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प्रादेशिक

नीतीश के पास अपने बेटे व लालू के दोनों बेटों से भी कम संपत्ति

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नीतीश के पास अपने बेटे व लालू के दोनों बेटों से भी कम संपत्ति

पटना | बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार अपने बेटे निशांत और राजद प्रमुख लालू यादव के दोनों बेटों से ‘गरीब’ हैं। एक जनवरी को मुख्यमंत्री समेत उनके मंत्रिमंडल के सभी मंत्रियों ने अपनी चल-अचल संपत्ति की घोषणा की है, जिससे यह खुलासा हुआ है। बिहार के मुख्यमंत्री के पास कुल 56 लाख रुपये की चल-अचल संपत्ति है।

इसमें दिल्ली में 1000 वर्गफुट में बना एक फ्लैट है, जिसकी वर्तमान कीमत 40 लाख रुपये है। इसके अतिरिक्त वह 10 गायों और पांच बछड़ों के भी मालिक हैं। दूसरी तरफ उनके एकमात्र बेटे निशांत के पास एक करोड़ 11 लाख रुपये की चल-अचल संपत्ति है।

मुख्यमंत्री के तीन बैंक खातों में लगभग 78 हजार रुपये जमा हैं और वह दो कार- एक इको स्पोर्ट्स और एक हुंडई की आई-10 के मालिक हैं। मुख्यमंत्री के नाम पर न तो कहीं खेतिहर जमीन है और न ही पटना में उनके नाम पर कोई आवासीय भूखंड है।

उधर, राजद प्रमुख के बेटे व राज्य के उपमुख्यमंत्री तेजस्वी प्रसाद यादव अपने बड़े भाई तेजप्रताप से ‘गरीब’ हैं। तेजस्वी के पास करीब डेढ़ करोड़ रुपये की चल-अचल संपत्ति है, जबकि तेजप्रताप के पास उनसे दोगुना करीब तीन करोड़ से अधिक की संपत्ति है। तेजप्रताप गाड़ियों के भी शौकीन हैं, जबकि तेजस्वी के पास कोई वाहन नहीं है। तेजप्रताप के पास एक बीएमडब्लयू कार और 15 लाख रुपये की कीमत की एक मोटरसाइकिल भी है।

उल्लेखनीय है कि पिछले कई सालों से साल की शुरुआत में बिहार के मुख्यमंत्री और उनके सभी मंत्री अपनी संपत्ति की घोषणा करते आ रहे हैं। इसकी शुरुआत 2010 में हुई थी, जब नीतीश कुमार दूसरी बार मुख्यमंत्री बने थे।

मंत्रियों की संपत्ति का ब्यौरा राज्य सरकार की वेबसाइट पर अपलोड कर दिया गया है। इसे कोई भी व्यक्ति देख सकता है।

उत्तर प्रदेश

पूरी होगी श्रद्धालुओं की मुराद, इसी माह पूर्ण होगा मंदिरों का कायाकल्प

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 प्रयागराज । सनातन धर्म के सबसे बड़े आयोजन महाकुंभ 2025 में आस्था अपने चरम पर होगी। गंगा, यमुना और सरस्वती के मिलन वाले पावन स्थल संगम पर जहां लाखों, करोडों लोग स्नान कर अपनी श्रद्धा प्रकट करेंगे तो वहीं प्रयागराज के पौराणिक मंदिरों में शीश नवाकर अपनी यात्रा को सुखमय और संपूर्ण बनाएंगे। इसी बात को ध्यान में रखते हुए योगी सरकार ने महाकुंभ की तैयारियों के साथ-साथ प्रयागराज के मंदिरों के कायाकल्प का भी बीड़ा उठाया है जो अब समापन के करीब पहुंच गया है। पौराणिक महत्ता वाले प्रयागराज के तमाम मंदिरों के कॉरिडोर और जीर्णोद्धार का कार्य लगभग खत्म होने वाला है। ऐसी कुल 19 परियोजनाओं में से 17 परियोजनाएं 15 नवंबर तक पूर्ण कर ली जाएंगी, जबकि 2 परियोजनाएं 30 नवंबर तक हो जाएंगी पूर्ण हो जाएंगी। दीपावली के बाद इसमें और तेजी से कार्य किया जा रहा है।

तेज गति से चल रहा काम

हाल ही में लखनऊ में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और केंद्रीय पर्यटन एवं संस्कृति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत द्वारा महाकुंभ की समीक्षा बैठक में इसको लेकर निर्देश दिए गए हैं। इसमें बताया गया कि मंदिरों के कॉरिडोर और जीर्णोद्धार से संबंधित परियोजनाओं में तीन प्रमुख विभाग कार्य कर रहे हैं। इसमें पर्यटन विभाग, स्मार्ट सिटी और प्रयागराज विकास प्राधिकरण की महत्वपूर्ण भूमिका है। ये तीनों ही विभाग आपसी समन्वय से इन सभी परियोजनाओं को तेज गति से पूरा करने में जुट गए हैं।

तत्परता से कार्य कर रहा पर्यटन विभाग

मंदिर कॉरिडोर और जीर्णोद्धार से संबंधित कुल 15 परियोजनाएं ऐसी हैं, जिस पर पर्यटन विभाग काम कर रहा है। पर्यटन विभाग के अनुसार, 15 में से 14 परियोजनाएं 15 नवंबर तक पूर्ण कर ली जाएंगी, जबकि एक परियोजना 30 नवंबर तक पूर्ण होगी। 15 नवंबर तक पूर्ण होने वाली परियोजनाओं में भरद्वाज कॉरिडोर, मनकामनेश्वर मंदिर कॉरिडोर समेत द्वादश माधव मंदिर, पड़िला महादेव मंदिर, अलोपशंकरी मंदिर और 9 अन्य मंदिरों का जीर्णोद्धार शामिल है।

स्मार्ट सिटी और पीडीए ने भी बढ़ाई रफ्तार

इसी तरह, स्मार्ट सिटी 3 प्रमुख परियोजनाओं पर काम कर रहा है और तीनों ही परियोजनाएं 15 नवंबर पूर्ण हो जाएंगी। इसमें अक्षयवट कॉरिडोर, सरस्वती कूप कॉरिडोर और पातालपुरी कॉरिडोर जैसी प्रमुख परियोजनाएं शामिल हैं। वहीं, प्रयागराज विकास प्राधिकरण दो परियोजनाओं को मूर्त रूप दे रहा है। इसमें नागवासुकी मंदिर के जीर्णोद्धार का कार्य 30 नवंबर तक पूरा किए जाने का लक्ष्य निर्धारित है तो वहीं हनुमान मंदिर कॉरिडोर का कार्य 10 दिसंबर तक पूर्ण कर लिया जाएगा।

महाकुंभ की तैयारियां पूरी गति से आगे बढ़ रही हैं। मंदिरों के कॉरिडोर और जीर्णोद्धार का कार्य भी अंतिम चरण में चल रहा है। मेला प्रशासन ने महाकुंभ में आने वाले सभी श्रद्धालुओं और पर्यटकों की आस्था के साथ ही सुविधा पर विशेष ध्यान दिया है, ताकि उनकी यात्रा यादगार साबित हो।
विवेक चतुर्वेदी, अपर मेलाधिकारी, महाकुंभ

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