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पन्नीरसेल्वम व शशिकला में वर्चस्व की जंग, तमिलनाडु में राजनीतिक संकट

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Shashikala-paneerselwamचेन्नई। तमिलनाडु में अन्नाद्रमुक महासचिव वी.के.शशिकला और कार्यवाहक मुख्यमंत्री ओ. पन्नीरसेल्वम द्वारा अपने-अपने पक्ष में बहुमत के दावों के बीच राज्यपाल सी. विद्यासागर राव गुरुवार को दोपहर बाद यहां पहुंचेंगे। आधिकारिक सूत्रों ने बुधवार को यह जानकारी दी।

महाराष्ट्र के राज्यपाल राव के पास तमिलनाडु के राज्यपाल का अतिरिक्त प्रभार है। शशिकला के समर्थकों का कहना है कि ऐसा लग रहा है कि राव चेन्नई आने से बचना चाह रहे हैं। लेकिन, केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण मंत्री वेंकैया नायडू ने कहा कि राज्यपाल की निगाह राज्य के घटनाक्रम पर है।

नायडू ने इस बात को भी खारिज किया कि तमिलनाडु के राजनीतिक संकट में केंद्र की कोई भूमिका है। सूत्रों ने अनुसार, शशिकला के समर्थक विधायकों को किसी गोपनीय जगह पहुंचा दिया गया है। इस बात की अटकलें हैं कि उन्हें दिल्ली में राष्ट्रपति प्रणव मुखर्जी के समक्ष पेश किया जा सकता है।

मंगलवार रात पन्नीरसेल्वम ने यह कहते हुए शशिकला के खिलाफ विद्रोह किया कि उनसे जबरन मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा लिया गया है। बुधवार को उन्होंने कहा कि 234 सदस्यीय विधानसभा में वह अपना बहुमत साबित कर देंगे।

अपने घर पर समर्थकों से पन्नीरसेल्वम ने कहा, “आप जिस सरकार की प्रतीक्षा कर रहे हैं, वह बहुत जल्द अस्तित्व में आने वाली है।”

पन्नीरसेल्वम ने कहा है कि सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीश की अध्यक्षता में एक समिति गठित की जाएगी, जो जयललिता के निधन के मामले की जांच करेगी। उन्होंने कहा कि जयललिता के निधन की परिस्थितियों को लेकर अनेक सवाल उठ रहे हैं।

पन्नीरसेल्वम को बुधवार को अन्नाद्रमुक के कोषाध्यक्ष पद से हटा दिया गया। पन्नीरसेल्वम ने कोषाध्यक्ष पद से हटाए जाने के बाद कहा कि अंतरिम महासचिव शशिकला उन्हें पार्टी में किसी पद से हटा नहीं सकतीं। उन्होंने कहा कि पार्टी हित को ध्यान में रखते हुए शशिकला को पार्टी का अंतरिम महासचिव चुना गया। स्थायी महसाचिव का चयन पार्टी के सभी सदस्य मिलकर करेंगे।

उधर, शशिकला के समर्थकों का कहना है कि अन्नाद्रमुक के 130 से 134 विधायक उनकी नेता के साथ हैं। इससे पहले पार्टी विधायकों ने शशिकला को सदन में अपना नेता चुना था।

शशिकला ने बुधवार को पन्नीरसेल्वम को ‘विश्वासघाती बताते हुए कहा कि समय ही बताएगा कि पन्नीरसेल्वम ने किसकी शह पर उनके खिलाफ बगावत की है। शशिकला ने कहा, “पन्नीरसेल्वम एक विश्वासघाती हैं जिन्होंने अन्नाद्रमुक को धोखा दिया है।” उन्होंने कहा कि ‘पन्नीरसेल्वम को द्रमुक का समर्थन मिला हुआ है जो अन्नाद्रमुक की तबाही चाहती है।’

उन्होंने कहा कि तमिलनाडु की पूर्व मुख्यमंत्री जयललिता की मौत के मामले में किसी भी जांच से वह नहीं डरतीं। उन्होंने कहा कि उन्हें उम्मीद है कि राज्यपाल सी.विद्यासागर राव उन्हें विधानसभा में बहुमत साबित करने का मौका देकर संवैधानिक प्रक्रिया की रक्षा करेंगे।

शशिकला ने कहा कि अन्नाद्रमुक के विधायकों ने 5 दिसंबर को ही उन्हें अपना नेता चुन लिया था। इस बारे में रिकार्ड मौजूद है। उन्होंने कहा, “यही बताने मैं उस दिन शाम को राज्यपाल के कार्यालय गई। मुझे बताया गया कि वह ऊंटी गए हुए हैं। फिर हमने सभी विधायकों की दस्तखत के साथ पत्र उन्हें फैक्स किया।” शशिकला ने कहा कि अब पन्नीरसेल्वम इस बारे में नई बातें कह रहे हैं। वह जो कुछ भी कह रहे हैं, वो झूठ और आधारहीन है।

