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नेशनल

नोटबंदी के खिलाफ याचिका पर सुनवाई 2 दिसंबर को

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नोटबंदी, सर्वोच्च न्यायालय, टी.एस. ठाकुर, डी.वाई.चंद्रचूड़, मुकुल रोहतगी

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नोटबंदी, सर्वोच्च न्यायालय, टी.एस. ठाकुर, डी.वाई.चंद्रचूड़, मुकुल रोहतगी

सर्वोच्च न्यायालय

नई दिल्ली | सर्वोच्च न्यायालय नोटबंदी की संवैधानिक वैधता को चुनौती देने वाली और इससे लोगों को हुई परेशानी से संबंधित याचिका पर दो दिसंबर को सुनवाई करेगा। सर्वोच्च न्यायालय के प्रधान न्यायाधीश, न्यायमूर्ति टी.एस. ठाकुर और न्यायमूर्ति डी.वाई.चंद्रचूड़ की पीठ ने शुरुआत में कहा कि वह पहले नोटबंदी के कारण लोगों को हुई परेशानी और इसे दूर करने के लिए उठाए गए कदमों पर सुनवाई करेगी।

जमीनी हकीकत जानने की इच्छा जाहिर करते हुए शीर्ष अदालत ने कहा कि नोटबंदी की संवैधानिक वैधता पर बाद में सुनवाई की जाएगी।

नोटबंदी के कदम को चुनौती देने वाले याचिकाकर्ताओं में एक की ओर से अदालत में पेश हुए वरिष्ठ वकील कपिल सिब्बल ने जब निर्णय की वैधता पर सुनवाई के लिए जोर दिया, तब पीठ ने उनसे पूछा, “आप बताएं कि जमीनी हकीकत क्या है और क्या करना चाहिए।”

बाद में सिब्बल के अनुरोध पर शीर्ष अदालत दोनों पहलुओं पर मंगलवार (29 नवम्बर) या गुरुवार (एक दिसंबर) को प्राथमिक सुनवाई करने को तैयार हो गई।

हालांकि, महान्यायवादी मुकुल रोहतगी ने कहा कि अदालत में पेश याचिका की सुनवाई अन्य अदालतों में दायर याचिकाओं के साथ होनी चाहिए, जिन पर शीर्ष अदालत या दिल्ली उच्च न्यायालय में सुनवाई के लिए केंद्र सरकार उन्हें स्थानान्तरित किए जाने की मांग कर रही है।

उन्होंने कहा, “सुनवाई शुक्रवार (दो दिसंबर) को हो, ताकि हर व्यक्ति को सुना जा सके। इस मामले की आधी-अधूरी सुनवाई नहीं हो सकती है।”

इस पर अदालत ने नोटबंदी के खिलाफ विभिन्न उच्च न्यायालयों और निचली अदालतों में दायर याचिकाओं के स्थानांतरण के लिए केंद्र सरकार की याचिका पर सुनवाई हेतु दो दिसंबर की तारीख तय कर दी।

सरकार द्वारा गुरुवार को दाखिल जवाब का उल्लेख करते हुए रोहतगी ने पीठ से कहा कि सरकार ने हलफनामे में हर चीज का उल्लेख कर दिया है।

खाताधारकों द्वारा रकम निकालने की सीमा तय करने के सरकारी निर्णय पर प्रहार करते हुए सिब्बल ने पूछा कि कानून के किस प्रावधान के तहत एक जमाकर्ता को उनकी खुद की रकम निकालने पर प्रतिबंध लगाया जा सकता है।

उन्होंने कहा कि लोग सड़कों पर भूख से मर रहे हैं, बाजार बंद हैं और नकदी नहीं है।

सिब्बल ने कहा कि भारतीय रिजर्व बैंक अधिनियम, 1934 की धारा 26 लोगों की उनकी खुद की रकम निकालने के अधिकार को कम करने का अधिकार सरकार को नहीं देती है।

 

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पीएम मोदी पर लिखी किताब के प्रचार के लिए स्मृति ईरानी चार देशों की यात्रा पर

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नई दिल्ली। पूर्व केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी एक नवीनतम पुस्तक ‘मोडायलॉग – कन्वर्सेशन्स फॉर ए विकसित भारत’ के प्रचार के लिए चार देशों की यात्रा पर रवाना हो गई हैं। यह दौरा 20 नवंबर को शुरू हुआ और इसका उद्देश्य ईरानी को मध्य पूर्व, ओमान और ब्रिटेन में रहने वाले भारतीय समुदाय के लोगों से जोड़ना है।

स्मृति ईरानी ने अपने एक्स अकाउंट पर लिखा कि,

एक बार फिर से आगे बढ़ते हुए, 4 देशों की रोमांचक पुस्तक यात्रा पर निकल पड़े हैं! 🇮🇳 जीवंत भारतीय प्रवासियों से जुड़ने, भारत की अपार संभावनाओं का जश्न मनाने और सार्थक बातचीत में शामिल होने के लिए उत्सुक हूँ। यह यात्रा सिर्फ़ एक किताब के बारे में नहीं है; यह कहानी कहने, विरासत और आकांक्षाओं के बारे में है जो हमें एकजुट करती हैं। बने रहिए क्योंकि मैं आप सभी के साथ इस अविश्वसनीय साहसिक यात्रा की झलकियाँ साझा करता हूँ

कुवैत, दुबई, ओमान और ब्रिटेन जाएंगी स्मृति ईरानी

डॉ. अश्विन फर्नांडिस द्वारा लिखित यह पुस्तक प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के शासन दर्शन पर प्रकाश डालती है तथा विकसित भारत के लिए उनके दृष्टिकोण पर ध्यान केंद्रित करती है। कार्यक्रम के अनुसार ईरानी अपनी यात्रा के पहले चरण में कुवैत, दुबई, फिर ओमान और अंत में ब्रिटेन जाएंगी।

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