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पं. उपाध्याय ने ग्वालियर में व्यक्त किया था एकात्म मानव दर्शन का विचार

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रामलाल

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रामलाल ग्वालियर| मध्य प्रदेश में ग्वालियर की रामनारायण धर्मशाला में भाजपा के पितृ पुरुष पं़ दीनदयाल उपाध्याय ने 13 अप्रैल, 1964 को सर्वप्रथम एकात्म मानव दर्शन का विचार रखा था। इसी स्थान पर भाजपा ने गुरुवार को एक आयोजन करके पं. उपाध्याय के एकात्म मानव दर्शन के महत्व का बखान किया। इस मौके पर राष्ट्रीय महामंत्री संगठन रामलाल ने कहा कि एकात्म मानवदर्शन शब्द कठिन है, लेकिन इसका अर्थ समझें तो यह अत्यंत सरल है। 1964 से पूर्व विश्व में पूंजीवाद एवं साम्यवाद का बोलबाला था। उस समय पं़ दीनदयाल जी उपाध्याय ने पूंजीवाद एवं साम्यवाद से अलग एकात्म मानववाद का विचार दिया। यह विचार भारत की मिट्टी का विचार है। भारत भूमि से निकला है और मानव कल्याण के लिए है।

रामलाल ने कहा कि साम्यवाद और पूंजीवाद के दोनों विचार मनुष्य के भौतिक सुख साधन से जुड़े हैं, जबकि पं़ दीनदयाल उपाध्याय द्वारा दिया गया एकात्म मानव दर्शन का भारतीय विचारधारा से जुड़ा है, जिसके अनुसार भौतिक सुख साधन के साथ-साथ मुनष्य के लिए मानसिक व आंतरिक सुख का होना भी जरूरी है।

रामलाल ने कहा कि पं़ दीनदयाल के विचार के परिप्रेक्ष्य में सबका साथ, सबका विकास के विचार को लेकर आज भारतीय जनता पार्टी की केंद्र व प्रदेश की सरकारें अंतिम छोर के व्यक्ति के कल्याण के लिए योजनाएं बनाकर कार्य कर रही हैं। वहीं, कार्यक्रम को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री शिवराज सिह चौहान ने कहा कि ऐसे पुण्य स्थान पर एकत्रित होकर सभी अभिभूत हैं।

यह स्थान हमारे लिए मंदिर है। यहां एक ऐसा विचार प्रतिपादित हुआ जो मनुष्य के मन, बुद्धि, तन और कर्म को बढ़ाने का विचार है। एकात्म मानव दर्शन का विचार ही विश्व को शांति के पथ पर अग्रसर कराएगा। इस विचार को प्रदेश की भाजपा सरकार ने प्रदेश में लागू करने का कार्य किया है और केंद्र सरकार भी इस विचार के आधार पर ही देश को आगे बढ़ाने का कार्य कर रही है।

कार्यक्रम के प्रारंभ में केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिह तोमर ने कहा कि 1964 व उससे पूर्व का समय जनसंघ के लिए अत्यंत कठिन था। उस दौर में हमारे पूर्वजों ने पूरी निष्ठा से एकात्म मानवदर्शन के विचार को आगे बढ़ाने का काम किया। उनकी त्याग, तपस्या और मेहनत के बल पर ही आज भाजपा का वटवृक्ष पल्लवित हो रहा है, जिसकी केंद्र और अनेक राज्यों की सरकारें एकात्म मानव दर्शन के विचार के अनुरूप समाज के अंतिम छोर के व्यक्ति के कल्याण के लिए कार्य कर रही हैं।

कार्यक्रम में पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष व सांसद नंदकुमार सिह चौहान, राष्ट्रीय उपाध्यक्ष प्रभात झा, केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिह तोमर, थावरचंद्र गहलोत, महापौर विवेक शेजवलकर, प्रदेश सरकार के मंत्री जयभान सिह पवैया, नरोत्तम मिश्रा, माया सिह प्रदेश महामंत्री बी.डी. शर्मा भी मौजूद थे।

नेशनल

मशहूर लोक गायिका शारदा सिन्हा का निधन, दिल्ली एम्स में ली अंतिम सांस

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नई दिल्ली। मशहूर लोक गायिका शारदा सिन्हा का निधन हो गया है। दिल्ली के एम्स में आज उन्होंने अंतिम सांस ली। वह लंबे समय से बीमार चल रहीं थी। एम्स में उन्हें भर्ती करवाया गया था। शारदा सिन्हा को बिहार की स्वर कोकिला कहा जाता था।

गायिका शारदा सिन्हा को साल 2018 में पद्म भूषण से सम्मानित किया गया था। शारदा सिन्हा का जन्म 1 अक्टूबर, 1952 को सुपौल जिले के एक गांव हुलसा में हुआ था। बेमिसाल शख्सियत शारदा सिन्हा को बिहार कोकिला के अलावा भोजपुरी कोकिला, भिखारी ठाकुर सम्मान, बिहार रत्न, मिथिलि विभूति सहित कई सम्मान मिले हैं। शारदा सिन्हा ने भोजपुरी, मगही और मैथिली भाषाओं में विवाह और छठ के गीत गाए हैं जो लोगों के बीच काफी प्रचलित हुए।

शारदा सिन्हा पिछले कुछ दिनों से एम्स में भर्ती थीं। सोमवार की शाम को शारदा सिन्हा को प्राइवेट वार्ड से आईसीयू में अगला शिफ्ट किया गया था। इसके बाद जब उनकी हालत बिगड़ी लेख उन्हें वेंटिलेटर सपोर्ट पर रखा गया। शारदा सिन्हा का ऑक्सीजन लेवल गिर गया था और फिर उनकी हालत हो गई थी। शारदा सिन्हा मल्टीपल ऑर्गन डिस्फंक्शन स्थिति में थीं।

 

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