Connect with us
https://aajkikhabar.com/wp-content/uploads/2020/12/Digital-Strip-Ad-1.jpg

प्रादेशिक

पश्चिमी उप्र : घृणा की राजनीति कब तक?

Published

on

Loading

पश्चिमी उप्र : घृणा की राजनीति कब तक?

शामली | पश्चिमी उत्तर प्रदेश की राजनीति हमेशा ही ध्रुवीकरण के पहिए पर घूमती आई है। मुजफ्फरनगर दंगे के बाद थानाभवन सीट चर्चा में आई थी। इस सीट पर कुल 17 बार चुनाव हो चुके हैं, लेकिन केवल एक ही बार कोई प्रत्याशी अपनी जीत दोहरा पाया। अपने ‘हेट स्पीच’ को लेकर चर्चित भारतीय जनता पार्टी के विधायक सुरेश राणा पर मगर जीत दोहराने का दबाव है।

विरोधियों का हालांकि साफतौर पर कहना है कि यहां की जनता नफरत फैलाने वाली राजनीति से ऊब चुकी है और इस बार ‘क्लीन पॉलिटिक्स’ की शुरुआत करने का मन बना चुकी है।

सुरेश राणा ध्रुवीकरण के बल पर इस बार फिर मैदान में हैं। सपा ने यहां से लखनऊ विश्वविद्यालय के प्रोफेसर और राज्य योजना आयोग के सदस्य सुधीर पंवार को अपना प्रत्याशी बनाया है। बसपा ने यहां से अब्दुल वारिश को टिकट दिया है, जबकि राष्ट्रीय लोकदल (रालोद) की तरफ से जावेद राव मैदान में हैं।

सपा के उम्मीदवार सुधीर पंवार जानेमाने प्राध्यापक हैं और इस इलाके में उनकी काफी पैठ भी है। उन्होंने आईएएनएस से बातचीत में कहा, “मुख्यमंत्री अखिलेश यादव के काम की बदौलत इस बार यहां जीत जरूर मिलेगी। सुरेश राणा ने पिछले पांच वर्षो में यहां कुछ नहीं किया है। सिर्फ ध्रुवीकरण के सहारे ही उनकी सियासत चलती रही है। मगर इस बार नहीं चलेगी।”

लखनऊ विश्वविद्यालय में प्रोफेसर पंवार कहते हैं, “थानाभवन सीट का चुनाव अखिलेश यादव की क्लीन पॉलिटिक्स का लिटमस टेस्ट है। एक शिक्षक को चुनाव मैदान में उतारकर उन्होंने यह संदेश देने की कोशिश की है कि अब घृणा की राजनीति नहीं चलेगी। यहां का युवा भी यह मन बना चुका है कि अब हेट स्पीच और ध्रुवीकरण की राजनीति से बाहर निकलकर वोट करना है।”

चुनाव प्रक्रिया शुरू होते ही भाजपा ने पश्चिमी उप्र घृणा की राजनीति में ध्रुवीकरण की राजनीति की शुरुआत भी कर दी है। भाजपा के ‘फायर ब्रांड’ नेता योगी आदित्यनाथ की कई सभाएं इस इलाके में हुई हैं। उनके कट्टरवाद से जनता पूरी तरह वाकिफ है। भाजपा उनकी रैलियों के सहारे माहौल बनाने का प्रयास भी करेगी। अदालत और आयोग को जवाब देने के लिए शब्दों का कोई अकाल थोड़े ही पड़ गया है!

यह पूछे जाने पर कि क्या एक बार फिर पश्चिमी उप्र में हेट स्पीच की पॉलिटिक्स शुरू होगी, तो भाजपा के प्रदेश प्रवक्ता चंद्रमोहन सिंह ने आईएएनएस से कहा, “हम हेट स्पीच की पॉलिटिक्स पर विश्वास नहीं करते। थानाभवन से विधायक सुरेश राणा ने यहां की जनता के लिए काफी काम किया है। अपने काम के दम पर वह दोबारा जीतेंगे।”

पिछली बार 2012 में हुए विधानसभा चुनाव में सुरेश राणा को जीत मिली थी। तब उन्होंने 53719 वोट हासिल किए थे। दूसरे नंबर पर रालोद के अशरफ अली खां रहे, जिन्हें 53454 मत मिले थे। इसी से अंदाजा लगाया जा सकता कि इस सीट पर पिछली बार भी कांटे की टक्कर हुई थी। बसपा के उम्मीदवार अब्दुल वारिश खान को 50001 वोट मिले थे, जबकि सपा के उम्मीदवार किरनपाल कश्यप मात्र 10198 वोट ही पाने में सफल रहे।