पार्टी मुख्यालय पर विधायकों को संबोधित करते हुए शशिकला ने पन्नीरसेल्वम पर विपक्षी द्रमुक के साथ मिलीभगत कर पार्टी के खिलाफ काम करने का आरोप लगाया। लंबे समय तक जयललिता की करीबी रहीं शशिकला ने कहा कि वह ‘विश्वासघात बर्दाश्त नहीं’ करेंगी। शशिकला ने कहा, “कोई भी इस बात को नहीं मानेगा कि मैंने उन्हें (पन्नीरसेल्वम) मुख्यमंत्री पद से हटने के लिए मजबूर किया। न तो लोग और न ही पार्टी के कैडर।”

शशिकला ने राज्य की पूर्व मुख्यमंत्री दिवंगत जे. जयललिता का जिक्र करते हुए कहा, “मैंने अम्मा के साथ रहते हुए पिछले 33 वर्षो में कई विश्वासघातों का सामना किया।” उन्होंने कहा, “पिछले 33 सालों में अम्मा मेरी भगवान रहीं। इस दौरान कई उतार-चढ़ाव देखे। मैंने उन सभी को पार किया और हम इस बार भी उबर जाएंगे.. मैं अम्मा के नाम की शपथ लेती हूं।”

इस बीच, कांग्रेस ने ‘राज्य में राजनीतिक अस्थिरता लाने के लिए’ केंद्र सरकार को जिम्मेदार ठहराया है। कांग्रेस का कहना है कि केंद्र सरकार राज्य में अन्नाद्रमुक सरकार को गिराने के लिए राज्यपाल विद्यासागर राव का इस्तेमाल कर रही है।

अन्नाद्रमुक के पूर्व सांसद के.सी. पलनिस्वामी ने बुधवार को कहा कि निर्वाचन आयोग को तमिलनाडु की असाधारण राजनीतिक स्थिति पर विचार करना चाहिए और शशिकला की कानूनी हैसियत पर जल्द फैसला लेना चाहिए। पलनिस्वामी ने कहा, “मैंने मद्रास उच्च न्यायालय में अन्नाद्रमुक की अंतरिम महासचिव के रूप में शशिकला के चुनाव के खिलाफ अपनी शिकायत पर निर्वाचन आयोग को निर्देश देने की मांग को लेकर एक अर्जी दी है।” उन्होंने उम्मीद जताई कि पन्नीरसेल्वम फिर से मुख्यमंत्री बनेंगे।

अन्नाद्रमुक के विधायक के. मनिकम पार्टी के ऐसे पहले विधायक बन गए हैं जिन्होंने खुलकर पन्नीरसेल्वम के पक्ष में आवाज उठाई है। उन्होंने आईएएनएस से कहा कि मुख्यमंत्री को बदलने की जरूरत नहीं है।

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पीएम मोदी पर लिखी किताब के प्रचार के लिए स्मृति ईरानी चार देशों की यात्रा पर

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नई दिल्ली। पूर्व केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी एक नवीनतम पुस्तक ‘मोडायलॉग – कन्वर्सेशन्स फॉर ए विकसित भारत’ के प्रचार के लिए चार देशों की यात्रा पर रवाना हो गई हैं। यह दौरा 20 नवंबर को शुरू हुआ और इसका उद्देश्य ईरानी को मध्य पूर्व, ओमान और ब्रिटेन में रहने वाले भारतीय समुदाय के लोगों से जोड़ना है।

स्मृति ईरानी ने अपने एक्स अकाउंट पर लिखा कि,

एक बार फिर से आगे बढ़ते हुए, 4 देशों की रोमांचक पुस्तक यात्रा पर निकल पड़े हैं! 🇮🇳 जीवंत भारतीय प्रवासियों से जुड़ने, भारत की अपार संभावनाओं का जश्न मनाने और सार्थक बातचीत में शामिल होने के लिए उत्सुक हूँ। यह यात्रा सिर्फ़ एक किताब के बारे में नहीं है; यह कहानी कहने, विरासत और आकांक्षाओं के बारे में है जो हमें एकजुट करती हैं। बने रहिए क्योंकि मैं आप सभी के साथ इस अविश्वसनीय साहसिक यात्रा की झलकियाँ साझा करता हूँ

कुवैत, दुबई, ओमान और ब्रिटेन जाएंगी स्मृति ईरानी

डॉ. अश्विन फर्नांडिस द्वारा लिखित यह पुस्तक प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के शासन दर्शन पर प्रकाश डालती है तथा विकसित भारत के लिए उनके दृष्टिकोण पर ध्यान केंद्रित करती है। कार्यक्रम के अनुसार ईरानी अपनी यात्रा के पहले चरण में कुवैत, दुबई, फिर ओमान और अंत में ब्रिटेन जाएंगी।

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