प्रादेशिक
पटना पुस्तक मेले में डिजिटल भुगतान की सुविधा, बिक्री बढ़ी
पटना | बिहार की राजधानी पटना के ऐतिहासिक गांधी मैदान में आयोजित 23वें पुस्तक मेले में अगर आप बिना नकद पैसे के साथ भी जा रहें हैं, तो चिंता करने की कोई जरूरत नहीं है, क्योंकि आप वहां क्रेडिट कार्ड, डेबिट कॉर्ड या पेटीएम से भी भुगतान कर किताबें खरीद सकते हैं। यहीं नहीं कुछ प्रकाशकों ने किताबों की ‘होम डिलिवरी’ की भी सुविधा प्रदान की है। इन्हीं वजहों से इस साल किताबों की बिक्री भी बढ़ गई है।
सेंटर फ ॉर रीडरशिप डेवलपमेंट (सीआरडी) द्वारा आयोजित पटना पुस्तक मेले में साहित्य, संस्कृति, स्त्री विमर्श से लेकर प्रतियोगी परीक्षाओं तक की किताबें पाठकों को लुभा रही हैं।
मेले में यह भी व्यवस्था की गई है कि पुस्तक प्रेमियों को हर तरह की किताबें एक ही जगह उपलब्ध हो जाएं। इस बार का पुस्तक मेला खासकर बच्चों को समर्पित है। मेला में स्कूली बच्चों को नि:शुल्क प्रवेश की सुविधा दी गई है और साथ ही उनके लिए खास तरह की प्रतियोगिताएं भी आयोजित की गई हैं। यह मेला चार फरवरी को शुरू हुआ, जो 14 फरवरी तक चलेगा।
प्रभात प्रकाशन के राजेश शर्मा कहते हैं, “पुस्तक मेले में प्रकाशकों पर नोटबंदी का कोई खास असर नहीं हैं, क्योंकि करीब 70 प्रतिशत खरीदारी पेटीएम और डेबिट, क्रेडिट कार्ड से ही हो रही हैं। इससे व्यवसाय पर कोई असर नहीं पड़ा है। हलांकि कभी-कभी सर्वर डाउन जैसी तकनीकी दिक्कतों के चलते परेशानी होती है।”
पुस्तक मेले में आए युवाओं को भी कॉर्ड से भुगतान करने में ज्यादा आसानी हो रही है। मेले में आए युवाओं का कहना है कि नकद रखने से बेहतर है कि कार्ड और डिजिटल माध्यमों से खरीदारी की जाए। इसी वजह से मेले में आने वाले ज्यादातर पुस्तक प्रेमी कैशलेस होने पर भी किताबें खरीद रहे हैं।
पटना विश्वविद्यालय की छात्रा अर्चना कहती हैं कि नकद नहीं होने के कारण कई बार बिना पुस्तक खरीदे लौटना पड़ता था, परंतु इस वर्ष कैशलेस सुविधा होने से परेशानी कम हुई है। उन्होंने बताया कि 50 रुपये की किताब लेने पर भी कॉर्ड से भुगतान स्वीकार किए जा रहे हैें।
वाणी प्रकाशन के विनोद पुगलिया कहते हैं कि डिजिटल भुगतान की सुविधा देने से पुस्तकों की बिक्री बढ़ गई है। अब ग्राहकों के पास नकद नहीं होने पर भी उन्हें कोई परेशानी नहीं हो रही है।
उधर, राजकमल प्रकाशन ने तो पुस्तक प्रेमियों के लिए ‘होम डेलवरी’ तक की सुविधा प्रदान की है। प्रकाशन के अलिंद महेश्वरी ने कहा, “लगभग सभी प्रकाशकों द्वारा सभी तरह के कॉर्ड स्वीकार किए जा रहे हैं। अगर आपके पास कोई कार्ड भी नहीं है, तब भी आप अपना ‘ऑर्डर’ और पता लिखा दें, आपके घर पर पुस्तक भेजे दी जाएगी।”
