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पठानकोट आतंकी हमला मामले में मसूद के खिलाफ आरोप-पत्र दाखिल

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masood azhar

नई दिल्ली | राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने पठानकोट आतंकवादी हमले के मामले में आतंकी संगठन जैश-ए मोहम्मद के सरगना मौलाना मसूद अजहर और तीन अन्य के खिलाफ सोमवार को आरोप-पत्र दाखिल किए। एनआईए के एक आधिकारिक बयान के मुताबिक, आरोप-पत्र में मसूद के अलावा मुफ्ती अब्दुल रउफ असगर, शाहिद लतीफ तथा काशिफ जान के नाम शामिल हैं।

मुफ्ती असगर, मौलाना अजहर का भाई है और जैश में दूसरे नंबर पर है। पंजाब के पंचकुला में एनआईए की विशेष अदालत में दाखिल किए गए आरोप-पत्र के अनुसार इंटरपोल ने अजहर, असगर और लतीफ के खिलाफ रेड कॉर्नर नोटिस जारी किया है, जबकि काशिफ जान के खिलाफ रेड कॉर्नर नोटिस जारी करने की प्रक्रिया जारी है। आरोप-पत्र में चार हमलावरों नसीर हुसैन, हाफिज अबु बकर, उमर फारूक और अब्दुल कय्यूम के नाम भी शामिल हैं। ये सभी पाकिस्तानी हैं।

बयान के मुताबिक, “इन हमलावरों के खिलाफ अभियोजन बंद करने की सिफारिश की गई है क्योंकि ये सभी मरे चुके हैं।” आरोप-पत्र में जेईएम प्रमुख और अन्य पर भारत में आतंकवादी हमले करने के लिए पाकिस्तान और पाकिस्तान के नियंत्रण वाले कश्मीर के हिस्से में आतंकवादी शिविर स्थापित करने का आरोप लगाया गया है। बयान के मुताबिक, “प्रशिक्षण के दौरान इन आतंकवादियों को कट्टरपंथी बनाने और उन्हें जिहाद के लिए तैयार करने के लिए व्यापक प्रेरक, शारीरिक, सैन्य और सामरिक प्रशिक्षण दिया गया था।”

बयान के मुताबिक, “एनआईए जांचकर्ताओं ने प्रत्यक्षदर्शियों के बयानों के रूप में इस बात के पर्याप्त सबूत जुटाए हैं कि अजहर और रउफ ने आतंकवादियों को प्रशिक्षित और प्रेरित किया था और उन्हें कट्टरपंथी बनाया था।” बयान के मुताबिक, “गवाहों के बयानों और बीच में पकड़े गए संदेशों से पता चला है कि काशिफ जान और शाहिद लतीफ ने भारतीय वायुसेना के अड्डे पर आतंकवादी हमला करने और निर्दोष लोगों की हत्या करने और उन्हें चोट पहुंचाने और सार्वजनिक संपत्ति को नुकसान पहुंचाने वाले चारों आतंकवादियों को प्रशिक्षित किया था और हथियार मुहैया कराए थे।”

एनआईए के मुताबिक, “अपराध स्थल से मिली सामग्री, सामान, दस्तावेजी सबूतों, फॉरेंसिक रिपोर्ट और व्यापक कॉल डाटा विश्लेषण हमले में जेईएम के आतंकवादियों का हाथ होने की पुष्टि करते हैं।” इन चारों पर आपराधिक साजिश, हत्या, राज्य के खिलाफ युद्ध छेड़ने और अन्य आरोप लगाए गए हैं। उन पर साथ ही शस्त्र अधिनियम, विस्फोटक पदार्थ अधिनियम और सार्वजनिक संपत्ति की क्षति की रोकथाम अधिनियम के तहत भी आरोप लगाए गए हैं।

पठानकोट स्थित वायुसेना के अड्डे पर दो जनवरी को चार आतंकवादियों ने हमला कर दिया था, जिसमें सात जवान शहीद हो गए थे।

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पाकिस्तान के खैबर पख्तूनख्वा में बड़ा आतंकी हमला, 38 लोगों की मौत

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पख्तूनख्वा। पाकिस्तान के खैबर पख्तूनख्वा में बड़ा आतंकी हमला हुआ है। इस हमले में 38 लोगों की मौत हो गई है। यह हमला खैबर पख्तूनख्वा के डाउन कुर्रम इलाके में एक पैसेंजर वैन पर हुआ है। हमले में एक पुलिस अधिकारी और महिलाओं समेत दर्जनों लोग घायल भी हुए हैं। जानकारी के मुताबिक उत्तर-पश्चिमी पाकिस्तान के अशांत प्रांत खैबर पख्तूनख्वा में आतंकियों ने शिया मुस्लिम नागरिकों को ले जा रहे यात्री वाहनों पर गोलीबारी की है। यह क्षेत्र में हाल के वर्षों में इस तरह का सबसे घातक हमला है। मृतकों की संख्या में इजाफा हो सकता है।

AFP की रिपोर्ट के मुताबिक इस हमले में 38 लोगों की मौत हुई है. पैसेंजर वैन जैसे ही लोअर कुर्रम के ओचुट काली और मंदुरी के पास से गुजरी, वहां पहले से घात लगाकर बैठे आतंकियों ने वैन पर अंधाधुंध गोलियां बरसानी शुरू कर दीं. पैसेंजर वैन पाराचिनार से पेशावर जा रही थी। पाकिस्तान की समाचार एजेंसी डॉन के मुताबिक तहसील मुख्यालय अस्पताल अलीजई के अधिकारी डॉ. ग़यूर हुसैन ने हमले की पुष्टि की है.

शिया और सुन्नी मुसलमानों के बीच तनाव 

अफगानिस्तान की सीमा से लगे कबायली इलाके में भूमि विवाद को लेकर शिया और सुन्नी मुसलमानों के बीच दशकों से तनाव बना हुआ है। किसी भी समूह ने घटना की जिम्मेदारी नहीं ली है। जानकारी के मुताबिक “यात्री वाहनों के दो काफिले थे, एक पेशावर से पाराचिनार और दूसरा पाराचिनार से पेशावर यात्रियों को ले जा रहा था, तभी हथियारबंद लोगों ने उन पर गोलीबारी की।” चौधरी ने बताया कि उनके रिश्तेदार काफिले में पेशावर से यात्रा कर रहे थे।

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