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प्रादेशिक

नदियों को पुनर्जीवित करने वाले भारतीय का सम्मान : राजेन्द्र सिंह

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भोपाल| भारत में जलपुरुष के नाम से मशहूर राजेन्द्र सिंह को पर्यावरण के क्षेत्र में दुनिया के सबसे बड़े पुरस्कार ‘स्टॉकहोम वाटर प्राइज’ दिए जाने का एलान हुआ है। इस पुस्कार के एलान के बाद सिंह ने कहा है कि नदियों को पुनर्जीवित करने वाले भारतीय को यह सम्मान मिला है। इस सम्मान को पर्यावरण क्षेत्र के नोबेल पुरस्कार के नाम से जाना जाता है।  पुरस्कार की घोषणा के बाद राजेंद्र सिंह ने  दूरभाष पर चर्चा करते हुए कहा, “यह मेरे जीवन का अब तक का सबसे बड़ा आनंद और गौरव का समय है, यह सम्मान नदियों को पुनर्जीवित करने वाले भारतीय का सम्मान है।”  सिंह ने कहा कि चुनौतियां स्वीकार करना मेरा स्वभाव है। मैं जिस क्षेत्र (राजस्थान) से आता हूं, वहां भू-जल खत्म हो गया था। उसे भरना कठिन रास्ता था। मैंने कठिन रास्ता चुनना पसन्द किया। इसमें मुझे अपमान, सम्मान और सफलता मिली है। अब इस कठिन रास्ते को विश्व भर से मान्यता मिल रही है।

सिंह ने  कहा कि राजस्थान में जल संरक्षण आरंभ करते समय केवल पेयजल की व्यवस्था ही करनी थी। भू-जल पुनर्भरण करके कुओं में तब पेयजल की स्थायी व्यवस्था ही उद्देश्य था। वह पूरा हुआ। खेती भी होने लगी, शहर से लोग वापस अपने गांव लौटने लगे और सात नदियां सजल बन गईं।  जलपुरुष आगे कहते हैं कि प्रकृति का चारों तरफ से शोषण, प्रदूषण और अतिक्रमण बढ़ रहा है। हमारा कार्य इन्हें कम करके संरक्षण द्वारा समृद्घि को बढ़ाना है। शोषण मुक्त प्रतिपोषण से समृद्घि आती है। मैंने प्राकृतिक पोषण किया है। यह कार्य मुझे सदैव गौरवान्वित करता है।  सिंह की अगुवाई में अप्रैल 2013 से जल साक्षरता के लिए शुरू किए गए जल-जन जोड़ो अभियान ने भारत में पानी के संरक्षण और संवर्धन के प्रति व्यापक जागरूकता फैलाई है। इस अभियान के संयोजक संजय सिंह हैं।

राजेंद्र सिंह ने कहा कि भारत में जल सुरक्षा का कानून बने, इसके लिए सभी को एक साथ जोड़ने का काम कर रहा हूं। इस अभियान में देशभर के 1500 से अधिक संगठन जुड़े हुए हैं। देश के राजस्थान जैसे सूखे इलाके, बुंदेलखंड में नदी पुनर्जीवन का कार्य शुरू करने जा रहा हूं। महाराष्ट्र के सूखा प्रभावित क्षेत्र मराठवाड़ा में जल संग्रहण क्षमता बढ़ाने के लिए स्थानीय समुदाय के साथ मिलकर प्रयास प्रारम्भ किए गए हैं। देश में जहां-जहां पानी का संकट है, उन इलाकों को जल से भरपूर बनाना अब मेरे जीवन का एकमात्र लक्ष्य है।

 

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हेयर ड्रायर चालू करते ही ब्लास्ट, महिला का दोनों हाथ बुरी तरह घायल

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बागलकोट। कर्नाटक के बागलकोट जिले से एक हैरान करने वाली घटना सामने आई है, जहां एक हेयर ड्रायर के धमाके में एक महिला के हाथों की हथेलियां और उंगलियां बुरी तरह से घायल हो गईं। यह हादसा इल्कल शहर में हुआ, जहां मृतक सैनिक की पत्नी ने अपने पड़ोसी का कूरियर पार्सल लिया था। जब महिला ने हेयर ड्रायर को चालू किया, तो वह धमाके से फट गया और महिला की दोनों हाथों की गंभीर चोटें आईं। महिला को इलाज के लिए अस्पताल में भर्ती कराया गया, जहां डॉक्टरों को मजबूरी में उसके हाथ काटने पड़े।

हेयर ड्रायर में धमका, महिला की उड़ी उंगलियां

बता दें कि इस घटना के बाद महिला को इलाज के लिए स्थानीय अस्पताल में भर्ती कराया गया है। घटना 15 नवंबर की है, जिसकी जानकारी बुधवार को सामने आई। पुलिस सूत्रों ने कहा कि घायल महिला की पहचान 37 वर्षीय बसवराजेश्वरी यरनाल के रूप में हुई है, जो पूर्व सैन्यकर्मी पापन्ना यरनाल की पत्नी थी। जिनकी 2017 में जम्मू और कश्मीर में मौत हो गई थी। जांच अधिकारियों के मुताबिक, विस्फोट बिजली के शॉर्ट सर्किट के कारण हुआ था। हेयर ड्रायर जैसे उपकरणों का उपयोग करने के लिए 2 वॉट के विद्युत कनेक्शन की आवश्यकता होती है। जिस स्विच में हेयर ड्रायर को डाला गया, तो उसकी क्षमता इतनी अधिक नहीं थी, जिसके कारण यह दुर्घटना हुई। विस्फोट की आवाज सुनकर कुछ पड़ोसी दौड़े और उन्होंने बसवराजेश्वरी की हथेलियां और उंगलियां कटी हुई पाईं। उन्हें तुरंत पास के एक निजी अस्पताल में ले जाया गया। हालांकि शशिकला ने दावा किया कि उन्होंने ऑनलाइन कोई उत्पाद नहीं मंगवाया था

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