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प्रादेशिक

नक्सलियों ने 250 ग्रामीणों का अपहरण किया : रमन

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रायपुर,छत्तीसगढ़,मुख्यमंत्री रमन सिंह

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रायपुर । छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री रमन सिंह ने शनिवार को कहा कि नक्सलियों ने 250 ग्रामीणों का अपहरण कर लिया है। मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि बंधक ग्रामीणों को छुड़ाने का स्थानीय स्तर पर प्रयास किया जा रहा है। रमन ने बस्तर में मीडिया से बातचीत में कहा कि नक्सलियों ने 250 ग्रामीणों का अपहरण कर लिया है। उन्होंने कहा कि अपहृत ग्रामीणों की रिहाई के लिए प्रयास तेज कर दिए गए हैं। बंधक बनाए गए ग्रामीणों को छुड़ाने का स्थानीय स्तर पर प्रयास किया जा रहा है। बंधक ग्रामीणों में अधिकांश भाजपा से संबद्ध हैं।

यह अपने आप में हैरत वाली बात है कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की बस्तर में मौजूदगी, सुरक्षा हेतु लगाए गए 11 हजार जवानों की तैनाती के बावजूद नक्सलियों ने ग्रामीणों का अपहरण कर लिया। इससे यह साफ होता है कि नक्सलियों का बस्तर में कितना असर है। सूत्रों के अनुसार, मोदी की सभा के लिए निकले ग्रामीणों का अपहरण नक्सलियों ने इसलिए किया, क्योंकि नक्सलियों ने प्रधानमंत्री के बस्तर आगमन का विरोध करते हुए बस्तर बंद का आह्वान किया था। मोदी के बस्तर दंतेवाड़ा आगमन के महज चार घंटे पहले शनिवार सुबह सुकमा जिले के नक्सलियों ने मोदी की सभा में शामिल होने जा रहे करीब 500 ग्रामीणों को अगवा कर लिया। अपहृत ग्रामीणों का फिलहाल कोई सुराग नहीं लग पाया है।

स्थानीय सूत्रों के अनुसार, गांव से निकलकर ग्रामीण दंतेवाड़ा जाने वाली मुख्य सड़क पर पहुंचे ही थे कि वर्दीधारी आधुनिक हथियारों से लैस नक्सलियों ने सभी ग्रामीणों को बंधक बनाकर जंगल की ओर ले गए। इस दौरान नक्सलियों ने ग्रामीणों का मोबाइल फोन भी अपने पास रख लिया। सूत्रों के अनुसार, नक्सली बारनदी पर बन रही पुलिया का विरोध करने पहुंचे थे। नक्सलियों ने हैदराबाद की पुलिया निर्माण कंपनी के 17 कर्मचारियों को भी अगवा कर लिया है। इससे पहले नक्सलियों ने दंतेवाड़ा जिले के कामालूर एवं कुम्हार साडरा रेलवे स्टेशन के मध्य जंगल में रेल पटरियां उखाड़ दी। नक्सलियों के बंद के चलते रेलगाड़ियों का परिचालन पहले ही बंद कर दिया गया था। रेलवे दल पटरियों की मरम्मत में लगा है।

IANS News

वसुधैव कुटुंबकम’ भारत का शाश्वत संदेश : योगी आदित्यनाथ

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लखनऊ। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने ‘वसुधैव कुटुंबकम’ के आदर्श वाक्य के महत्व पर जोर देते हुए इसे भारत की वैश्विक मानवता के प्रति प्रतिबद्धता का प्रतीक बताया है। उन्होंने इसे भारत का शाश्वत संदेश बताते हुए कहा कि हमने हमेशा से शांति, सौहार्द और सह-अस्तित्व को प्राथमिकता दी है। सीएम योगी ने यह बात शुक्रवार को एलडीए कॉलोनी, कानपुर रोड स्थित सिटी मॉन्टेसरी स्कूल (सीएमएस) के वर्ल्ड यूनिटी कन्वेंशन सेंटर में विश्व के मुख्य न्यायाधीशों के 25वें अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन का उद्घाटन करने के दौरान अपने संबोधन में कही। कार्यक्रम में 56 देशों के 178 मुख्य न्यायाधीश और डेलिगेट्स ने भाग लिया।

