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नेशनल

नन रेप, चर्च पर हमले के खिलाफ पीएम ने जताई चिंता, संसद में भी सुनाई पड़ी गूंज

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नई दिल्ली। पश्चिम बंगाल में नन से गैंगरेप और हरियाणा के चर्च में तोड़-फोड़ की घटना पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गहरी चिंता जताई है। उन्होंने इन दोनों घटनाओं की रिपोर्ट तलब कर घटना के तथ्यों और अब तक हुई कार्रवाई की जानकारी का ब्योरा मांगा है। वहीं देश में अल्पसंख्यकों के खिलाफ अपराध का मुद्दा मंगलवार को लोकसभा में भी गूंजा। कांग्रेस तथा अन्य विपक्षी पार्टियों ने इस मुद्दे पर केंद्र सरकार को घेरने की कोशिश की।

प.बंगाल के नदिया जिले में 71 वर्षीया नन के साथ सामूहिक दुष्कर्म और हिसार के एक चर्च में तोड़फोड़ होने की घटनाओं पर मंगलवार को पीएम मोदी के आधिकारिक ट्विटर खाते पर लिखा गया, “प्रधानमंत्री हरियाणा के हिसार और पश्चिम बंगाल के नदिया में हुई घटनाओं से काफी चिंतित हैं।” इसमें आगे कहा गया, “पीएमओ ने इन घटनाओं के बारे में राज्य सरकारों से तथ्यों और की गई कार्रवाई पर तत्काल रिपोर्ट मांगी है।”

उल्लेखनीय है कि शनिवार को नादिया जिले में एक 71 साल की नन से गैंगरेप की घटना सामने आई थी। इस मामले की जांच सीआईडी कर रही है। आरोपियों का सीसीटीवी फुटेज मिला लेकिन किसी की गिरफ्तारी नहीं हुई है। एक अन्य घटना में हरियाणा के हिसार में निर्माणाधीन चर्च में एक संगठन ने तोड़-फोड़ की थी और क्रॉस हटाकर भगवान हनुमान की प्रतिमा रख दी थी। इस घटना के बाद से इलाके में तनाव बना हुआ है। मामले में हरियाणा पुलिस ने 14 लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की थी।

लोकसभा में जोरदार तरीके से उठे दोनों मामले

विपक्षी पार्टियों ने लोकसभा में इन दोनों मुद्दों को जोरशोर से उठाया। कांग्रेस सांसद गौरव गोगोई ने कहा कि संवैधानिक पदों पर बैठे लोग जानबूझकर टिप्पणियां कर रहे हैं, जिससे लोगों को पीड़ा पहुंच रही है। हरियाणा के हिसार में एक धार्मिक स्थल पर हमला होता है और प्रदेश के मुख्यमंत्री कहते हैं कि धार्मिक स्थल के पास वैध कागजात नहीं थे। उन्होंने कहा कि यह कोई अकेली घटना नहीं है। इस तरह के बयान बार-बार दिए जा रहे हैं। ऑल इंडिया अन्ना द्रविड़ मुनेत्र कड़गम (एआईएडीएमके) के पी.वेणुगोपाल ने कहा, “हमारी पार्टी सांप्रदायिक समरसता कायम रखने के लिए खड़ी है। भारत एक धर्मनिरपेक्ष राष्ट्र है। लोगों को किसी एक धर्म को महिमामंडित करने का काम बंद करना चाहिए। कांग्रेस के एक अन्य नेता अधीर रंजन चौधरी ने पश्चिम बंगाल में 71 वर्षीय एक बुजुर्ग नन से सामूहिक दुष्कर्म का मामला उठाया। मार्क्स वादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) के मोहम्मद सलीम ने कहा कि पश्चिम बंगाल के राज्य प्रशासन द्वारा आश्वासनों के बावजूद घटना के 72 घंटे बीत जाने के बाद भी कोई गिरफ्तारी नहीं हो पाई है। वहीं, तृणमूल कांग्रेस सदस्य सौगत रॉय ने घटना की निंदा करते हुए कहा कि वर्तमान में जिस तरह का सांप्रदायिक माहौल बना हुआ है, उसी के कारण इस तरह की घटनाएं हो रही हैं। विपक्ष ने इन मुद्दों को प्रश्नकाल के दौरान भी उठाना चाहा, लेकिन अध्यक्ष ने इसकी अनुमति नहीं दी।

बहस बढ़ने पर लोकसभा अध्यक्ष सुमित्रा महाजन सांसदों को चुप कराते देखी गईं। बाद में सरकार की तरफ से बयान देते हुए वरिष्ठ केंद्रीय मंत्री वेंकैया नायडू ने कहा कि कानून-व्यवस्था बरकरार रखना राज्य का मुद्दा है। ऐसी घटना की निंदा होनी चाहिए और केंद्र पूरी तरह अपनी जिम्मेदारी निभा रहा है।

