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प्रादेशिक

नोएडा में खुलेगी नेशनल टूरिज्म यूनिवर्सिटी, आगरा के लोग नाराज

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आगरा। राष्ट्रीय राजधानी से सटे नोएडा में राष्ट्रीय पर्यटन विश्वविद्यालय की स्थापना किए जाने के निर्णय पर आगरा के पर्यटन उद्यमियों ने कड़ी प्रतिक्रिया व्यक्त की है। मथुरा से भाजपा सांसद हेमा मालिनी ने कहा कि इस राष्ट्रीय विश्वविद्यालय को नोएडा में क्यों खोला जाना चाहिए? मुझे इसका कोई कारण बताएं। इसे मथुरा और आगरा के बीच स्थापित किया जाना चाहिए।

केंद्रीय पर्यटन एवं संस्कृति राज्यमंत्री महेश शर्मा ने सोमवार को नई दिल्ली में बताया था कि अगले तीन महीने में नोएडा में विश्वविद्यालय की स्थापना की जाएगी। आगरा में पर्यटन उद्योग के दिग्गजों का मानना है कि विकसित आतिथ्य उद्योग अवसंरचना और दर्जन भर पर्यटन स्थल होने के कारण इस बड़ी परियोजना पर आगरा का एक स्वाभाविक और व्यावहारिक दावा बनता है। उनके मुताबिक, शर्मा ने यह नहीं बताया कि उन्होंने इस विश्वविद्यालय के लिए स्थान का चुनाव किस आधार पर किया और नोएडा में यह विश्वविद्यालय स्थापित करने के क्या लाभ हैं, जिसका पर्यटन से कोई संबंध नहीं है।

मथुरा से भाजपा सांसद हेमा मालिनी ने फोन पर बताया, “इस राष्ट्रीय विश्वविद्यालय को नोएडा में क्यों खोला जाना चाहिए? मथुरा सांस्कृतिक रूप से समृद्ध है, जबकि आगरा वास्तुकला का गढ़ है। मैं महेश शर्मा के साथ इस पर चर्चा करूंगी।”

फेडरेशन ऑफ ट्रैवल एजेंटस ऑफ इंडिया के अध्यक्ष राजीव तिवारी ने कहा कि हम कई सालों से आगरा में राष्ट्रीय स्तर के संस्थान की स्थापना के लिए मंत्रालय को यकीन दिलाने की कोशिश कर रहे हैं, लेकिन अचानक हमने सुना कि मंत्रालय पहले ही इस पर निर्णय ले चुका है। हम उनसे बात करेंगे और उन्हें यकीन दिलाने की कोशिश करेंगे कि आगरा, नोएडा से अधिक बेहतर स्थान है। यकीनन, राजनीतिक रूप से यह फैसला लिया गया है। क्योंकि यह उनका निर्वाचन क्षेत्र है।

आगरा होटल एवं रेस्तरां एसोसिएशन के संस्थापक अध्यक्ष सुरेंद्र शर्मा ने कहा कि आगरा को एक बार फिर नजरअंदाज किया गया है। कई नागरिक समूहों ने इस मुद्दे को प्रधानमंत्री के समक्ष उठाने के लिए मानव संसाधन विकास राज्यमंत्री राम शंकर कठेरिया को पत्र लिखा है। कठेरिया आगरा संसदीय क्षेत्र का प्रतिनिधित्व करते हैं। आगरा में समाजावादी पार्टी के नेताओं ने भी राष्ट्रीय विश्वविद्यालय की स्थापना के लिए नोएडा का चुनाव करने पर विरोध जताया है।

IANS News

महाकुंभ मेला क्षेत्र के सभी सेक्टरों में नियुक्त किए गए सेक्टर मजिस्ट्रेट

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प्रयागराज। महाकुंभ 2025 को लेकर प्रयागराज में तेजी से निर्माण कार्य चल रहा है। सीएम योगी के दिव्य भव्य महाकुंभ की योजना के मुताबिक महाकुंभ नगरी ने संगम तट पर आकार लेना शुरू कर दिया है। महाकुंभ में आने वाले करोड़ों श्रद्धालुओं, कल्पवासियों और साधु-संन्यासियों के रहने और स्नान के लिए घाटों, अस्थाई सड़कों व टेंट सिटी का निर्माण शुरू हो गया है। प्रयागराज मेला प्रधिकरण ने योजना के मुताबिक पूरे मेला क्षेत्र को 25 सेक्टरों में बांटा हैं। सेक्टर और कार्य के मुताबिक सेक्टर मजिस्ट्रेटों की नियुक्ति कर दी गई है। सभी सेक्टर मजिस्ट्रेट अपने – अपने सेक्टर में भूमि अधिग्रहण से लेकर प्रशासन व्यवस्था के लिए जिम्मेदार रहेंगे। महाकुंभ के दौरान सेक्टर मजिस्ट्रेट आम जनता और प्रशासन के बीच कड़ी का कार्य करेंगे।

विभागीय समन्वय का करेंगे कार्य

महाकुंभ 2025 में लगभग 45 करोड़ श्रद्धालुओं के आने और लगभग 1 लाख से अधिक लोगों के कल्पवास करने की संभावना है। इसके साथ ही हजारों की संख्या में साधु-संन्यासियों और मेला प्रशासन के लोग महाकुंभ के दौरान मेला क्षेत्र में रहेंगे। इन सबके रहने के लिए टेंट सिटी व स्नान के लिए घाटों और मार्गों का निर्माण कार्य युद्धस्तर पर चल रहा है। पूर्व योजना के मुताबिक प्रयागराज मेला प्राधिकरण ने पूरे महाकुंभ क्षेत्र को 25 सेक्टरों में बांटा है। 4000 हेक्टेयर और 25 सेक्टरों में बंटा महाकुंभ मेला क्षेत्र इससे पहले के किसी भी महाकुंभ मेले से सबसे बड़ा क्षेत्र है। मेला प्राधिकरण ने प्रत्येक सेक्टर में भूमि अधिग्रहण से लेकर प्रशासन व्यवस्था और विभागीय समन्वय के लिए उप जिलाधिकारियों को सेक्टर मजिस्ट्रेट के तौर पर नियुक्ति किया है। ये सेक्टर मजिस्ट्रेट पूरे महाकुंभ के दौरान अपने-अपने सेक्टर, कार्य विभाग और विभागीय समन्वयन का कार्य करेंगे।

अधिकांश ने ग्रहण किया कार्यभार

प्रयागराज मेला प्राधिकरण ने सेक्टर वाईज सेक्टर मजिस्ट्रेट की लिस्ट जारी कर दी है। इस सबंध में एसडीएम मेला अभिनव पाठक ने बताया कि अधिकांश सेक्टर मजिस्ट्रेटों ने कार्यभार ग्रहण कर लिया है। शेष अपनी विभागीय जिम्मेदारियों से मुक्त होकर जल्द ही मेला क्षेत्र में अपना कार्यभार ग्रहण कर लेंगे। जो कि महाकुंभ के दौरान अपने-अपने सेक्टर की प्रशासन व्यवस्था व विभागीय समन्वयन का कार्य करेंगे। प्रत्येक सेक्टर में भूमि आवंटन की प्रगति और लोगों की समस्याओं के त्वरित निस्तारण में ये सेक्टर मजिस्ट्रेट मददगार होंगे।

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