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नए कानून के साथ वैध हुआ जल्लीकट्टू, पुलिस कार्रवाई के बाद हिंसक हुआ प्रदर्शन

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Jallikattu violenceचेन्नई। तमिलनाडु विधानसभा ने सोमवार को प्रदेश के लोकप्रिय पारंपरिक खेल जल्लीकट्टू को वैधता प्रदान करने वाले विधेयक को पारित कर दिया। यह विधेयक अध्यादेश की जगह लेगा। यह कानून उस अध्यादेश की जगह लेगा, जिसे पशु क्रूरता निवारक अधिनियम में संशोधन के लिए लाया गया था। वहीं जल्लीकट्टू के समर्थन में मरीना बीच पर करीब एक सप्ताह से चल रहा प्रदर्शन सोमवार को उस वक्त हिंसक हो गया, जब पुलिस ने प्रदर्शनकारियों को जबरन मरीना बीच से हटाना शुरू किया। प्रदर्शनकारियों ने चेन्नई में कई वाहनों में आग लगा दी और पुलिस पर पथराव किया। बीच से हटाए जाने से गुस्साए जल्लीकट्टू समर्थकों ने आईस हाउस पुलिस स्टेशन पर खड़े वाहनों में आग लगा दी और पुलिसकर्मियों पर ईंटों और पत्थरों से हमला किया।

वैध हुआ जल्लीकट्टू
कोई अध्यादेश छह महीनों के लिए ही वैध होता है, जिसके बाद अगर इससे संबंधित कानून पारित न हो, तो इसकी वैधता स्वत: समाप्त हो जाती है। तमिलनाडु के मुख्यमंत्री ओ.पन्नीरसेल्वम ने विधेयक को विधानसभा में पेश किया, जिसके बाद इसे तत्काल पारित कर दिया गया।

यह कानून जल्लीकट्टू को कानूनी चुनौतियों से संरक्षण प्रदान करता है। इससे पहले, दिन में राज्यपाल सी.एच.विद्यासागर राव ने विधानसभा से कहा कि जल्लीकट्टू के आयोजन को लेकर जारी अध्यादेश की जगह लेने वाले कानून को सदन में तुरंत पेश किया जाए। विधेयक के पारित होने का जल्लीकट्टू समर्थकों ने स्वागत किया है।
जल्लीकट्टू पेरावई के अध्यक्ष पी.राजाशेखर ने संवाददाताओं से कहा कि वह इस कानून का स्वागत करते हैं। एक तरफ विधेयक को जब चर्चा के लिए सदन में पेश जा रहा था, तो दूसरी तरफ पूर्व न्यायाधीश हरि पारंधमान मरीना समुद्र तट पर जल्लीकट्टू को लेकर प्रदर्शन कर रहे लोगों को इस कानून के पहलुओं से विस्तार से वाकिफ करा रहे थे।

उन्होंने प्रदर्शनकारियों को आश्वस्त किया कि यह कानून जल्लीकट्टू के संरक्षण की दिशा में स्थायी समाधान है। यह कानून न सिर्फ खेल को सुनिश्चित करता है, बल्कि सांडों की सुरक्षा तथा किस तरह से खेल होना चाहिए, इसके उपाय भी सुझाता है। इस बीच, प्रदर्शनकारियों ने इस मुद्दे के स्थायी समाधान की मांग की है। उन्होंने केंद्र सरकार से पशु क्रूरता निवारक अधिनियम से परफॉर्मिग एनिमल्स की सूची से सांड को बाहर निकालने की मांग की। इस खेल पर सर्वोच्च न्यायालय ने मई 2014 में प्रतिबंध लगा दिया था।

वाहन फूंके गए
तमिलनाडु में जल्लीकट्टू के समर्थन में मरीना बीच पर करीब एक सप्ताह से चल रहा प्रदर्शन सोमवार को हिंसक हो गया।
बीच पर पिछले 17 जनवरी से जुटे प्रदर्शनकारियों को वहां से हटाने के लिए बड़ी संख्या में पुलिसकर्मी पहुंचे। अन्य प्रदर्शनकारियों ने इसे रोकने की कोशिश की, जिसके चलते भारी हंगामा हुआ। उसके बाद पुलिस ने भीड़ को तितर-बितर करने के लिए लाठियां चलाईं। लोग समुद्र तट से भागकर नजदीकी सडक़ों पर एकत्रित होने लगे, इसी बीच हिंसा और उपद्रव और बढ़ गया।

