मुख्य समाचार
नेपाल भूकंप पर डिस्कवरी चैनल दिखाएगा कार्यक्रम
भूकंप विज्ञान का जायज़ा लेगा कार्यक्रम
नई दिल्ली। डिस्कवरी चैनल एक नया कार्यक्रम अर्थक्वेकः डिज़ास्टर इन नेपाल ला रहा है जो 25 अप्रैल को नेपाल में आए 7.8 की तीव्रता वाले भूकंप और फिर 12 मई को आए 7.3 की तीव्रता वाले भूकंप का जायज़ा लेगा। एक घंटे का ये कार्यक्रम डिस्कवरी के तथ्य-आधारित चैनलों पर पूरी दुनिया में, 220 से ज्यादा देशों और क्षेत्रों में दिखाया जाएगा। अर्थक्वेकः डिज़ास्टर इन नेपाल प्रोग्राम को भारत में सोमवार, 8 जून को रात 9 बजे दिखाया जाएगा।
डिस्कवरी चैनल ने एक पब्लिक सर्विस एनाउंसमैंट भी बनाया है जिसमें बेअर ग्रिल्स, जैरेमी वेड, बाब ब्लूमर और इरविन परिवार जैसी इसकी कई हस्तियां मौजूद हैं जो नेपाल को फिर से इसके पैरों पर खड़ा करने के लिए दर्शकों से आह्वान कर रही हैं। ये पब्लिक सर्विस एनाउंसमैंट मई की शुरूआत से ही पूरे एशिया-प्रशांत क्षेत्र में प्रसारित किया जा रहा है।
25 अप्रैल को नेपाल में आए विनाशकारी भूकंप की वजह से जबर्दस्त तबाही हुई और इसमें आठ हजार से ज्यादा लोगों की जान चली गई, जिनमें 18 पर्वतारोही शामिल थे, जो भूकंप के समय माउंट एवरैस्ट के बेस कैम्प पर थे। नेपाल की राजधानी काठमांडू में मौजूद कई ऐतिहासिक इमारतें मलबे के ढेर में बदल गईं और कई पीढि़यों पुराने पारिवारिक घर जमींदोज हो गए।
इस कार्यक्रम के बारे में अपने विचार प्रकट करते हुए, राहुल जौहरी, ईवीपी और जनरल मैनेजर- साउथ एशिया एंड साउथ ईस्ट एशिया, डिस्कवरी नैटवर्क्स एशिया पैसिफिक ने कहा, ‘अर्थक्वेकः डिज़ास्टर इन नेपाल प्रोग्राम दर्शकों को भूकंप के केन्द्र में ले जाकर, इंसान को ज्ञात एक बेहद डरावने अनुभव से रूबरू कराता है। इस विशेष कार्यक्रम में इन घटनाओं के पीछे मौजूद विज्ञान के साथ-साथ उन लोगों की निजी कहानियों को भी शामिल किया गया है, जिन्होंने इस भूकंप को अनुभव किया।’
कार्यक्रम में विशेषज्ञों के इंटरव्यू और भूकंपीय सिमुलेशन दिखाई जाएंगी ताकि भूकंपों के पीछे मौजूद विज्ञान की व्याख्या की जा सके। कार्यक्रम में काठमांडू में चलाए गए बचाव अभियानों की फुटेज, पूरी दुनिया की न्यूज रिपोर्ट और उस नई टैक्नालाजी और शोध की खास झलक भी पेश की जाएगी, जिसे इसलिए विकसित किया जा रहा है ताकि मानव भूकंप जैसी प्राकृतिक आपदाओं के बारे में बेहतर ढंग से पूर्वानुमान लगा सके, और उनका सामना कर सकें। इस प्रोग्राम में उन लोगों को भी दिखाया जाएगा जो इस प्राकृतिक हादसे में जिंदा बच गए।
इनमें एक मां है जिसका बच्चा 22 घंटे तक मलबे में दबा रहा, एक विद्यार्थी है जो शहर के दरबार स्क्वेयर में एक बहुमंजिली इमारत के नीचे कुचला गया और एक नवविवाहित जोड़ा भी जो एवरैस्ट के बेस कैम्प-1 पर अवलांच में फंस गया। इसके अलावा प्रोग्राम में दर्शक लोगों द्वारा खींची गई तस्वीरों और फिल्मों तथा सोशल मीडिया का लेखा-जोखा भी लेंगे।
डिस्कवरी चैनल के बारे में
