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पत्रकार विनोद वर्मा को कोर्ट से मिली ट्रांजिट रिमांड, जानें केस की अहम बातें

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नई दिल्ली। देश के विभिन्न मीडिया संस्थानों में अपनी सेवाएं देने वाले गाजियाबाद के इंदिरापुरम से वरिष्ठ पत्रकार विनोद वर्मा को शुक्रवार को गिरफ्तार कर लिया गया था इसके बाद कोर्ट ने शनिवार को पत्रकार विनोद वर्मा को ट्रांजिट रिमांड पर भेज दिया है।

ऐसा अनुमान है कि पुलिस अब उन्हें छत्तीसगढ़ ले  जा सकती है। विनोद वर्मा ने दावा किया है कि उनके पास ‘‘छत्तीसगढ़ के एक नेता की सेक्स सीडी’’ थी, जिसकी वजह से छत्तीसगढ़ पुलिस उनसे खफा थी। छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर के पुलिस अधीक्षक संजीव शुक्ला ने बताया कि करीब 500 पोर्न सीडी, दो लाख रुपए नकद, एक पेन ड्राइव, लैपटॉप और एक डायरी पत्रकार के घर से बरामद की गई है।

वहीँ खबरों के मुताबिक़ विनोद वर्मा का कहना है कि, ”मेरे घर से पुलिस को दो लाख 26 हजार कैश, लैपटॉप और पेन ड्राइव मिली है। मेरे पास बहुत बड़ा मामला है। इस मामले को दबाने के लिए मुझे गिरफ्तार किया गया है। मैंने आज तक राजेश मूढ़त से बात नहीं की है।” बता दें कि राजेश मूणत रमन सिंह सरकार में पीडब्लूडी मंत्री हैं। पत्रकार विनोद वर्मा के खिलाफ रायपुर जिले के पंडरी पुलिस थाने में सूचना प्रौद्योगिकी (आईटी) अधिनियम के तहत ब्लैकमेलिंग और उगाही का मामला दर्ज किया गया है।

वहीँ जब पुलिस ने विनोद वर्मा को गाजियाबाद की स्थानीय कोर्ट में पेश किया और कोर्ट में उनकी ट्रांजिट रिमांड की मांग की, तो कोर्ट ने पुलिस की इस मांग पर सवाल उठा दिया कोर्ट ने कहा कि बिना सीडी के विनोद वर्मा को किस आधार पर गिरफ्तार किया गया है। इसके बाद विनोद वर्मा ने भी कोर्ट में अपनी सफाई देते हुए कहा कि, मेरा एफआईआर में नाम तक नहीं है, फिर भी बिना नोटिस के मुझे गिरफ्तार किया गया है।

विनोद वर्मा की ओर से राजेश मूणत का नाम लिए जाने के बाद बीजेपी ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर सफाई दी। राजेश मूणत ने कहा, ‘’मेरे पास कोई फोन नहीं आया। ये सब कांग्रेस का षडयंत्र है, सीडी पूरी तरह फर्जी है, ये मेरी चरित्र हत्या की कोशिश की कोशिश की जा रही है। आप खुद ही सोचिए  आखिर 500 सीडी बनाने की ऐसी  क्या जरूरत पड़ गई? यकीन मानिए ये पूरा मामला महज ब्लैकमेलिंग का खेल है’’

वहीं, बीजेपी की प्रेस कॉन्फ्रेंस के बाद कांग्रेस ने कहा, ‘’हमारे पास ये सीडी आई थी। हम चाहते थे कि इसकी पड़ताल कर इसे सामने लाया जाए, लेकिन सरकार खुद इसे मुद्दा बनाना चाहती है, इसलिए वरिष्ठ पत्रकार को आधी रात में गिरफ्तार करवा लिया और राष्ट्रीय मुद्दा बना दिया। सीडी में कद्दावर मंत्री हैं, सरकार जांच करवाए।’’

उधर पुलिस का कहना है, ‘’क्राइम ब्रांच से मिली जानकारी के आधार पर हमने दिल्ली में उस शख्स को पकड़ा जिनसे प्रकाश बजाज को फोन किया था। इस सीडी बनाने वाले शख्स ने बताया कि उसे विनोद वर्मा नाम के व्यक्ति ने एक हजार सीडी बनाने का ऑर्डर दिया गया था। सीडी बनाने वाले शख्स से मिले नंबर पर पड़ताल करते हुए पुलिस गाजियाबाद में विनोद वर्मा के घर पहुंची। यहां से पुलिस को जब 500 सीडी और पेन ड्राइव मिली तो इसी आधार पर उन्होंने पत्रकार विनोद वर्मा को गिरफ्तार कर लिया।

पत्रकार विनोद वर्मा की गिरफ्तारी की खबर बाहर आते ही इलेक्ट्रॉनिक और प्रिंट मीडिया के अनेक वरिष्ठ पत्रकार गाजियाबाद पुलिस स्टेशन के बाहर एकत्रित हो गए। आम आदमी पार्टी के नेता और पूर्व पत्रकार आशुतोष ने इसे ‘प्रेस पर हमला’ करार दिया है।

विनोद इन दिनों छत्तीसगढ़ कांग्रेस अध्यक्ष भूपेश बघेल के सोशल मीडिया प्रभारी हैं। ताजा जानकारी ये है कि कोर्ट में पुलिस बरामद सीडी नहीं दिखा पाई है और एफआईआर में विनोद का नाम भी नहीं है। बता दें, कि विनोद वर्मा एडिटर्स गिल्ड के सदस्य होने के साथ साथ बीबीसी और अमर उजाला के सदस्य रह चुके हैं। विनोद वर्मा छत्तीसगढ़ के वरिष्ठ कांग्रेस नेता भूपेश बघेल के संबंधी हैं।

