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बिजनेस

निक्के ई ने 20000 की मनोवैज्ञानिक सीमा पार की

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टोक्यो| टोक्यो स्टॉक एक्सचेंज (टीएसई) के प्रमुख सूचकांक निक्के ई 225 ने शुक्रवार को गत 15 साल में पहली बार 20,000 की मनोवैज्ञानिक सीमा पार कर ली। एनएचके वर्ल्ड के मुताबिक, सूचकांक हालांकि थोड़े समय के लिए ही इस सीमा के ऊपर रहा और गुरुवार के बंद स्तर के नीचे बंद हुआ।

225 शेयरों पर आधारित संवेदी सूचकांक निक्के ई 225 इससे पहले अप्रैल 2000 में 20,000 की सीमा के ऊपर पहुंचा था।

सूचकांक आखिरकार 30 अंकों की गिरावट के साथ 19,907 पर बंद हुआ।

टीएसई का ही एक अन्य प्रमुख सूचकांक टॉपिक्स चार अंकों की गिरावट के साथ 1,589 पर बंद हुआ।

विश्लेषकों के मुताबिक, हाल में येन के अवमूल्यन के कारण निर्यातकों को अधिक आय होने की उम्मीद की वजह से सूचकांक में मजबूती दर्ज की गई है।

साथ ही बड़ी कंपनियों में की गई वेतन वृद्धि के कारण भी उपभोक्ता खपत बढ़ने और उसके कारण मांग बढ़ने की उम्मीद की जा रही है।

 (12:10) 

नेशनल

ऑनलाइन फूड ऑर्डरिंग ऐप को मनमानी करने पर 103 के बदले देने पड़ेंगे 35,453 रु, जानें क्या है पूरा मामला

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हैदराबाद। ऑनलाइन फूड ऑर्डरिंग ऐप स्विगी को ग्राहक के साथ मनमानी करना भारी पड़ गया। कंपनी की इस मनमानी पर एक कोर्ट ने स्विगी पर तगड़ा जुर्माना ठोक दिया। हैदराबाद के निवासी एम्माडी सुरेश बाबू की शिकायत पर उपभोक्ता आयोग ने बड़ा फैसला सुनाया है। बाबू ने आरोप लगाया था कि स्विगी ने उनके स्विगी वन मेंबरशिप के लाभों का उल्लंघन किया और डिलीवरी Food Delivery की दूरी को जानबूझकर बढ़ाकर उनसे अतिरिक्त शुल्क वसूला

क्या है पूरा मामला ?

सुरेश बाबू ने 1 नवंबर, 2023 को स्विगी से खाना ऑर्डर किया था। सुरेश के लोकेशन और रेस्टॉरेंट की दूरी 9.7 किमी थी, जिसे स्विगी ने बढ़ाकर 14 किमी कर दिया था। दूरी में बढ़ोतरी की वजह से सुरेश को स्विगी का मेंबरशिप होने के बावजूद 103 रुपये का डिलीवरी चार्ज देना पड़ा। सुरेश ने आयोग में शिकायत दर्ज कराते हुए कहा कि स्विगी वन मेंबरशिप के तहत कंपनी 10 किमी तक की रेंज में फ्री डिलीवरी करने का वादा किया था।कोर्ट ने बाबू द्वारा दिए गए गूगल मैप के स्क्रीनशॉट्स और बाकी सबूतों की समीक्षा की और पाया कि दूरी में काफी बढ़ोतरी की गई है।

कोर्ट ने स्विगी को अनुचित व्यापार व्यवहार का दोषी पाया और कंपनी को आदेश दिया कि वे सुरेश बाबू को 9 प्रतिशत ब्याज के साथ 350.48 रुपये के खाने का रिफंड, डिलीवरी के 103 रुपये, मानसिक परेशानी और असुविधा के लिए 5000 रुपये, मुकदमे की लागत के लिए 5000 रुपए समेत कुल 35,453 रुपये का भुगतान करे।

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