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मुख्य समाचार

नसबंदी मामले की होगी न्यायिक जांच : रमन

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रायपुर| छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह ने बिलासपुर जिले के तखतपुर विकासखंड के पेंडारी गांव में लगे नसबंदी शिविर में ऑपरेशन के बाद 13 महिलाओं की मौत के मामले की न्यायिक जांच कराने की घोषणा की है। विगत दो दिनों में मुख्यमंत्री गुरुवार को दूसरी बार रायपुर से बिलासपुर पहुंचे। मुख्यमंत्री अपोलो अस्पताल और छत्तीसगढ़ आयुर्विज्ञान संस्थान (सिम्स) में जाकर उन महिला मरीजों से मुलाकात की, जिन्हें जिले के नसबंदी शिविरों में बीमार होने के बाद जिला प्रशासन द्वारा उच्चस्तरीय इलाज के लिए भर्ती कराया गया है।

रमन सिंह ने इन महिलाओं के जल्द स्वास्थ्य लाभ की कामना की। उन्होंने महिलाओं के परिजनों से भी मुलाकात की और पीड़ित महिलाओं का मनोबल बढ़ाते हुए उन्हें बेहतर से बेहतर इलाज करवाने का विश्वास दिया।  मुख्यमंत्री ने संपूर्ण घटनाक्रम की न्यायिक जांच कराने की घोषणा भी की। उन्होंने कहा कि जांच में इन घटनाओं के लिए जो भी दोषी पाया जाएगा, चाहे वह दवा निर्माता हो या दवा वितरक या डॉक्टर, उसके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी। अपोलो अस्पताल में हैदराबाद से आए विशेषज्ञ डॉक्टरों का 16 सदस्यीय दल भी मौजूद था। मुख्यमंत्री ने उनसे महिलाओं के स्वास्थ्य और इलाज की व्यवस्था के संबंध में विचार-विमर्श किया।

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नेशनल

ऑनलाइन फूड ऑर्डरिंग ऐप को मनमानी करने पर 103 रुपये के बदले देना पड़ेगा 35,453 रुपये, जानें क्या है पूरा मामला

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हैदराबाद। ऑनलाइन फूड ऑर्डरिंग ऐप स्विगी को ग्राहक के साथ मनमानी करना भारी पड़ गया। कंपनी की इस मनमानी पर एक कोर्ट ने स्विगी पर तगड़ा जुर्माना ठोक दिया। हैदराबाद के निवासी एम्माडी सुरेश बाबू की शिकायत पर उपभोक्ता आयोग ने बड़ा फैसला सुनाया है। बाबू ने आरोप लगाया था कि स्विगी ने उनके स्विगी वन मेंबरशिप के लाभों का उल्लंघन किया और डिलीवरी Food Delivery की दूरी को जानबूझकर बढ़ाकर उनसे अतिरिक्त शुल्क वसूला

क्या है पूरा मामला ?

सुरेश बाबू ने 1 नवंबर, 2023 को स्विगी से खाना ऑर्डर किया था। सुरेश के लोकेशन और रेस्टॉरेंट की दूरी 9.7 किमी थी, जिसे स्विगी ने बढ़ाकर 14 किमी कर दिया था। दूरी में बढ़ोतरी की वजह से सुरेश को स्विगी का मेंबरशिप होने के बावजूद 103 रुपये का डिलीवरी चार्ज देना पड़ा। सुरेश ने आयोग में शिकायत दर्ज कराते हुए कहा कि स्विगी वन मेंबरशिप के तहत कंपनी 10 किमी तक की रेंज में फ्री डिलीवरी करने का वादा किया था।कोर्ट ने बाबू द्वारा दिए गए गूगल मैप के स्क्रीनशॉट्स और बाकी सबूतों की समीक्षा की और पाया कि दूरी में काफी बढ़ोतरी की गई है।

कोर्ट ने स्विगी को अनुचित व्यापार व्यवहार का दोषी पाया और कंपनी को आदेश दिया कि वे सुरेश बाबू को 9 प्रतिशत ब्याज के साथ 350.48 रुपये के खाने का रिफंड, डिलीवरी के 103 रुपये, मानसिक परेशानी और असुविधा के लिए 5000 रुपये, मुकदमे की लागत के लिए 5000 रुपए समेत कुल 35,453 रुपये का भुगतान करे।

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