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अन्तर्राष्ट्रीय

नेपाल के पीएम बोले, 10 हजार पहुंच सकती है मृतकों की संख्या

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Nepal tragedy

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काठमांडू। नेपाल के पीएम सुशील कोइराला ने आशंका जताई है कि भूकंप में मरने वालों का आंकड़ा 10 हजार तक पहुंच सकता है। हिमालय की गोद में बसे इस देश में शनिवार को आए विनाशकारी भूकंप में अब तक 4,347 लोगों की मृत्यु हो चुकी है जबकि घायलों की संख्या 8,000 से अधिक है। पीएम कोईराला ने स्वीकार किया है कि राहत और बचाव अभियान प्रभावी साबित नहीं हो रहे हैं।

नेपाल के प्रधानमंत्री सुशील कोईराला ने मंगलवार को भारत, चीन और अमेरिका के राजदूतों से कहा कि विनाशकारी भूकंप में मृतकों की संख्या 10 हजार तक पहुंच सकती है। कोईराला ने बताया कि भूकंप में अब तक 4,400 के करीब लोगों की मौत हो चुकी है और घायलों में अनेक की हालत गंभीर है, साथ ही सैकड़ों की संख्या में लोग अब भी लापता हैं। कोईराला के मीडिया सलाहकार प्रकाश अधिकारी ने बताया कि कोईराला ने राजदूतों से कहा है कि इन सभी को मिलाकर देखा जाए तो मृतकों की संख्या 10,000 तक पहुंच सकती है। कोईराला के अनुमान के मुताबिक, यह नेपाल के इतिहास का सबसे विनाशकारी भूकंप साबित हो सकता है। कोईराला ने साथ ही भूकंप पीड़ितों की मदद तथा नेपाल को पुनर्निर्मित करने में अंतर्राष्ट्रीय समुदाय से और मदद की गुहार भी लगाई है तथा मदद में तेजी लाने की मांग की है।

नेपाल के गृह मंत्रालय ने बताया कि भूकंप में करीब एक दर्जन नगर बुरी तरह प्रभावित हुए हैं, जिनमें राजधानी काठमांडू और सिंधुपालचौक में सर्वाधिक जनहानि हुई है। काठमांडू में अब तक 1,039 जबकि सिंधुपालचौक में 1,176 लोगों की मौत हो चुकी है। अधिकारियों ने यह भी कहा कि आने वाले दिनों में मरने वालों की संख्या में और भी वृद्धि हो सकती है, क्योंकि बुरी तरह प्रभावित अनेक इलाकों में अभी भी राहत एवं बचाव अभियान जारी है। गृह मंत्रालय के अनुसार, भूकंप के कारण आठ हजार से अधिक लोग घायल हुए हैं तथा विभिन्न अस्पतालों में उनका उपचार चल रहा है। पुलिस ने बताया कि अब भी कई लोग लापता हैं, जिनमें विदेशी नागरिक भी शामिल हैं। पुलिस के अनुसार, हादसे में कम से कम 10 विदेशी नागरिकों की भी मौत हुई है, जिनमें भारत, चीन, अमेरिका, फ्रांस और आस्ट्रेलिया के नागरिक शामिल हैं।

भूंकप प्रभावित नेपाल में भोजन, पानी, बिजली और दवाइयों की भारी कमी के कारण संकट मंडरा रहा है और दोबारा भूकंप आने की आशंका के कारण हजारों लोग खुले आसमान के नीचे रह रहे हैं। इस बीच, प्रधानमंत्री सुशील कोईराला ने स्वीकार किया है कि बचाव, राहत और खोजबीन अभियान प्रभावी नहीं रहे हैं। उन्होंने राजनीतिक दलों से इस राष्ट्रीय आपदा के दौरान मिल कर काम करने का आह्वान किया है।

अन्तर्राष्ट्रीय

लाहौर में प्रदूषण ने तोड़े सारे रिकार्ड, 1900 तक पहुंचा AQI, स्कूल बंद

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नई दिल्ली। पड़ोसी देश पाकिस्तान में प्रदूषण ने सारे रिकार्ड तोड़ दिए हैं। पाकिस्तान के लाहौर शहर का AQI 1900 पहुंच गया है जो शहर में अब तक का सबसे ज्यादा एक्यूआई है। प्रांतीय सरकार और स्विस समूह IQAir द्वारा जारी आंकड़ों के अनुसार, शनिवार को पाकिस्तान-भारत सीमा के पास अब तक का सबसे अधिक प्रदूषण दर्ज किया गया। इसी के साथ लाहौर रविवार को दुनिया के सबसे प्रदूषित शहरों की रियल टाइम सूची में पहले नंबर पर पहुंच गया।

बढ़ते वायु प्रदूषण को देखते हुए लाहौर में आपातकाल जैसा माहौल है। वायु की खतरनाक गुणवत्ता को देखते हुए लाहौर प्रशासन ने वर्क फ्रॉम होम करने का आदेश दिया है। इसके साथ ही विभिन्न शहरों में प्राथमिक विद्यालयों को बंद करने की घोषणा की गई है। वहीं पंजाब की वरिष्ठ मंत्री मरियम औरंगजेब ने कहा है कि, सरकार ने माता-पिता को यह सुनिश्चित करने की सलाह देते हुए प्राथमिक विद्यालयों को एक सप्ताह के लिए बंद कर दिया है कि बच्चे मास्क पहनें, क्योंकि शहर में धुंध की मोटी चादर छाई हुई है। उन्होंने कहा कि वाहन प्रदूषण को कम करने के लिए 50 प्रतिशत कार्यालय कर्मचारी घर से काम करेंगे।

मरियम औरंगजेब ने आगे कहा है कि पिछले एक सप्ताह से भारत से हवा की दिशा लाहौर की ओर हो गई है और इस वजह से धुंध बढ़ गई है। उन्होंने कहा कि इस तरह की हवाएं अमृतसर और चंडीगढ़ से आ रही हैं और इस वजह से लाहौर में AQI लगातार बिगड़ता जा रहा है।
मरियम ने कहा है कि अगर हालत और खराब हुए तो शहर में उद्योगों को बंद कर दिया जाएगा। यहां तक कि पराली जलाने वाले किसानों को गिरफ्तार किया जाएगा। कुछ इसी तरह की कार्रवाई भारत की हरियाणा और पंजाब सरकार भी कर रही है, जहां पराली जलाने को लेकर बड़ी संख्या में किसानों पर मुकदमे दर्ज हुए हैं।

 

 

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