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नोटबंदी 1971 में होनी चाहिए थी : मोदी
नई दिल्ली | प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को नोटबंदी के अपने फैसले का जोरदार ढंग से बचाव किया। उन्होंने कहा कि यह निर्णय साल 1971 में ही लिया जाना चाहिए था जब इंदिरा गांधी सरकार की थी। देश में कालाधन को रोकने के लिए कदम नहीं उठाने हेतु कांग्रेस पर प्रहार करते हुए मोदी ने भाजपा सांसदों से कहा, “हमें ऐसा करने की जरूरत साल 1971 में थी। साल 1971 से ऐसा नहीं किए जाने का हमें भारी नुकसान हुआ।”
प्रधानमंत्री ने पूर्व नौकरशाह माधव गोडबोले की पुस्तक का हवाला दिया, जिसमें दर्ज है कि कैसे तत्कालीन गृह मंत्री वाई.वी. चव्हाण ने गलत तरीके हासिल और छिपे धन पर रोक लगाने के लिए नोटबंदी की अनुशंसा की थी। मोदी ने कहा, “गोडबोले ने पुस्तक में लिखा है कि इस सुझाव पर इंदिरा ने सवालिया लहजे में कहा कि ‘क्या आगे कांग्रेस को कोई चुनाव नहीं लड़ना है?’ चव्हाण को को संदेश मिल गया था और अनुशंसा ठंडे बस्ते में डाल दी गई थी।”
प्रधानमंत्री ने कहा, “साल 1971 में इसकी अनुशंसा हर व्यक्ति ने की थी। अगर यह 1971 में हो गई होती तो देश आज इस स्थिति में नहीं होता।” मोदी ने शीतकालीन सत्र के अंतिम दिन संसद के बाहर ये बातें कहीं। उच्च मूल्य के नोटों को अमान्य घोषित किए जाने से देश में नकदी का संकट पैदा हो गया है, जिसे लेकर हंगामा के कारण संसद का शीतकालीन सत्र नहीं चल सका।
प्रधानमंत्री द्वारा भाजपा संसदीय दल को संबोधित किए जाने के कुछ घंटों के बाद उनके भाषण की रिकार्डिग प्रसारित की गई। उन्होंने कहा कि कांग्रेस ने देश से आगे पार्टी को रखा है, जबकि भाजपा ‘देश पहले’ की विचारधारा का अनुसरण करती रही है। मोदी ने आठ नवंबर के नोटबंदी के फैसले का विरोध करने के लिए वाम दलों की भी निंदा की।
उन्होंने कहा, “कांग्रेस से गठजोड़ कर वाम दलों ने अपनी विचारधारा से समझौता किया है।” प्रधानमंत्री ने दिवंगत मार्क्सवादी नेता ज्योति बसु की उस उक्ति को याद किया, जिसमें उन्होंने कहा था कि ‘इंदिरा गांधी कालाधन के बलबूते ही बची रहीं।” बसु की टिप्पणी का जिक्र करते हुए मोदी ने कहा, “(कांग्रेस की) सरकार कालाधन की, कलाधन द्वारा और कालाधन के लिए है।”
प्रादेशिक
IPS अधिकारी संजय वर्मा बने महाराष्ट्र के नए डीजीपी, रश्मि शुक्ला के ट्रांसफर के बाद मिली जिम्मेदारी
महाराष्ट्र। महाराष्ट्र के नए डीजीपी का कार्यभार IPS संजय वर्मा को सौंपा गया है। आईपीएस संजय वर्मा को केंद्रीय चुनाव आयोग ने महाराष्ट्र के नए पुलिस महानिदेशक के रूप में नियुक्त किया है। कुछ ही दिनों में महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव है। उससे पहले चुनाव आयोग ने राज्य कांग्रेस प्रमुख नाना पटोले की शिकायत मिलने के बाद डीजीपी रश्मि शुक्ला के तबादले का आदेश दिया था।
कौन हैं IPS संजय वर्मा?
IPS संजय वर्मा 1990 बैच के पुलिस अधिकारी हैं। वह महाराष्ट्र में वर्तमान में कानून और तकनीकी के डीजी के रूप में कार्यरत रहे। वह अप्रैल 2028 में सेवानिवृत्त पुलिस सेवा से रिटायर होंगे। दरअसल, डीजीपी रश्मि शुक्ला को लेकर सियासी दलों के बीच पिछले कुछ समय से माहौल गर्म था। कांग्रेस के बाद उद्धव गुट की शिवसेना ने भी चुनाव आयोग को पत्र लिखकर उन्हें हटाने की मांग की थी।
कांग्रेस ने रश्मि शुक्ला की निष्पक्षता पर सवाल उठाते हुए चुनाव आयोग से उन्हें महानिदेशक पद से हटाने की मांग की थी। कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष नाना पटोले ने उन पर आरोप लगाया था कि वह बीजेपी के आदेश पर सरकार के लिए काम कर रही हैं।
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