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‘एक केजीबीवी, एक खेल’ योजना से 82,120 बालिकाओं को खेल में निपुण बनाएगी योगी सरकार

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लखनऊ। उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने कस्तूरबा गांधी आवासीय बालिका विद्यालयों में पढ़ने वाली 82,120 बालिकाओं की खेल प्रतिभाओं को राष्ट्रीय स्तर तक पहुंचाने का प्रयास तेज कर दिया है। सरकार इस उद्देश्य को ‘एक केजीबीवी, एक खेल’ योजना लागू कर साकार करेगी।

बेसिक शिक्षा राज्यमंत्री संदीप सिंह के नेतृत्व में इस योजना के अंतर्गत प्रत्येक विद्यालय में एक विशेष खेल का चयन किया जाएगा, जिसमें छात्राओं को विशेषज्ञ प्रशिक्षण दिया जाएगा। इस योजना से बालिकाएं खेल में निपुण होने के साथ-साथ शारीरिक, मानसिक और सामाजिक विकास भी प्राप्त करेंगी, जिससे वे समाज में एक सशक्त पहचान बना सकेंगी।

उत्तर प्रदेश के कस्तूरबा गांधी आवासीय बालिका विद्यालयों (केजीबीवी) में बालिकाओं की खेल प्रतिभा को निखारने और उन्हें राष्ट्रीय स्तर पर उभारने के उद्देश्य से ‘एक केजीबीवी, एक खेल’ योजना लागू की गई है। इस योजना का उद्देश्य पिछड़े और वंचित समुदायों की बालिकाओं को खेल के क्षेत्र में विशेष कौशल प्रदान करना है। इसके अंतर्गत प्रत्येक विद्यालय में एक विशेष खेल का चयन किया जाएगा, जिसमें छात्राओं को खेल विशेषज्ञों द्वारा प्रशिक्षित किया जाएगा। यह योजना पायलट प्रोजेक्ट के रूप में प्रत्येक जनपद के दो केजीबीवी में आरंभ की जाएगी और सफल होने पर इसे अन्य विद्यालयों में भी विस्तार दिया जाएगा।

राष्ट्रीय स्तर पर प्रतिस्पर्धा के लिए तैयार करना है उद्देश्य इस योजना का मुख्य उद्देश्य केजीबीवी में अध्ययनरत 82,120 छात्राओं को खेलों में प्रशिक्षित कर राज्य और राष्ट्रीय स्तर पर प्रतिस्पर्धा के लिए तैयार करना है। यह योजना छात्राओं को न केवल खेल किट और आधारभूत प्रशिक्षण प्रदान करेगी, बल्कि विभिन्न प्रतियोगिताओं में जनपद और राज्य स्तर पर चयनित करने की प्रक्रिया भी सुनिश्चित करेगी।

विद्यालय में खेल का चयन ऐसे होगा

प्रत्येक विद्यालय में एक खेल समिति का गठन किया जाएगा, जिसमें वार्डन, व्यायाम शिक्षिका, खेल प्रभारी और दो खिलाड़ी छात्राएं होंगी। यह समिति छात्राओं की रुचि और उपलब्ध संसाधनों के आधार पर एक खेल का चयन करेगी। चयनित खेल में प्रशिक्षण देने के लिए योग्य महिला प्रशिक्षक नियुक्त की जाएगी। आवश्यकतानुसार, बाहरी खेल प्रशिक्षकों की सहायता भी ली जा सकेगी।

विशेष प्रशिक्षण और स्वास्थ्य पर रहेगा विशेष ध्यान

योजना के अंतर्गत, खेल गतिविधियों के संचालन के लिए एक निर्धारित समय सारिणी होगी, जिसमें प्रशिक्षक छात्राओं को खेल की बारीकियां सिखाएंगे। बेहतर स्वास्थ्य के लिए पोषण और स्वास्थ्य जागरूकता कार्यक्रम भी आयोजित किए जाएंगे, जिसमें छात्राओं को आहार, पोषण और स्वास्थ्य के प्रति जागरूक किया जाएगा। बालिकाओं का स्वास्थ्य परीक्षण भी समय-समय पर किया जाएगा।

समाज और विभागीय सहयोग लिया जाएगा

पूर्व राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय स्तर के खिलाड़ियों को भी बुलाकर छात्राओं को प्रेरित किया जाएगा। उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाली बालिकाओं को स्थानीय स्तर पर पुरस्कृत भी किया जाएगा। इसके अलावा, विद्यालयों में खेल प्रतियोगिताओं के दौरान सम्मानित नागरिकों और विभागीय अधिकारियों को आमंत्रित कर छात्राओं का उत्साहवर्धन किया जाएगा।

खेल संघों और कॉर्पोरेट समूहों से भी लिया जाएगा सहयोग

योजना के सफल क्रियान्वयन के लिए राज्य और राष्ट्रीय स्तर के खेल संघों के साथ कॉर्पोरेट समूहों से भी सहयोग लिया जाएगा। कॉर्पोरेट समूहों की मदद से छात्राओं के लिए आवश्यक खेल सामग्री और अन्य सुविधाएं बेहतर तरीके से उपलब्ध कराई जाएंगी।

बालिकाओं का विशेष स्थानांतरण और अभिभावकों की ली जाएगी सहमति

चयनित छात्राओं को विशेष खेल प्रशिक्षण देने के लिए तीन महीने तक नोडल केजीबीवी में रखा जाएगा। इस दौरान उनके रहने, खाने और प्रशिक्षण की पूरी व्यवस्था होगी। इसके बाद, छात्राओं को उनके मूल केजीबीवी में वापस भेज दिया जाएगा। छात्राओं के स्थानांतरण से पूर्व उनके अभिभावकों से सहमति ली जाएगी।

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