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बिजनेस

नोटबंदी से जीडीपी की विकास दर 2 फीसदी तक घटेगी : एचएसबीसी

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नोटबंदी, एचएसबीसी, बीटीवीआई, डिजिटल भुगतान, जीडीपी, अर्थव्यवस्था

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एचएसबीसी

नई दिल्ली  | नोटबंदी से देश की सकल घरेलू उत्पाद की विकास दर पर बादल छा गए हैं और इसकी रफ्तार 2 फीसदी तक घट सकती है। एचएसबीसी ने शुक्रवार को यह जानकारी दी। एचएसबीसी के मुख्य भारतीय अर्थशात्री प्रांजुल भंडारी ने बीटीवीआई को बताया, “कुछ तिमाहियों तक विकास दर घटती रहेगी। इस तिमाही और अगली तिमाही में इसकी दर पहले लगाए गए अनुमान 7.5 फीसदी से घटकर 5.5 फीसदी पर आ जाएगी।”

भंडारी ने आगे कहा, “वित्तवर्ष 18 तक स्थितियां सामान्य होंगी, लेकिन अप्रैल तक की अर्थव्यवस्था की रफ्तार 7.5 फीसदी तक वापस नहीं पहुंच पाएगी।” उन्होंने हालांकि कहा कि नोटबंदी का विकास दर पर असर अल्पकालिक है, क्योंकि जितनी भी मुद्रा प्रचलन में थी, अब तक उसका 70 फीसदी वापस आ चुका है।

उन्होंने आगे कहा, “इससे कोई स्थायी झटका नहीं लगनेवाला है। अब तक करीब 75 फीसदी पुराने नोट वापस आ चुके हैं और पूरा दिसंबर बाकी है।” भंडारी ने कहा कि यह अफरातफरी बस कुछ ही दिन की है। एक बार लोगों को डिजिटल भुगतान करना आ गया, खासकर ग्रामीण क्षेत्रों में तो फिर सबकुछ ठीक हो जाएगा।

 

नेशनल

ऑनलाइन फूड ऑर्डरिंग ऐप को मनमानी करने पर 103 के बदले देने पड़ेंगे 35,453 रु, जानें क्या है पूरा मामला

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हैदराबाद। ऑनलाइन फूड ऑर्डरिंग ऐप स्विगी को ग्राहक के साथ मनमानी करना भारी पड़ गया। कंपनी की इस मनमानी पर एक कोर्ट ने स्विगी पर तगड़ा जुर्माना ठोक दिया। हैदराबाद के निवासी एम्माडी सुरेश बाबू की शिकायत पर उपभोक्ता आयोग ने बड़ा फैसला सुनाया है। बाबू ने आरोप लगाया था कि स्विगी ने उनके स्विगी वन मेंबरशिप के लाभों का उल्लंघन किया और डिलीवरी Food Delivery की दूरी को जानबूझकर बढ़ाकर उनसे अतिरिक्त शुल्क वसूला

क्या है पूरा मामला ?

सुरेश बाबू ने 1 नवंबर, 2023 को स्विगी से खाना ऑर्डर किया था। सुरेश के लोकेशन और रेस्टॉरेंट की दूरी 9.7 किमी थी, जिसे स्विगी ने बढ़ाकर 14 किमी कर दिया था। दूरी में बढ़ोतरी की वजह से सुरेश को स्विगी का मेंबरशिप होने के बावजूद 103 रुपये का डिलीवरी चार्ज देना पड़ा। सुरेश ने आयोग में शिकायत दर्ज कराते हुए कहा कि स्विगी वन मेंबरशिप के तहत कंपनी 10 किमी तक की रेंज में फ्री डिलीवरी करने का वादा किया था।कोर्ट ने बाबू द्वारा दिए गए गूगल मैप के स्क्रीनशॉट्स और बाकी सबूतों की समीक्षा की और पाया कि दूरी में काफी बढ़ोतरी की गई है।

कोर्ट ने स्विगी को अनुचित व्यापार व्यवहार का दोषी पाया और कंपनी को आदेश दिया कि वे सुरेश बाबू को 9 प्रतिशत ब्याज के साथ 350.48 रुपये के खाने का रिफंड, डिलीवरी के 103 रुपये, मानसिक परेशानी और असुविधा के लिए 5000 रुपये, मुकदमे की लागत के लिए 5000 रुपए समेत कुल 35,453 रुपये का भुगतान करे।

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