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नागपुर स्थित संघ में विश्वास, किसी अन्य में नहीं : पर्रिकर

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नागपुर स्थित संघ में विश्वास, किसी अन्य में नहीं : पर्रिकर

पणजी | राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ (आरएसएस) की गोवा इकाई के पूर्व प्रमुख सुभाष वेलिंगकर की ओर से पेश की गई राजनीतिक चुनौतियों पर रक्षा मंत्री मनोहर पर्रिकर ने मंगलवार को टिप्पणी करने से इनकार कर दिया। उन्होंने कहा कि वह केवल उस राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ में विश्वास करते हैं जिसका मुख्यालय नागपुर में है। किसी अन्य संगठन से उनका कोई लेना देना नहीं है।

पर्रिकर ने यहां एक संवाददाता सम्मेलन में कहा, “यहां संघ परिवार भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) का पूरा समर्थन कर रहा है। मैं उस संघ में विश्वास करता हूं जिसका मुख्यालय नागपुर में है। मैं वेलिंगकर के बारे में बोलना नहीं चाहता हूं। उनकी एक राजनीतिक पार्टी है और वह अपने एजेंडे के साथ आगे बढ़ रहे हैं। हम अपने एजेंडे के साथ आगे बढ़ रहे हैं। चुनना लोगों को है।”

पर्रिकर और भाजपा की कड़ी आलोचना करने की वजह से गत साल वेलिंगकर को संघ के राज्य प्रमुख के पद से हटा दिया गया था। उन्होंने राज्य में सरकारी सहायता प्राप्त प्राथमिक स्कूलों में पढ़ाई के माध्यम के रूप में क्षेत्रीय भाषा की जगह अंग्रेजी भाषा का समर्थन करने के लिए पार्टी और पर्रिकर, दोनों की निंदा की थी।

वेलिंगकर को हटाए जाने के विरोध में गोवा में करीब 2000 पूर्णकालिक स्वयं सेवकों ने संघ से सामूहिक त्याग पत्र दिया था और उनका समर्थन करने का फैसला किया था। वह नव गठित राजनीतिक पार्टी गोवा सुरक्षा मंच के मुखिया भी हैं।

मंच, महाराष्ट्र गोमांतक पार्टी (एमजीपी) और शिवसेना के साथ मिलकर राज्य में विधानसभा चुनाव लड़ रहा है जिसके लिए मतदान चार फरवरी को होगा। एमजीपी, गोवा में भाजपानीत सरकार में एक सहयोगी पार्टी रह चुकी है।

नेशनल

ऑनलाइन फूड ऑर्डरिंग ऐप को मनमानी करने पर 103 के बदले देने पड़ेंगे 35,453 रु, जानें क्या है पूरा मामला

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हैदराबाद। ऑनलाइन फूड ऑर्डरिंग ऐप स्विगी को ग्राहक के साथ मनमानी करना भारी पड़ गया। कंपनी की इस मनमानी पर एक कोर्ट ने स्विगी पर तगड़ा जुर्माना ठोक दिया। हैदराबाद के निवासी एम्माडी सुरेश बाबू की शिकायत पर उपभोक्ता आयोग ने बड़ा फैसला सुनाया है। बाबू ने आरोप लगाया था कि स्विगी ने उनके स्विगी वन मेंबरशिप के लाभों का उल्लंघन किया और डिलीवरी Food Delivery की दूरी को जानबूझकर बढ़ाकर उनसे अतिरिक्त शुल्क वसूला

क्या है पूरा मामला ?

सुरेश बाबू ने 1 नवंबर, 2023 को स्विगी से खाना ऑर्डर किया था। सुरेश के लोकेशन और रेस्टॉरेंट की दूरी 9.7 किमी थी, जिसे स्विगी ने बढ़ाकर 14 किमी कर दिया था। दूरी में बढ़ोतरी की वजह से सुरेश को स्विगी का मेंबरशिप होने के बावजूद 103 रुपये का डिलीवरी चार्ज देना पड़ा। सुरेश ने आयोग में शिकायत दर्ज कराते हुए कहा कि स्विगी वन मेंबरशिप के तहत कंपनी 10 किमी तक की रेंज में फ्री डिलीवरी करने का वादा किया था।कोर्ट ने बाबू द्वारा दिए गए गूगल मैप के स्क्रीनशॉट्स और बाकी सबूतों की समीक्षा की और पाया कि दूरी में काफी बढ़ोतरी की गई है।

कोर्ट ने स्विगी को अनुचित व्यापार व्यवहार का दोषी पाया और कंपनी को आदेश दिया कि वे सुरेश बाबू को 9 प्रतिशत ब्याज के साथ 350.48 रुपये के खाने का रिफंड, डिलीवरी के 103 रुपये, मानसिक परेशानी और असुविधा के लिए 5000 रुपये, मुकदमे की लागत के लिए 5000 रुपए समेत कुल 35,453 रुपये का भुगतान करे।

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