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उत्तराखंड

नमामि गंगा के 20 प्रस्तावों को मंजूरी

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नमामि गंगा, मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, मंत्री उमा भारती

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देहरादून । नमामि गंगा के तहत उत्तराखण्ड के 877 करोड़ रुपये के 20 प्रस्तावों को हाल ही में मंजूरी दिए जाने पर मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी व केंद्रीय मंत्री उमा भारती का आभार व्यक्त किया है।

नमामि गंगा, मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, मंत्री उमा भारती

मुख्यमंत्री ने कहा कि पवित्र गंगा नदी को समग्र तौर पर निर्मल, संरक्षित और स्‍वच्‍छ करने के कदम उठाए जाएंगे। गंगा नदी का न सिर्फ सांस्कृतिक और आध्यात्मिक महत्व है बल्कि देश की बड़ी आबादी गंगा नदी पर निर्भर है।

उत्तराखण्ड सरकार नमामि गंगा में उत्तराखण्ड में स्वीकृत किए गए कार्यों को पूरी गुणवत्ता के साथ समयबद्धता से कराएगी।

उत्तराखंड

शीतकाल की शुरू होते ही केदारनाथ धाम के कपाट बंद

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उत्तराखंड। केदारनाथ धाम में भाई दूज के अवसर पर श्रद्धालुओं के लिए शीतकाल का आगमन हो चुका है। बाबा केदार के कपाट रविवार सुबह 8.30 बजे विधि-विधान के साथ बंद कर दिए गए। इसके साथ ही इस साल चार धाम यात्रा ठहर जाएगी। ठंड के इस मौसम में श्रद्धालु अब अगले वर्ष की प्रतीक्षा करेंगे, जब कपाट फिर से खोलेंगे। मंदिर के पट बंद होने के बाद बाबा की डोली शीतकालीन गद्दीस्थल की ओर रवाना हो गई है।इसके तहत बाबा केदार के ज्योतिर्लिंग को समाधिरूप देकर शीतकाल के लिए कपाट बंद किए गए। कपाट बंद होते ही बाबा केदार की चल उत्सव विग्रह डोली ने अपने शीतकालीन गद्दीस्थल, ओंकारेश्वर मंदिर, उखीमठ के लिए प्रस्थान किया।

बता दें कि हर साल शीतकाल की शुरू होते ही केदारनाथ धाम के कपाट बंद कर दिया जाते हैं. इसके बाद बाबा केदारनाथ की डोली शीतकालीन गद्दीस्थल ओंकारेश्वर मंदिर ऊखीमठ के लिए रवाना होती है. अगले 6 महीने तक बाबा केदार की पूजा-अर्चना शीतकालीन गद्दीस्थल ओंकारेश्वर मंदिर ऊखीमठ में ही होती है.

उत्तरकाशी ज़िले में स्थिति उत्तराखंड के चार धामों में से एक गंगोत्री में मां गंगा की पूजा होती है। यहीं से आगे गोमुख है, जहां से गंगा का उदगम है। सबसे पहले गंगोत्री के कपाट बंद हुए हैं। अब आज केदारनाथ के साथ-साथ यमुनोत्री के कपाट बंद होंगे। उसके बाद आखिर में बदरीनाथ धाम के कपाट बंद किए जाएंगे।

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