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नोटबंदी से सबसे अधिक परेशानी बुआजी को : अखिलेश
लखनऊ | प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की ओर से देश में पांच सौ तथा हजार के नोट बंद होने पर हो रही परेशानी पर मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने एक बार फिर मोदी पर निशाना साधा। उन्होंने हालांकि इशारों-इशारों में बहुजन समाज पार्टी (बसपा) की मुखिया मायावती पर भी निशाना साधते हुए कहा कि सबसे ज्यादा तकलीफ तो बुआजी (मायावती)को हो रही है।
अखिलेश यादव ने मंगलवार को अपने सरकारी आवास से मैत्री कार रैली को रवाना करने के बाद ये बातें कही। दिल्ली से बैंकॉक तक की इस कार रैली के आयोजन में तीन देशों के 63 प्रतिभागी शामिल हैं।
इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने कहा कि देश में 1,000 व 500 रुपए के नोट बंद होने के कारण लोगों को तो तकलीफ हो ही रही है, लेकिन सबसे अधिक तकलीफ बुआजी (मायावती) को हो रही है। अखिलेश ने कहा कि बुआजी को हजार रुपए के नोटों की माला पहनने का बहुत शौक है।
उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने नोट बंद करके बुआजी के शौक पर अंकुश लगाने का काम किया है। यह ठीक नहीं है। देश में पांच सौ तथा हजार रुपए का नोट बंद होने से लोगों को तकलीफ है। इसको लेकर उत्तर प्रदेश सरकार बेहद संजीदा है।
अखिलेश ने कहा, “हम लोग ग्रामीण क्षेत्रों में मोबाइल कैश वैन भेजने की व्यवस्था में लगे हैं। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि जो सरकार जनता को दु:ख देती है, जनता उसे हटा देती है। अब रुपया न मिलने के कारण जनता तो दुखी है।”
इससे पहले उन्होंने अपने सरकारी आवास, पांच कालीदास मार्ग से तीन देशों के कार सवार लोगों की रैली को रवाना किया। इंडिया-म्यांमार-थाइलैंड फ्रेंडशिप कार रैली दिल्ली से बैंकॉक के बीच आयोजित की गई है। इसमें तीनों देशों के 63 प्रतिभागी 22 कारों से 5,722 किलोमीटर की दूरी तय करेंगे।
यह रैली दो दिसंबर को बैंकॉक में समाप्त होगी। रैली के प्रतिभागियों को संबोधित करते हुए अखिलेश यादव ने कहा कि यह दक्षिण पूर्व एशिया के तीन देशों को जोड़ने की पहल है। इसमें कार सवार भारत, म्यांमार व थाईलैंड को सड़क मार्ग से जोड़ने के प्रयास में हैं।
उन्होंने कहा कि इस तरह की रैली से व्यापार, पर्यटन व मैत्री संबंधों को बढ़ावा मिलता है। लोगों को एक-दूसरे के खानपान के साथ रहन-सहन की जानकारी होती है। इस तरह की कार रैली से देशों के संबंध प्रगाढ़ होते हैं। उन्होंने सभी प्रतिभागियों को बधाई दी और कहा कि कार रैली के जरिए देश तथा लोगों की दूरियां कम होती हैं।
प्रादेशिक
IPS अधिकारी संजय वर्मा बने महाराष्ट्र के नए डीजीपी, रश्मि शुक्ला के ट्रांसफर के बाद मिली जिम्मेदारी
महाराष्ट्र। महाराष्ट्र के नए डीजीपी का कार्यभार IPS संजय वर्मा को सौंपा गया है। आईपीएस संजय वर्मा को केंद्रीय चुनाव आयोग ने महाराष्ट्र के नए पुलिस महानिदेशक के रूप में नियुक्त किया है। कुछ ही दिनों में महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव है। उससे पहले चुनाव आयोग ने राज्य कांग्रेस प्रमुख नाना पटोले की शिकायत मिलने के बाद डीजीपी रश्मि शुक्ला के तबादले का आदेश दिया था।
कौन हैं IPS संजय वर्मा?
IPS संजय वर्मा 1990 बैच के पुलिस अधिकारी हैं। वह महाराष्ट्र में वर्तमान में कानून और तकनीकी के डीजी के रूप में कार्यरत रहे। वह अप्रैल 2028 में सेवानिवृत्त पुलिस सेवा से रिटायर होंगे। दरअसल, डीजीपी रश्मि शुक्ला को लेकर सियासी दलों के बीच पिछले कुछ समय से माहौल गर्म था। कांग्रेस के बाद उद्धव गुट की शिवसेना ने भी चुनाव आयोग को पत्र लिखकर उन्हें हटाने की मांग की थी।
कांग्रेस ने रश्मि शुक्ला की निष्पक्षता पर सवाल उठाते हुए चुनाव आयोग से उन्हें महानिदेशक पद से हटाने की मांग की थी। कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष नाना पटोले ने उन पर आरोप लगाया था कि वह बीजेपी के आदेश पर सरकार के लिए काम कर रही हैं।
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