दावे के पीछे कई धार्मिक और ऐतिहासिक तथ्य बताए जा रहे है. उत्तर प्रदेश के संभल में कल्कि अवतार और उनके मंदिर को लेकर कई दावे पहले से ही किए जा रहे हैं. इसे लेकर धार्मिक मान्यताओं और शास्त्रों के आधार पर गहरी चर्चा हो भी रही है. हिंदू धर्म में कल्कि अवतार को भगवान विष्णु का दसवां और अंतिम अवतार माना गया है. ऐसा माना जाता है कि कलियुग के अंत में जब अधर्म और अन्याय अपने चरम पर होगा तब भगवान कल्कि अवतार लेकर पृथ्वी पर धर्म की स्थापना करेंगे.

कैसे भड़की हिंसा?

24 नवंबर को मस्जिद में हो रहे सर्वे का स्थानीय लोगों ने विरोध किया. पुलिस भीड़ को नियंत्रित करने के लिए मौके पर थी. सर्वे पूरा होने के बाद जब सर्वे टीम बाहर निकली तो तनाव बढ़ गया. भीड़ ने पुलिस पर पथराव शुरू कर दिया, जिसके कारण स्थिति बिगड़ गई और हिंसा भड़क उठी.

दावा क्या है?

हिंदू पक्ष का दावा है कि संभल में स्थित एक मस्जिद के स्थान पर प्राचीन काल में एक मंदिर था. इस मंदिर को बाबर ने तोड़कर मस्जिद बनवाई थी. उनका यह भी दावा है कि भविष्य में कल्कि अवतार इसी स्थान पर होंगे.

किस आधार पर हो रहा है दावा?

दावेदारों का कहना है कि उनके पास प्राचीन नक्शे हैं जिनमें इस स्थान पर मंदिर होने का उल्लेख है. स्थानीय लोगों की मान्यता है कि इस स्थान पर प्राचीन काल से ही पूजा-अर्चना होती थी. कुछ धार्मिक ग्रंथों में इस स्थान के बारे में उल्लेख मिलता है. हिंदू धर्म के अनुसार कल्कि अवतार भविष्य में आएंगे और धर्म की स्थापना करेंगे. दावेदारों का मानना है कि यह स्थान कल्कि अवतार के लिए चुना गया है.

किस आधार पर हो रहा है विरोध?

अभी तक इस दावे के समर्थन में कोई ठोस पुरातात्विक साक्ष्य नहीं मिला है. जो भी ऐतिहासिक रिकॉर्ड्स उपल्बध हैं वो इस बात की पुष्टि करते हैं कि इस स्थान पर एक मस्जिद थी. धार्मिक ग्रंथों की व्याख्या कई तरह से की जा सकती है और इनका उपयोग किसी भी दावे को सिद्ध करने के लिए नहीं किया जाना चाहिए.

संभल का धार्मिक महत्व

शास्त्रों और पुराणों में यह उल्लेख है कि भगवान विष्णु का कल्कि अवतार उत्तर प्रदेश के संभल नामक स्थान पर होगा. इस आधार पर संभल को कल्कि अवतार का स्थान माना गया है. श्रीमद्भागवत पुराण और अन्य धर्मग्रंथों में कल्कि अवतार का वर्णन विस्तार से मिलता है जिसमें कहा गया है कि कल्कि अवतार संभल ग्राम में विष्णुयश नामक ब्राह्मण के घर जन्म लेंगे.

इसी मान्यता के कारण संभल को कल्कि अवतार से जोड़ा जाता है. संभल में बने कल्कि मंदिर को लेकर यह दावा किया जा रहा है कि यही वह स्थान है जहां भविष्य में भगवान कल्कि का प्रकट होना होगा. मंदिर के पुजारी और भक्तों का कहना है कि यह स्थान धार्मिक दृष्टि से अत्यंत पवित्र है और यहां कल्कि भगवान की उपासना करने से व्यक्ति अधर्म से मुक्ति पा सकता है.

धार्मिक विश्लेषण

धार्मिक ग्रंथों के अनुसार, कल्कि अवतार का समय तब होगा जब अधर्म, पाप और अन्याय चरम पर पहुंच जाएंगे. वर्तमान में दुनिया में मौजूद सामाजिक और नैतिक स्थितियों को देखकर कुछ लोग यह मानते हैं कि कल्कि अवतार का समय निकट है. संभल में कल्कि मंदिर को लेकर जो भी दावे किए जा रहे हैं वो सभी पूरी तरह से आस्था पर आधारित हैं. धार्मिक ग्रंथों में वर्णित समय और वर्तमान समय के बीच अभी काफी अंतर हो सकता है. उत्तर प्रदेश के संभल में कल्कि अवतार और मंदिर का दावा धार्मिक मान्यताओं और शास्त्रों पर आधारित है. हालांकि, यह दावा प्रमाणिकता के बजाय विश्वास पर आधारित है. यह भक्तों की आस्था है जो इस स्थान को विशेष बनाती है.

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