उत्तर प्रदेश

संभल में कैसे भड़की हिंसा, किस आधार पर हो रहा दावा, पढ़े पूरी रिपोर्ट

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संभल। संभल में एक मस्जिद के स्थान पर प्राचीन मंदिर होने और भविष्य में कल्कि अवतार के यहां होने के दावे ने हाल ही में काफी सुर्खियां बटोरी हैं. इस दावे के पीछे कई धार्मिक और ऐतिहासिक तथ्य बताए जा रहे है. उत्तर प्रदेश के संभल में कल्कि अवतार और उनके मंदिर को लेकर कई दावे पहले से ही किए जा रहे हैं. इसे लेकर धार्मिक मान्यताओं और शास्त्रों के आधार पर गहरी चर्चा हो भी रही है. हिंदू धर्म में कल्कि अवतार को भगवान विष्णु का दसवां और अंतिम अवतार माना गया है. ऐसा माना जाता है कि कलियुग के अंत में जब अधर्म और अन्याय अपने चरम पर होगा तब भगवान कल्कि अवतार लेकर पृथ्वी पर धर्म की स्थापना करेंगे.

कैसे भड़की हिंसा?

24 नवंबर को मस्जिद में हो रहे सर्वे का स्थानीय लोगों ने विरोध किया. पुलिस भीड़ को नियंत्रित करने के लिए मौके पर थी. सर्वे पूरा होने के बाद जब सर्वे टीम बाहर निकली तो तनाव बढ़ गया. भीड़ ने पुलिस पर पथराव शुरू कर दिया, जिसके कारण स्थिति बिगड़ गई और हिंसा भड़क उठी.

दावा क्या है?

हिंदू पक्ष का दावा है कि संभल में स्थित एक मस्जिद के स्थान पर प्राचीन काल में एक मंदिर था. इस मंदिर को बाबर ने तोड़कर मस्जिद बनवाई थी. उनका यह भी दावा है कि भविष्य में कल्कि अवतार इसी स्थान पर होंगे.

किस आधार पर हो रहा है दावा?

दावेदारों का कहना है कि उनके पास प्राचीन नक्शे हैं जिनमें इस स्थान पर मंदिर होने का उल्लेख है. स्थानीय लोगों की मान्यता है कि इस स्थान पर प्राचीन काल से ही पूजा-अर्चना होती थी. कुछ धार्मिक ग्रंथों में इस स्थान के बारे में उल्लेख मिलता है. हिंदू धर्म के अनुसार कल्कि अवतार भविष्य में आएंगे और धर्म की स्थापना करेंगे. दावेदारों का मानना है कि यह स्थान कल्कि अवतार के लिए चुना गया है.

किस आधार पर हो रहा है विरोध?

अभी तक इस दावे के समर्थन में कोई ठोस पुरातात्विक साक्ष्य नहीं मिला है. जो भी ऐतिहासिक रिकॉर्ड्स उपल्बध हैं वो इस बात की पुष्टि करते हैं कि इस स्थान पर एक मस्जिद थी. धार्मिक ग्रंथों की व्याख्या कई तरह से की जा सकती है और इनका उपयोग किसी भी दावे को सिद्ध करने के लिए नहीं किया जाना चाहिए.

संभल का धार्मिक महत्व

शास्त्रों और पुराणों में यह उल्लेख है कि भगवान विष्णु का कल्कि अवतार उत्तर प्रदेश के संभल नामक स्थान पर होगा. इस आधार पर संभल को कल्कि अवतार का स्थान माना गया है. श्रीमद्भागवत पुराण और अन्य धर्मग्रंथों में कल्कि अवतार का वर्णन विस्तार से मिलता है जिसमें कहा गया है कि कल्कि अवतार संभल ग्राम में विष्णुयश नामक ब्राह्मण के घर जन्म लेंगे.

इसी मान्यता के कारण संभल को कल्कि अवतार से जोड़ा जाता है. संभल में बने कल्कि मंदिर को लेकर यह दावा किया जा रहा है कि यही वह स्थान है जहां भविष्य में भगवान कल्कि का प्रकट होना होगा. मंदिर के पुजारी और भक्तों का कहना है कि यह स्थान धार्मिक दृष्टि से अत्यंत पवित्र है और यहां कल्कि भगवान की उपासना करने से व्यक्ति अधर्म से मुक्ति पा सकता है.

धार्मिक विश्लेषण

धार्मिक ग्रंथों के अनुसार, कल्कि अवतार का समय तब होगा जब अधर्म, पाप और अन्याय चरम पर पहुंच जाएंगे. वर्तमान में दुनिया में मौजूद सामाजिक और नैतिक स्थितियों को देखकर कुछ लोग यह मानते हैं कि कल्कि अवतार का समय निकट है. संभल में कल्कि मंदिर को लेकर जो भी दावे किए जा रहे हैं वो सभी पूरी तरह से आस्था पर आधारित हैं. धार्मिक ग्रंथों में वर्णित समय और वर्तमान समय के बीच अभी काफी अंतर हो सकता है. उत्तर प्रदेश के संभल में कल्कि अवतार और मंदिर का दावा धार्मिक मान्यताओं और शास्त्रों पर आधारित है. हालांकि, यह दावा प्रमाणिकता के बजाय विश्वास पर आधारित है. यह भक्तों की आस्था है जो इस स्थान को विशेष बनाती है.

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