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खेल-कूद

नोवो नॉर्डिस्क ने कुम्बले को चुना चेंजिंग डायबिटीज अभियान का ब्रांड ऐम्बेसेडर

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नई दिल्ली, 10 अगस्त (आईएएनएस)| स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय के संयुक्त सचिव नवदीप रिनवा ने टाइप-1 डायबिटीज पर एक पुस्तक का विमोचन किया। इस पुस्तक को नोवो नॉर्डिस्क एजुकेशन फाउंडेशन का समर्थन प्राप्त है। नोवो नॉर्डिस्क इंडिया ने भारतीय क्रिकेट टीम के पूर्व कप्तान अनिल कुंबले को चेंजिंग डायबिटीज ब्रांड ऐम्बेसेडर चुने जाने की भी घोषणा की। कुम्बले चेंजिंग डायबिटीज इन चिल्ड्रेन पहल को अपना समर्थन दे रहे हैं और चेंजिंग डायबिटीज ऐम्बेसेडर हैं। कुम्बले ने डायबिटीज से लड़ने के लिए एक साझीदार के तौर पर नोवो नॉर्डिस्क के साथ गठबंधन किया है। अनिल को लोगों द्वारा काफी पसंद किया जाता है, और उनका सहयोग नोवो नॉर्डिस्क की बच्चों एवं बड़ों के बीच अधिक जागरूकता फैलाने में मदद करेगा।

इस पहल की सराहना करते रिनवा कहा, डायबिटीज के संकट से निपटने के लिए, हम सभी को साथ मिलकर काम करने की जरूरत है। ताकि टाइप-1 डायबिटीज से पीड़ित बच्चों को समय पर देखभाल मिल सके। सरकार डायबिटीज से पीड़ित लोगों को गुणवत्तापूर्ण चिकित्सा इलाज देने के लिए केन्द्रित एवं प्रतिबद्ध है। सरकार सुनिश्चित कर रही है कि देश के हर नागरिक को डायबिटीज की शुरूआती पहचान के लिए जागरूक बनाया जा सके।

इंटरनेशनल डायबिटीज फेडरेशन के अनुसार, 15 साल से कम उम्र के लगभग 81,400 बच्चे दक्षिण पूर्व एशिया क्षेत्र में टाइप-1 डायबिटीज से पीड़ित हैं। भारत में टाइप-1 डायबिटीज से सबसे अधिक 70,200 बच्चे पीड़ित हैं।

चेंजिंग डायबिटीज इन चिल्ड्रेन प्रोग्राम नोवो नॉर्डिस्क एजूकेशन फाउंडेशन द्वारा डायबिटीज चैलेंज के प्रति दिया गया प्रतिसाद है। एनएनईएफ बच्चों में जागरूकता बढ़ाने, देखभाल तक पहुंच में सुधार करने और डायबिटीज के मनोवैज्ञानिक पहलुओं का समाधान करने की दिशा में काम कर रहा है ताकि उनकी जिंदगी को बेहतर बनाया जा सके।

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खेल-कूद

विराट कोहली ने की है 12वीं तक पढ़ाई, इस सब्जेक्ट का नाम सुनकर ही आ जाता था पसीना

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नई दिल्ली। भारतीय क्रिकेट टीम के कप्तान विराट कोहली आज अपना 36वां जन्मदिन मना रहे हैं। अपने 16 साल के करियर में विराट इतने आगे निकल गए हैं कि उनके रिकार्ड्स को तोड़ना लगभग नामुमकिन सा लगता है। आज विराट के जन्मदिन के मौके पर हम आपको ऐसी बात बताने जा रहे हैं जो आपने शायद पहले कभी नहीं सुनी होगी। आज हम आपको बताएंगे कि मैदान पर अपनी बल्लेबाजी से गेंदबाजों को डराने वाले विराट किससे डरा करते थे।

आपको जानकर हैरानी होगी कि मैदान पर रिकॉर्ड्स के अंबार लगाने वाले विराट कोहली ने केवल 12वीं तक की ही पढ़ाई की है। क्रिकेट के प्रति दीवानगी के चलते उन्होंने अपनी पढ़ाई बीच में ही छोड़ दी। विराट ने दिल्ली की ‘विशाल भारती पब्लिक स्कूल’ से पढ़ाई की है। स्कूल की वेबसाइट में भी एल्युमनाई में कोहली का जिक्र है और उनकी तस्वीरें भी लगा रखी है।

दिल्ली के जानेमाने स्कूल में से एक इस स्कूल को कई अवार्ड मिल चुके हैं। विराट का फेवरेट सब्जेक्ट हिस्ट्री था। विराट हमेशा से ही अतीत की बातें सीखने के लिए उत्सुक रहते थे। मैथ्स एक ऐसा सब्जेक्ट था जिसके बारे में सुनकर विराट के पसीने छूट जाते थे। कहा जाता है कि एक बार विराट को मैथ्स में 100 में केवल 3 ही मार्क्स मिले थे।

विराट कोहली की ही कप्तानी में भारतीय टीम ने 2008 का अंडर-19 वर्ल्ड कप जीती थी। यह टूर्नामेंट मलेशिया में खेला गया था। इस शानदार प्रदर्शन के दम पर कोहली ने टीम इंडिया के लिए अपना पहला इंटरनेशनल मैच 18 अगस्त 2008 को श्रीलंका के खिलाफ खेला था।

 

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