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बिजनेस

नरेश गोयल की पत्नी बनीं जेट एयरवेज की अतिरिक्त निदेशक

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मुंबई| विमानन कंपनी जेट एयरवेज ने गुरुवार को कहा कि उसने कंपनी के अध्यक्ष नरेश गोयल की पत्नी अनीता नरेश गोयल को अपने बोर्ड में अतिरिक्त निदेशक नियुक्त किया है। विमानन कंपनी ने बंबई स्टॉक एक्सचेंज (बीएसई) को दी गई नियमित सूचना में कहा, “कंपनी ने अनीता नरेश गोयल को 8 अप्रैल 2015 से अतिरिक्त निदेशक (गैर-कार्यकारी और गैर-स्वतंत्र) नियुक्त किया है।”

उल्लेखनीय है कि बाजार नियामक भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सेबी) के निर्देशों के मुताबिक, शेयर बाजारों में सूचीबद्ध कंपनियों के बोर्ड में कम से कम एक महिला सदस्य होना जरूरी है। सेबी ने गत वर्ष सभी सूचीबद्ध कंपनियों को एक अक्टूबर 2014 तक कम से कम एक महिला निदेशक नियुक्त करने का आदेश दिया था। बाद में इस समय सीमा को बढ़ाकर 31 मार्च 2015 कर दिया गया था।

नेशनल

ऑनलाइन फूड ऑर्डरिंग ऐप को मनमानी करने पर 103 के बदले देने पड़ेंगे 35,453 रु, जानें क्या है पूरा मामला

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हैदराबाद। ऑनलाइन फूड ऑर्डरिंग ऐप स्विगी को ग्राहक के साथ मनमानी करना भारी पड़ गया। कंपनी की इस मनमानी पर एक कोर्ट ने स्विगी पर तगड़ा जुर्माना ठोक दिया। हैदराबाद के निवासी एम्माडी सुरेश बाबू की शिकायत पर उपभोक्ता आयोग ने बड़ा फैसला सुनाया है। बाबू ने आरोप लगाया था कि स्विगी ने उनके स्विगी वन मेंबरशिप के लाभों का उल्लंघन किया और डिलीवरी Food Delivery की दूरी को जानबूझकर बढ़ाकर उनसे अतिरिक्त शुल्क वसूला

क्या है पूरा मामला ?

सुरेश बाबू ने 1 नवंबर, 2023 को स्विगी से खाना ऑर्डर किया था। सुरेश के लोकेशन और रेस्टॉरेंट की दूरी 9.7 किमी थी, जिसे स्विगी ने बढ़ाकर 14 किमी कर दिया था। दूरी में बढ़ोतरी की वजह से सुरेश को स्विगी का मेंबरशिप होने के बावजूद 103 रुपये का डिलीवरी चार्ज देना पड़ा। सुरेश ने आयोग में शिकायत दर्ज कराते हुए कहा कि स्विगी वन मेंबरशिप के तहत कंपनी 10 किमी तक की रेंज में फ्री डिलीवरी करने का वादा किया था।कोर्ट ने बाबू द्वारा दिए गए गूगल मैप के स्क्रीनशॉट्स और बाकी सबूतों की समीक्षा की और पाया कि दूरी में काफी बढ़ोतरी की गई है।

कोर्ट ने स्विगी को अनुचित व्यापार व्यवहार का दोषी पाया और कंपनी को आदेश दिया कि वे सुरेश बाबू को 9 प्रतिशत ब्याज के साथ 350.48 रुपये के खाने का रिफंड, डिलीवरी के 103 रुपये, मानसिक परेशानी और असुविधा के लिए 5000 रुपये, मुकदमे की लागत के लिए 5000 रुपए समेत कुल 35,453 रुपये का भुगतान करे।

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