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नोटबंदी का फायदा न हुआ तो फैलेगी अराजकता : राज ठाकरे

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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, अराजकता, नोटबंदी, राज ठाकरे, 500 और 1000 रुपये के नोट

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  प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, अराजकता, नोटबंदी, राज ठाकरे, 500 और 1000 रुपये के नोट

                         राज ठाकरे

मुंबई | महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (मनसे) के अध्यक्ष राज ठाकरे ने शनिवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर नोटबंदी को लेकर करारा प्रहार किया। उन्होंने चेतावनी दी कि अगर नोटबंदी का फायदा देखने को न मिला तो देश में अराजकता फैलेगी।

ठाकरे ने सरकार के इस दावे पर सवाल खड़ा किया कि 500 और 1000 रुपये के नोटों को बंद करने के लिए 10 महीने पहले ही तैयारी कर ली गई थी।

ठाकरे ने कहा, “अगर ऐसा था तो नए नोटों पर आरबीआई के नए गर्वनर (उर्जित पटेल) के हस्ताक्षर कैसे हैं, जिन्होंने महज तीन महीने पहले ही कार्यभार संभाला है?”

उन्होंने प्रधानमंत्री पर सीधे निशाना साधते हुए कहा, “भाजपा ने अभी तक 2014 में हुए चुनाव के खर्च का ब्योरा नहीं दिया है..अगर काले धन से इतनी ही घृणा है, तो मोदी चुनाव जीते कैसे?”

ठाकरे ने पार्टी के नेताओं और कार्यकर्ताओं की एक बैठक को संबोधित करते हुए कहा, “मैंने भाजपा के लोगों से बात की है, आरएसएस के लोगों से बात की है, कोई भी खुश नहीं है, लेकिन वे सभी चुप्पी साधे हुए हैं..अभी तक मोहन भागवत ने इस पर कोई प्रतिक्रिया नहीं की है..मैं हैरान हूं कि यह क्या हो रहा है।”

ठाकरे ने सवाल किया कि काला धन जमा करने वालों पर ढाई साल में कोई कार्रवाई क्यों नहीं की गई, जबकि आम जनता को सजा दी जा रही है और कतार में खड़े होने को, मरने को मजबूर किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि नोटबंदी के कारण अब तक 40 से ज्यादा लोग अपनी जान गंवा चुके हैं।

ठाकरे ने कहा, “सच तो यह है कि मोदी के नोटबंदी लागू करने से पहले कोई तैयारी नहीं की गई। अगर तैयारी की गई होती तो देश में ऐसे हालात पैदा ही न होते। ..हर कोई कह रहा है कि यह देश के लिए अच्छा है,

लेकिन प्रधानमंत्री यह नहीं बता रहे कि हमें कैसे फायदा होगा। हम केवल ईश्वर से प्रार्थना कर सकते हैं कि इससे कुछ अच्छा होगा। अगर यह कदम असफल हुआ तो देश 20-25 साल पीछे चला जाएगा।”

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बदल गई उपचुनावों की तारीख! यूपी, केरल और पंजाब में बदलाव पर ये बोला चुनाव आयोग

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नई दिल्ली। विभिन्न उत्सवों के कारण केरल, पंजाब और उत्तर प्रदेश में विधानसभा क्षेत्रों में उपचुनाव 13 नवंबर की जगह 20 नवंबर को होंगे। कांग्रेस, भाजपा, बसपा, रालोद और अन्य राष्ट्रीय और राज्य दलों के अनुरोध पर चुनाव आयोग ने ये फैसला लिया है।

विभिन्न उत्सवों की वजह से कम मतदान की किसी भी संभावना को खारिज करने के लिए, चुनाव आयोग ने ये फैसला लिया है। ऐसे में ये साफ है कि अब यूपी, पंजाब और केरल में उपचुनाव 13 नवंबर की जगह 20 नवंबर को होंगे।

चुनाव आयोग के मुताबिक राष्ट्रीय और राज्य स्तर की पार्टियों की ओर से उनसे मांग की गई थी कि 13 नवंबर को होने वाले विधानसभा उपचुनाव की तारीख में बदलाव किया जाए, क्योंकि उस दिन धार्मिक, सामाजिक कार्यक्रम हैं। जिसके चलते चुनाव संपन्न करवाने में दिक्कत आएगी और उसका असर मतदान प्रतिशत पर भी पड़ेगा।

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