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नोटबंदी से यूपी में बढ़ गए नसबंदी के मामले
अलीगढ़। नोटबंदी के बाद काम-काज नहीं मिलने से मजदूर आर्थिक तंगी झेल रहे हैं। इसी के कारण अलीगढ़ में नोटबंदी का एक हैरान करने वाला मामला सामने आया है। अलीगढ़ में रहने वाले पूरन शर्मा ने नकद की कमी और जरूरतें पूरी करने के लिए अपनी नसबंदी करा ली। नसबंदी कराने के एवज में मिलने वाले 2,000 रुपयों के लिए पूरन और उनकी पत्नी ने यह फैसला लिया।
पूरन दो बेटों और एक बेटी का पिता है। वो पैसों के लिए पत्नी की नसबंदी कराने गया था लेकिन वह मूक-बधिर है जिसकी वजह से स्वास्थ्य विभाग ने जोखिम लेने से इनकार कर दिया। इसके बाद पूरन ने अपनी नसबंदी करवा ली।
उल्लेखनीय है कि नसबंदी कराने वाले पुरषों के 2000 रुपए और वहीं महिलाओं को 1400 रुपए दिए जाते हैं। पूरन का कहना है कि उनके परिवार में विकलांग पत्नी के अलावा तीन बच्चे भी हैं और घर में नकद पैसों की कमी थी, उनके पास खाने तक को पैसे नहीं थे, इसीलिए ये फैसला करना पड़ा।
पैसों के लिए नसबंदी का तरीका अपनाने वाले पूरन अकेले शख्स नहीं हैं। अलीगढ़ के विकास खण्ड चण्डौस के गांव रूपनगर में भी एक मजदूर ने नोटबंदी के चलते मजबूरी में नसबंदी करा ली। गांव रूपनगर निवासी सतीश सिंह के अनुसार उसे नोटबंदी के बाद से काम मिलना बंद हो गया है। हालात इतने खराब थे कि उनके घर में चूल्हा भी जलना बंद हो गया, बैक में भी रुपया नहीं था।
नतीजतन वह सीएचसी पर नसबंदी कराने पहुंचा और 24 नवम्बर को उसकी नसंबदी भी हो गई। सतीश को बताया गया कि उनके जनधन खाते में 25 नवम्बर तक स्वास्थ्य विभाग द्वारा मिलने वाली सहायता राशि के दो हजार रुपये पहुंच जाएंगे।
मीडिया रिपोट्र्स की मानें तो भी अलीगढ़ और आगरा जिलों में इस महीने नसबंदी करवाने वालों की संख्या में बहुत ज्यादा इजाफा हुआ है। अलीगढ़ की बात करें, तो पिछले महीनों के मुकाबले नवंबर में यहां दोगुने लोगों ने नसबंदी करवाई। पिछले साल नवंबर में जहां कुल 92 लोगों ने नसबंदी कराई थी, वहीं इस नवंबर में अबतक 176 लोग नसबंदी करवा चुके हैं। इसी तरह आगरा में भी पिछले नवंबर में जहां 450 लोगों ने नसबंदी करवाई थी, वहीं इस साल नवंबर में अब तक यहां 904 महिलाएं और 9 पुरुष नसबंदी करवा चुके हैं।
उत्तर प्रदेश
उत्तर प्रदेश राज्य महिला आयोग का प्रस्ताव- पुरुष दर्जी नहीं ले सकेंगे महिलाओं की माप, जिम में महिला ट्रेनर जरुरी
लखनऊ। अगर आप महिला हैं तो ये खबर आपके लिए है। दरअसल, यूपी में महिलाओं की सुरक्षा को और मजबूत करने के लिए उ.प्र. राज्य महिला आयोग ने कुछ अहम फैसले लिए हैं जिसे जानना आपके लिए बेहद ज़रूरी हैं। शुक्रवार को आयोग की बैठक सम्पन्न हुई। इस दौरान महिलाओं की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए कई अहम फैसले लिए गए। जो की इस प्रकार हैं।
1- महिला जिम/योगा सेन्टर में, महिला ट्रेनर होना चाहिए तथा ट्रेनर एवं महिला जिम का सत्यापन अवश्य करा लिया जाये।
2-महिला जिम/योगा सेन्टर में प्रवेश के समय अभ्यर्थी के आधार कार्ड/निर्वाचन कार्ड जैसे पहचान पत्र से सत्यापन कर उसकी छायाप्रति सुरक्षित रखी जाये।
3- महिला जिम/योगा सेन्टर में डी.वी.आर. सहित सी.सी.टी.वी. सक्रिय दशा में होना अनिवार्य है।
4. विद्यालय के बस में महिला सुरक्षाकर्मी अथवा महिला टीचर का होना अनिवार्य है।
5. नाट्य कला केन्द्रों में महिला डांस टीचर एवं डी.वी.आर सहित सक्रिय दशा में सी.सी.टी.वी. का होना अनिवार्य है।
6. बुटीक सेन्टरों पर कपड़ों की नाप लेने हेतु महिला टेलर एवं सक्रिय सी.सी.टी.वी. का होना अनिवार्य है।
7. जनपद की सभी शिक्षण संस्थाओं का सत्यापन होना चाहिये।
8. कोचिंग सेन्टरों पर सक्रिय सी.सी.टी.वी. एवं वाशरूम आदि की व्यवस्था अनिवार्य है।
9. महिलाओं से सम्बन्धित वस्त्र आदि की ब्रिकी की दुकानों पर महिला कर्मचारी का होना अनिवार्य है।
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