डिस्कवरी चैनल, डिस्कवरी कम्यूनिकेशन्स का प्रमुख नैटवर्क है, यह दुनिया में पे-टीवी कार्यक्रमों की उच्चतम गुणवत्ता कायम रखने के लिए समर्पित है और टेलीविजन पर सबसे क्रियाशील नैटवर्कों में से एक बना हुआ है। डिस्कवरी चैनल का शुभारंभ 1985 में हुआ था और अब यह एशिया-पैसिफि़क में 20 करोड़ 30 लाख सबस्क्राइबरों तक पहुंचता है। यह दर्शकों को अनेक विषयों पर उच्च गुणवत्ता वाले गैर-कथात्मक कार्यक्रम दिखाता है, इनमें प्रकृति, विज्ञान और टैक्नालाजी, प्राचीन और समकालीन इतिहास, एडवैंचर, सांस्कृतिक और विषय-आधारित वृत्तचित्र शामिल हैं।
डिस्कवरी कम्यूनिकेशन्स के बारे मेंडिस्कवरी कम्यूनिकेशन्स (नैस्डैकः डिस्क ए, डिस्क बी, डिस्क के) दुनिया की पहले नम्बर की पे-टीवी प्रोग्रामर है जिसकी पहुंच 220 से भी ज्यादा देशों और क्षेत्रों में करीब 3 अरब उपभोक्ताओं तक है। डिस्कवरी लोगों को अपनी दुनिया खोजने और उनकी उत्सुकता को शांत करने के लिए दुनिया भर में फैले अपने टेलीविजन नैटवर्कों का उपयोग करता है, जो अपने उच्च गुणवत्ता वाले कार्यक्रमों के जरिये दर्शकों का मनोरंजन करते हैं।
इन नैटवर्कों का नेतृत्व करते हैं- डिस्कवरी चैनल, टी एल सी, एनिमल प्लैनेट, इनवैस्टिगेशन डिस्कवरी, साइंस और टर्बो/वैलासिटी इसके अलावा उसके पास अमरीका के संयुक्त उपक्रम नैटवर्क ओ डब्ल्यु एनः आप्रा विन्फ्रे नैटवर्क भी है।
डिस्कवरी पूरे यूरोप और एशिया पैसिफिक में यूरोस्पोर्ट नामक एक जाने-माने पैन-रीजनल स्पोर्ट्स एंटरटेनमैंट मंच को भी नियंत्रित करता है। डिस्कवरी स्कूलों को उपलब्ध कराए जाने वाले शैक्षिक उत्पादों और सेवाओं का भी एक जाना-माना प्रदाता है, इनमें के 12 डिजिटल किताबों की एक पुरस्कृत श्रृंखला भी शामिल है। वह एक विविध आनलाइन पोर्टफोलियो वाला एक डिजिटल लीडर है जिसमें डिस्कवरी डिजिटल नैटवर्क्सम शामिल हैं।
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बदल गई उपचुनावों की तारीख! यूपी, केरल और पंजाब में बदलाव पर ये बोला चुनाव आयोग
नई दिल्ली। विभिन्न उत्सवों के कारण केरल, पंजाब और उत्तर प्रदेश में विधानसभा क्षेत्रों में उपचुनाव 13 नवंबर की जगह 20 नवंबर को होंगे। कांग्रेस, भाजपा, बसपा, रालोद और अन्य राष्ट्रीय और राज्य दलों के अनुरोध पर चुनाव आयोग ने ये फैसला लिया है।
विभिन्न उत्सवों की वजह से कम मतदान की किसी भी संभावना को खारिज करने के लिए, चुनाव आयोग ने ये फैसला लिया है। ऐसे में ये साफ है कि अब यूपी, पंजाब और केरल में उपचुनाव 13 नवंबर की जगह 20 नवंबर को होंगे।
चुनाव आयोग के मुताबिक राष्ट्रीय और राज्य स्तर की पार्टियों की ओर से उनसे मांग की गई थी कि 13 नवंबर को होने वाले विधानसभा उपचुनाव की तारीख में बदलाव किया जाए, क्योंकि उस दिन धार्मिक, सामाजिक कार्यक्रम हैं। जिसके चलते चुनाव संपन्न करवाने में दिक्कत आएगी और उसका असर मतदान प्रतिशत पर भी पड़ेगा।
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