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बिजनेस

निर्मला सीतारमण सेंट पीट्सबर्ग जाएंगी

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नई दिल्ली। केंद्रीय वाणिज्य मंत्री निर्मला सीतारमण एक कारोबारी शिष्टमंडल के साथ सेंट पीट्सबर्ग अंतर्राष्ट्रीय आर्थिक सम्मेलन (एसपीआईईएफ)-2015 में शिरकत करेंगी। यह जानकारी भारतीय उद्योग परिसंघ के एक बयान से मिली, जिसमें बताया गया है कि सम्मेलन 18 से 20 जून तक चलेगा। सीतारमण रूस-भारत व्यापार गोलमेज बैठक को संबोधित करेंगी, जिसमें रूस के आर्थिक विकास मंत्री एलेक्सी उल्यूकाएव भी वक्ता होंगे।

परिसंघ एसपीआईईएफ और व्यापार गोलमेज में देश की प्रमुख कंपनियों के मुख्य कार्यकारी अधिकारियों का एक व्यापार शिष्टमंडल भी भेजेगा, जिसका नेतृत्व परिसंघ के अध्यक्ष सुमित मजुमदार करेंगे। सदस्य बी20 तुर्की क्षेत्रीय परामर्श सम्मेलन में भी हिस्सा लेंगे। उल्लेखनीय है कि भारत ने रूस में आठ अरब डॉलर निवेश किया है, जो मुख्यत: ऊर्जा क्षेत्र में है। रूस ने भी भारत में चार अरब डॉलर निवेश किया है।

परिसंघ के महानिदेशक चंद्रजीत बनर्जी ने कहा, “अवसंरचना के क्षेत्र में रूस की क्षमता सर्वमान्य है और हम चाहते हैं कि रूसी कंपनियां भारत में सार्वजनिक-निजी साझेदारी के लिए निविदा प्रक्रिया में शामिल हों।” उन्होंने कहा, “हमें हालांकि भारत-रूस व्यापार गोलमेज के जरिए सूचनाओं की खाई पाटनी होगी।”

बिजनेस

जेट एयरवेज की संपत्तियों की होगी बिक्री

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नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने राष्ट्रीय कंपनी कानून अपीलीय न्यायाधिकरण (एनसीएलएटी) के आदेश को रद्द करते हुए दिवाला और दिवालियापन संहिता (आईबीसी) के अनुसार निष्क्रिय जेट एयरवेज के परिसमापन का आदेश दिया। एनसीएलएटी ने पहले कॉरपोरेट दिवालियापन समाधान प्रक्रिया (सीआईआरपी) के हिस्से के रूप में जालान कालरॉक कंसोर्टियम (जेकेसी) को एयरलाइन के स्वामित्व के हस्तांतरण को बरकरार रखा था। सुप्रीम कोर्ट ने एक आदेश जारी करते हुए कहा कि जेकेसी संकल्प का पालन करने में विफल रहा क्योंकि वह 150 करोड़ रुपये देने में विफल रहा, जो श्रमिकों के बकाया और अन्य आवश्यक लागतों के बीच हवाई अड्डे के बकाया को चुकाने के लिए 350 करोड़ रुपये की पहली राशि थी। नवीनतम निर्णय एयरलाइन के खुद को पुनर्जीवित करने के संघर्ष के अंत का प्रतीक है।

NCLT को लगाई फटकार

पीठ की ओर से फैसला सुनाते हुए न्यायमूर्ति पारदीवाला ने एनसीएलएटी के फैसले के खिलाफ एसबीआई तथा अन्य ऋणदाताओं की याचिका को स्वीकार कर लिया। याचिका में जेकेसी के पक्ष में जेट एयरवेज की समाधान योजना को बरकरार रखने के फैसले का विरोध किया गया है। न्यायालय ने कहा कि विमानन कंपनी का परिसमापन लेनदारों, श्रमिकों और अन्य हितधारकों के हित में है। परिसमापन की प्रक्रिया में कंपनी की संपत्तियों को बेचकर प्राप्त धन से ऋणों का भुगतान किया जाता है। पीठ ने एनसीएलएटी को, उसके फैसले के लिए फटकार भी लगाई।

शीर्ष अदालत ने संविधान के अनुच्छेद 142 के तहत अपनी विशेष शक्तियों का इस्तेमाल किया, जो उसे अपने समक्ष लंबित किसी भी मामले या मामले में पूर्ण न्याय सुनिश्चित करने के लिए आदेश तथा डिक्री जारी करने का अधिकार देता है। एनसीएलएटी ने बंद हो चुकी विमानन कंपनी की समाधान योजना को 12 मार्च को बरकरार रखा था और इसके स्वामित्व को जेकेसी को हस्तांतरित करने की मंजूरी दी थी। भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई), पंजाब नेशनल बैंक (पीएनबी) और जेसी फ्लावर्स एसेट रिकंस्ट्रक्शन प्राइवेट लिमिटेड ने एनसीएलएटी के फैसले के खिलाफ अदालत का रुख किया था।

 

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