तट के पास स्थित त्रिप्लिकेन इलाके में भारी हंगामा हुआ। पुलिस ने मरीना की ओर जाने वाली कई सडक़ों पर एकत्र होकर सुरक्षा कर्मियों पर पथराव कर रहे प्रदर्शनकारियों की भीड़ को तितर-बितर करने के लिए आंसू गैस के गोले भी छोड़े।

पुलिस ने मरीना बीच की ओर जाने वाले सभी मार्गो को घेर लिया है। पुलिस की कार्रवाई जल्लीकट्टू के आयोजन की मांग को लेकर करीब एक सप्ताह से चल रहे विरोध प्रदर्शन के बाद हुई है। प्रदर्शनकारी इसके लिए अध्यादेश लाए जाने भर से संतुष्ट नहीं हैं और इस मुद्दे पर एक स्थायी समाधान चाहते हैं।

कोयम्बटूर में पुलिस ने मिट्टी के तेल का डिब्बा लेकर खुद को जलाने की धमकी दे रहे एक प्रदर्शनकारी को तुरंत काबू में किया और उसे ऐसा करने से रोका। जल्लीकट्टू के आयोजन के लिए एक अध्यादेश जारी होने के बाद राज्य सरकार ने रविवार को कई स्थानों पर जल्लीकट्टू का आयोजन किया।

प्रदर्शनकारियों की केंद्र सरकार से प्रदर्शन के लिए इस्तेमाल न किए जाने वाले पशुओं की सूची में से सांड को हटाने की मांग कर रहे हैं। रेल की पटरियों पर प्रदर्शन के कारण कई ट्रेनों को रद्द करना पड़ा, जिसके कारण हजारों यात्रियों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। दक्षिण रेलवे ने सोमवार को 16 ट्रेनों को रद्द करने की घोषणा की। रेलवे के एक अधिकारी ने आईएएनएस से कहा, “ट्रेन सेवाएं बाधित होने से करीब 40,000 यात्री प्रभावित हुए।”

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पाकिस्तान के खैबर पख्तूनख्वा में बड़ा आतंकी हमला, 38 लोगों की मौत

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पख्तूनख्वा। पाकिस्तान के खैबर पख्तूनख्वा में बड़ा आतंकी हमला हुआ है। इस हमले में 38 लोगों की मौत हो गई है। यह हमला खैबर पख्तूनख्वा के डाउन कुर्रम इलाके में एक पैसेंजर वैन पर हुआ है। हमले में एक पुलिस अधिकारी और महिलाओं समेत दर्जनों लोग घायल भी हुए हैं। जानकारी के मुताबिक उत्तर-पश्चिमी पाकिस्तान के अशांत प्रांत खैबर पख्तूनख्वा में आतंकियों ने शिया मुस्लिम नागरिकों को ले जा रहे यात्री वाहनों पर गोलीबारी की है। यह क्षेत्र में हाल के वर्षों में इस तरह का सबसे घातक हमला है। मृतकों की संख्या में इजाफा हो सकता है।

AFP की रिपोर्ट के मुताबिक इस हमले में 38 लोगों की मौत हुई है. पैसेंजर वैन जैसे ही लोअर कुर्रम के ओचुट काली और मंदुरी के पास से गुजरी, वहां पहले से घात लगाकर बैठे आतंकियों ने वैन पर अंधाधुंध गोलियां बरसानी शुरू कर दीं. पैसेंजर वैन पाराचिनार से पेशावर जा रही थी। पाकिस्तान की समाचार एजेंसी डॉन के मुताबिक तहसील मुख्यालय अस्पताल अलीजई के अधिकारी डॉ. ग़यूर हुसैन ने हमले की पुष्टि की है.

शिया और सुन्नी मुसलमानों के बीच तनाव 

अफगानिस्तान की सीमा से लगे कबायली इलाके में भूमि विवाद को लेकर शिया और सुन्नी मुसलमानों के बीच दशकों से तनाव बना हुआ है। किसी भी समूह ने घटना की जिम्मेदारी नहीं ली है। जानकारी के मुताबिक “यात्री वाहनों के दो काफिले थे, एक पेशावर से पाराचिनार और दूसरा पाराचिनार से पेशावर यात्रियों को ले जा रहा था, तभी हथियारबंद लोगों ने उन पर गोलीबारी की।” चौधरी ने बताया कि उनके रिश्तेदार काफिले में पेशावर से यात्रा कर रहे थे।

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