इस पुस्तक मेला में 300 से ज्यादा प्रकाशक भाग ले रहे हैं।
IANS News
महाकुंभ मेला क्षेत्र के सभी सेक्टरों में नियुक्त किए गए सेक्टर मजिस्ट्रेट
प्रयागराज। महाकुंभ 2025 को लेकर प्रयागराज में तेजी से निर्माण कार्य चल रहा है। सीएम योगी के दिव्य भव्य महाकुंभ की योजना के मुताबिक महाकुंभ नगरी ने संगम तट पर आकार लेना शुरू कर दिया है। महाकुंभ में आने वाले करोड़ों श्रद्धालुओं, कल्पवासियों और साधु-संन्यासियों के रहने और स्नान के लिए घाटों, अस्थाई सड़कों व टेंट सिटी का निर्माण शुरू हो गया है। प्रयागराज मेला प्रधिकरण ने योजना के मुताबिक पूरे मेला क्षेत्र को 25 सेक्टरों में बांटा हैं। सेक्टर और कार्य के मुताबिक सेक्टर मजिस्ट्रेटों की नियुक्ति कर दी गई है। सभी सेक्टर मजिस्ट्रेट अपने – अपने सेक्टर में भूमि अधिग्रहण से लेकर प्रशासन व्यवस्था के लिए जिम्मेदार रहेंगे। महाकुंभ के दौरान सेक्टर मजिस्ट्रेट आम जनता और प्रशासन के बीच कड़ी का कार्य करेंगे।
विभागीय समन्वय का करेंगे कार्य
महाकुंभ 2025 में लगभग 45 करोड़ श्रद्धालुओं के आने और लगभग 1 लाख से अधिक लोगों के कल्पवास करने की संभावना है। इसके साथ ही हजारों की संख्या में साधु-संन्यासियों और मेला प्रशासन के लोग महाकुंभ के दौरान मेला क्षेत्र में रहेंगे। इन सबके रहने के लिए टेंट सिटी व स्नान के लिए घाटों और मार्गों का निर्माण कार्य युद्धस्तर पर चल रहा है। पूर्व योजना के मुताबिक प्रयागराज मेला प्राधिकरण ने पूरे महाकुंभ क्षेत्र को 25 सेक्टरों में बांटा है। 4000 हेक्टेयर और 25 सेक्टरों में बंटा महाकुंभ मेला क्षेत्र इससे पहले के किसी भी महाकुंभ मेले से सबसे बड़ा क्षेत्र है। मेला प्राधिकरण ने प्रत्येक सेक्टर में भूमि अधिग्रहण से लेकर प्रशासन व्यवस्था और विभागीय समन्वय के लिए उप जिलाधिकारियों को सेक्टर मजिस्ट्रेट के तौर पर नियुक्ति किया है। ये सेक्टर मजिस्ट्रेट पूरे महाकुंभ के दौरान अपने-अपने सेक्टर, कार्य विभाग और विभागीय समन्वयन का कार्य करेंगे।
अधिकांश ने ग्रहण किया कार्यभार
प्रयागराज मेला प्राधिकरण ने सेक्टर वाईज सेक्टर मजिस्ट्रेट की लिस्ट जारी कर दी है। इस सबंध में एसडीएम मेला अभिनव पाठक ने बताया कि अधिकांश सेक्टर मजिस्ट्रेटों ने कार्यभार ग्रहण कर लिया है। शेष अपनी विभागीय जिम्मेदारियों से मुक्त होकर जल्द ही मेला क्षेत्र में अपना कार्यभार ग्रहण कर लेंगे। जो कि महाकुंभ के दौरान अपने-अपने सेक्टर की प्रशासन व्यवस्था व विभागीय समन्वयन का कार्य करेंगे। प्रत्येक सेक्टर में भूमि आवंटन की प्रगति और लोगों की समस्याओं के त्वरित निस्तारण में ये सेक्टर मजिस्ट्रेट मददगार होंगे।
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