‘अनुच्छेद 51 की भावनाओं को विश्व शांति और सुरक्षा के लिए प्रेरक’
अपने संबोधन में मुख्यमंत्री ने भारत के संविधान के अनुच्छेद 51 की भावनाओं को विश्व शांति और सुरक्षा के लिए प्रेरक बताया। उन्होंने कहा कि यह अनुच्छेद सम्मानजनक अंतरराष्ट्रीय संबंधों को विकसित करने और संघर्षों को शांतिपूर्ण ढंग से हल करने के लिए नैतिक मार्ग का अनुसरण करने के लिए हम सभी को प्रेरित करता है। उन्होंने समारोह को प्रेरणादायक बताते हुए कहा कि 26 नवंबर 2024 को संविधान अंगीकरण के 75 वर्ष पूरे होंगे। यह संविधान के अंगीकृत होने के अमृत महोत्सव वर्ष की शुरुआत के दौरान आयोजित हो रहा है।

‘युद्ध समस्याओं का समाधान नहीं है’
योगी आदित्यनाथ ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा संयुक्त राष्ट्र के ‘समिट ऑफ दि फ्यूचर’ में दिये गये संबोधन की चर्चा करते हुए कहा कि युद्ध समस्याओं का समाधान नहीं है। युद्ध ने दुनिया के ढाई अरब बच्चों के भविष्य को खतरे में डाला है। उन्होंने दुनिया के नेताओं से आग्रह किया कि वे एकजुट होकर आने वाली पीढ़ियों के लिए स्वच्छ, सुरक्षित और भयमुक्त समाज का निर्माण करें। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सम्मेलन को वैश्विक संवाद और सहयोग का मंच बताते हुए विश्वास व्यक्त किया कि अनुच्छेद 51 की भावना के अनुरूप यह आयोजन विश्व कल्याण के मार्ग को प्रशस्त करेगा। उन्होंने दुनिया भर के न्यायाधीशों से इस दिशा में सक्रिय योगदान देने का भी आह्वान किया।

‘भारत विश्व शांति और सुरक्षा के प्रति प्रतिबद्ध’
मुख्यमंत्री ने संविधान के अनुच्छेद 51 की चर्चा करते हुए कहा कि यह वैश्विक शांति और सौहार्द की दिशा में भारत की सोच को दर्शाता है। उन्होंने कहा कि यह अनुच्छेद संघर्षों के शांतिपूर्ण समाधान और सभी देशों के बीच सम्मानजनक संबंधों को बढ़ावा देने का संदेश देता है। मुख्यमंत्री ने भारत की भूमिका पर प्रकाश डालते हुए कहा कि संयुक्त राष्ट्र जैसे अंतरराष्ट्रीय मंचों पर भारत की सक्रिय भागीदारी से यह स्पष्ट होता है कि भारत विश्व शांति और सुरक्षा के प्रति प्रतिबद्ध है।

सीएमएस के संस्थापक को दी श्रद्धांजलि
सीएमएस के संस्थापक डॉ. जगदीश गांधी को श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि उनकी दूरदृष्टि और प्रयासों से यह सम्मेलन एक महत्वपूर्ण मंच बना है। उन्होंने डॉ. भारती गांधी और गीता गांधी को इस कार्यक्रम को अनवरत जारी रखने के लिए धन्यवाद दिया।

इस अवसर पर हंगरी की पूर्व राष्ट्रपति, हैती रिपब्लिक के पूर्व प्रधानमंत्री सहित दुनिया के 56 देशों से आए हुए न्यायमूर्तिगण, सीएमएस की संस्थापक निदेशक डॉ भारती गांधी, प्रबंधक गीता गांधी किंगडन समेत स्कूली बच्चे और अभिभावकगण मौजूद रहे।

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