साइंस
नासा के रोवर ने मंगल ग्रह पर नायाब तस्वीरें उतारी
वाशिंगटन | अमेरिकी अंतरिक्ष अनुसंधान एजेंसी नासा के क्युरिऑसिटी रोवर ने मंगल ग्रह की शानदार तस्वीरें उतारकर भेजी हैं। इस तस्वीर में वाहन मंगल ग्रह के मोजावे नामक स्थान पर है। नवीनतम तस्वीरों में मंगलग्रह की ‘पाहरंप पहाड़ियों’ का विस्तृत दृश्य दिखा है, जहां नासा का क्युरिऑसिटी रोवर पांच महीने से काम कर रहा है।
रोवर के रोबोटिक हाथ में लगे मार्स हैंड लेंस इमेजर (एमएएचएलआई) कैमरे द्वारा ली गई दर्जनों तस्वीरों में बहुत से दृश्य हैं। कैलिफोर्निया के पासादेना में स्थित नासा की जेट प्रणोदन लैबोरेटरी की रोवर टीम के सदस्य कैथरिन स्टेक ने बताया, “क्युरिऑसिटी रोवर द्वारा पहले भेजी गई तस्वीरों की अपेक्षा इस तस्वीर के लिए हमने अधिक फ्रेम जोड़े हैं, ताकि हम पाहरंप हिल्स अभियान के संदर्भ में रोवर को पूरी तरह आजमा सकें।” उन्होंने बताया, “मोजावे स्थल से, हम अभियान के दौरान आने वाले सभी विश्रामों को जोड़ सकते हैं।” पाहरंप हिल्स, मंगल ग्रह के गेल गड्ढे के मध्य में एक स्पष्ट चट्टानी अंश है, जो मांउट शार्प की आधारभूत परत बनाती है।
एक अभियान के जरिए इस चट्टान का परीक्षण किया गया है, जिसमें ‘वॉकअबाउट’ सर्वे शामिल है और उसके बाद निरीक्षण के विस्तृत स्तरों को बढ़ाया गया। चट्टान की ऊध्र्वाकार प्रोफाइल बनाने और स्थल से बेहतरीन नमूनों के संग्रह के लिए, रोवर चट्टान के आधार से ऊंचाई वाले भागों तक तीन बार चढ़ा। नासा का मार्स साइंस लैबोरेटरी प्रोजेक्ट, क्यूरिऑसिटी रोवर का प्रयोग मंगल ग्रह की प्राचीन निवास्य पर्यावरण और मंगल ग्रह की पर्यावरणीय स्थित में बड़े बदलावों के बारे जानने के लिए कर रहा है।
साइंस
फेमस न्यूक्लियर फिजिस्ट होमी जहांगीर भाभा का आज जन्मदिन, जानें कुछ उनके बारे में
नई दिल्ली। इंडियन न्यूक्लियर प्रोग्राम के जनक और फेमस न्यूक्लियर फिजिस्ट होमी जहांगीर भाभा का आज जन्मदिन है। जे. भाभा, टाटा इंस्टीट्यूट ऑफ फंडामेंटल रिसर्च (TIFR) के फाउंडिंग डायरेक्टर और फिजिक्स के प्रोफेसर भी थे। होमी जहांगीर भाभा का जन्म 30 अक्टूबर 1909 में एक अमीर पारसी परिवार में हुआ था। होमी जहांगीर भाभा के पिता का नाम जहांगीर होर्मुस्जी भाभा और माता का नाम मेहरबाई भाभा था, इनके पिता एक जाने-माने वकील थे जबकि माँ एक गृहिणी थीं।
होमी भाभा ने 16 साल की आयु में ही सीनियर कैम्ब्रिज परीक्षा पास कर ली थी। फिर वे गोनविले और कैयस कॉलेज में मैकेनिकल इंजीनियरिंग की डिग्री हासिल करने के लिए कैम्ब्रिज गए। इसके बाद उन्होंने कैम्ब्रिज में कैवेंडिश लैब में रिसर्च करना शुरू किया और उनका पहला रिसर्च पेपर 1933 में प्रकाशित हुआ। दो साल बाद, उन्होंने अपनी पीएचडी हासिल की और 1939 तक कैम्ब्रिज में रहे।होमी भाभा ने छात्र के रूप में कोपेनहेगन में नोबेल पुरस्कार विजेता नील्स बोहर के साथ काम किया और क्वांटम सिद्धांत के विकास में प्रमुख भूमिका निभाई।
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