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मुख्य समाचार

नैतिकता के रास्‍ते से दूर होते राजनैतिक दल

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आम आदमी पार्टी, जितेंद्र सिंह तोमर, नितिन गडकरी

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नैतिकता बलिदान मांगती है, अनैतिक का कोई सिद्धांत नहीं होता। नैतिकता के रास्‍ते पर चलना कठिन जरूर होता है, असंभव नहीं। राजनीति में नैतिकता का तकाजा बीते दिनों की बात हो चली है। नई नवेली आम आदमी पार्टी भी इससे अछूती नहीं रही।

अभी कुछ दिनों पहले तक नैतिकता और सिद्धांतों की बड़ी-बड़ी बातें करने वाले एनजीओ स्टाइल का राजनैतिक दल आप नैतिकता के सवाल पर स्‍वा‍भाविक रुप से अनुत्‍तरित है। दिल्‍ली के केजरीवाल सरकार के कानून मंत्री की डिग्री फर्जी बताई जा रही है काफी हद तक पुष्टि भी हो चुकी है, बेहयाई का लबादा ओढ़े मंत्री जी राजनीतिक सजिश का शिकार होने की मुद्रा में हैं, उनके अगुआ मुख्‍यमंत्री अरविंद केजरीवाल खामोश हैं।

राजनीति में शुचिता और नैतिकता के तकाजे का ढोल जोर-शोर से पीटने वाली आम आदमी पार्टी जब अन्‍य राजनीतिक हस्तियों पर आरोप लगाती थी तो उसका जोर इसी बात पर होता था कि अमुक व्‍यक्ति तुरंत अपने पद से इस्‍तीफा दे। जितेंद्र सिंह तोमर के मामले में पार्टी की खामोशी नैतिकता के बलिदानी स्‍वभाव के विपरीत है।

इससे पहले भी जब भी आम आदमी पार्टी के खिलाफ आरोप लगे हैं तो उन्‍होंने इसे राजनीतिक साजिश बताकर पल्‍ला झाड़ लिया है तो क्‍या जब वे आरोप लगाते थे तो उन्‍हें साबित भी तुरंत ही कर देते थे? या वे अपने को अदालत समझते हैं कि उन्‍होंने आरोप लगाया नहीं और अगला तुरंत बर्खास्‍त हो। 49 दिनों की सरकार में भी तब के कानून मंत्री सोमनाथ भारती अपने ऊटपटांग कारनामों से विवादों के घेरे में रहे लेकिन केजरीवाल ने उस समय भी उनका बचाव किया।

नितिन गडकरी पर भ्रष्‍टाचार के आरोप लगाने के बाद जब गडकरी ने मानहानि का केस दायर किया तो अरविंद केजरीवाल को माफी तक मांगनी पड़ी। किसी पर आरोप लगा देना और उसको साबित करना दोनों अलग-अलग चीजें हैं। कोई जरूरी नहीं कि जो आरोप आप किसी पर लगा रहे हैं वो साबित ही कर ले जांय।

राजनीति में शुचिता बहुत जरुरी है। देश के अधिकतर राजनैतिक दलों के नेताओं के अंदर शुचिता का अभाव दिखता है जो चिंता का विषय है। अच्‍छा हो यदि दूसरों को अनैतिक और सिद्धांतविहीन कहने से पहले खुद नैतिकता के रास्‍ते पर चलकर दिखाया जाय।

आम आदमी पार्टी से जनता को बहुत उम्‍मीदें थीं, एक के बाद एक हरकतों ने लोगों का इस पार्टी से मोहभंग किया है। रैली में किसान की आत्‍महत्‍या से अभी पार्टी ठीक से उबर भी नहीं पाई थी कि तोमर के कृत्‍य ने पार्टी को काफी ज्‍यादा बैकफुट पर ढकेल दिया है। लोगों की उम्‍मीदों का इस प्रकार टूटना अच्‍छी बात नहीं है। अरविंद केजरीवाल को चाहिए कि तोमर को कम से कम जांच होने तक तो पद से हटा ही दें नहीं तो जनता ऐसे लोगों को पद से हटाने में देर नहीं करेगी।

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पाकिस्तान के खैबर पख्तूनख्वा में बड़ा आतंकी हमला, 38 लोगों की मौत

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पख्तूनख्वा। पाकिस्तान के खैबर पख्तूनख्वा में बड़ा आतंकी हमला हुआ है। इस हमले में 38 लोगों की मौत हो गई है। यह हमला खैबर पख्तूनख्वा के डाउन कुर्रम इलाके में एक पैसेंजर वैन पर हुआ है। हमले में एक पुलिस अधिकारी और महिलाओं समेत दर्जनों लोग घायल भी हुए हैं। जानकारी के मुताबिक उत्तर-पश्चिमी पाकिस्तान के अशांत प्रांत खैबर पख्तूनख्वा में आतंकियों ने शिया मुस्लिम नागरिकों को ले जा रहे यात्री वाहनों पर गोलीबारी की है। यह क्षेत्र में हाल के वर्षों में इस तरह का सबसे घातक हमला है। मृतकों की संख्या में इजाफा हो सकता है।

AFP की रिपोर्ट के मुताबिक इस हमले में 38 लोगों की मौत हुई है. पैसेंजर वैन जैसे ही लोअर कुर्रम के ओचुट काली और मंदुरी के पास से गुजरी, वहां पहले से घात लगाकर बैठे आतंकियों ने वैन पर अंधाधुंध गोलियां बरसानी शुरू कर दीं. पैसेंजर वैन पाराचिनार से पेशावर जा रही थी। पाकिस्तान की समाचार एजेंसी डॉन के मुताबिक तहसील मुख्यालय अस्पताल अलीजई के अधिकारी डॉ. ग़यूर हुसैन ने हमले की पुष्टि की है.

शिया और सुन्नी मुसलमानों के बीच तनाव 

अफगानिस्तान की सीमा से लगे कबायली इलाके में भूमि विवाद को लेकर शिया और सुन्नी मुसलमानों के बीच दशकों से तनाव बना हुआ है। किसी भी समूह ने घटना की जिम्मेदारी नहीं ली है। जानकारी के मुताबिक “यात्री वाहनों के दो काफिले थे, एक पेशावर से पाराचिनार और दूसरा पाराचिनार से पेशावर यात्रियों को ले जा रहा था, तभी हथियारबंद लोगों ने उन पर गोलीबारी की।” चौधरी ने बताया कि उनके रिश्तेदार काफिले में पेशावर से यात्रा कर रहे थे।

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