बसपा के उम्मीदवार अब्दुल वारिश ने भी अपनी जीत का दावा किया। उन्होंने कहा कि हेट स्पीच की पॉलिटिक्स से यहां की जनता ऊब चुकी है। भाजपा ने यहां के लोगों के लिए कुछ नहीं किया है। सिर्फ नफरत फैलाने वाले बोल और ध्रुवीकरण के सहारे वह राजनीति करते हैं। इस बार यहां की जनता सांप्रदायिक ताकतों को मुंहतोड़ जवाब देगी।

थानाभवन विधानसभा सीट के इतिहास पर गौर करें तो पहली बार वर्ष 1952 में चुनाव हुआ। इस चुनाव में कांग्रेस के केशव राम गुप्ता ने निर्दलीय प्रत्याशी इंद्रप्रकाश को 12578 मतों से पराजित किया था। इसके बाद वर्ष 1957 में हुए चुनाव में पीएसपी के गयूर अली खान ने कांग्रेस के केशव राम गुप्ता को महज 675 मतों से जीत दर्ज की।

वर्ष 1962 के चुनाव में कांग्रेस के ठाकुर रामचंद्र सिंह ने पीएसपी के गयूर खां को हराया था। इसके बाद रामचंद्र सिंह ने वर्ष 1967 में हुए चुनाव में इसी सीट से दोबारा जीत हासिल की।

इस सीट पर जातिगत समीकरणों पर गौर करें तो यह एक मुस्लिम बहुल सीट है। इस विधानसभा में कुल तीन लाख 15 हजार मतदाता हैं। इनमें मुस्लिम मतदाताओं की आबादी 95 हजार है। दूसरे नंबर पर दलित वोटर हैं, जिनकी संख्या 60 हजार है। इसके अलावा ठाकुर मतदाताओं की संख्या 20 हजार जाट मतदाताओं की संख्या 43 हजार और सैनी 22 हजार हैं।

पश्चिमी उप्र की जातिगत गणित को नजदीक से जानने वाले पत्रकार अवनीश त्यागी ने आईएएनएस से बातचीत के दौरान बताया, “थानाभवन सीट पर भाजपा की जीत का फलसफा ही यही रहा कि मुसलमानों का वोट बंट गया। दो उम्मीदवार होने की वजह से उनके वोट में बिखराव हो गया और सुरेश राणा को कम अंतर से जीत मिली थी।”

उन्होंने बताया कि यही स्थिति इस बार भी रहने वाली है। यदि मुस्लिम वोटों में बिखराव नहीं हुआ तो सुरेश राणा के सामने ‘जीत’ कड़ी चुनौती बन जाएगी।

उत्तर प्रदेश

बुजुर्ग ने ‘सीएम’ से लगाई गुहार तो संडे को बैंक खोलकर मिली ‘मदद’

Published

on

Loading

लखनऊ | योगी सरकार की सीएम हेल्पलाइन (1076) प्रदेशवासियों की समस्याओं के निस्तारण में अहम भूमिका निभा रही है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की सतत मॉनीटरिंग का नतीजा है कि कई मामलों में सीएम हेल्पलाइन के जरिये प्रदेशवासियों की समस्याओं का निस्तारण कुछ ही घंटों में किया जा रहा है। इसका ताजा उदाहरण राजधानी के इंदिरानगर के एक बुजुर्ग की समस्या का निस्तारण में देखा भी गया, जिनकी समस्या का निस्तारण कुछ ही घंटों में कर दिया गया। इतना ही नहीं बुजुर्ग की समस्या के निस्तारण के लिए मुख्य सचिव ने संज्ञान लिया तो संडे को बैंक खोलकर बैंक अधिकारियों मामले का निपटारा किया और अकाउंट से पैसे निकालकर दिये जबकि इसके लिए बुजुर्ग काफी दिनों से बैंक के चक्कर लगा रहे थे।

छोटे से काम के लिए कई दिनों से बैंक के चक्कर लगा रहे थे बुजुर्ग सोहनलाल

राजधानी के इंदिरानगर स्थित कैलाशपुरी निवासी मुकेश कुमार ने बताया कि उनके पिता सोहनलाल और माता राजेश्वरी का एक बैंक में ज्वाइंट अकाउंट था। उन्होंने बताया कि कुछ दिन पहले इलाज के दौरान उनकी माता का देहांत हो गया। मुकेश ने बताया कि पिता सोहनलाल को पैसे की जरूरत थी। इस पर वह बैंक गये और पत्नी के देहांत की सूचना के साथ पैसे निकालने के लिए चेक दी। वहीं बैंक अधिकारियों ने ज्वाइंट अकाउंट से पैसे न निकलने की बात कही। उन्होंने कहा कि उनकी पत्नी का देहांत हो गया है, ऐसे में उन्हे कुछ कागजी कार्रवाई करनी होगी, इसके बाद ही ज्वाइंट अकाउंट से पैसे निकल पाएंगे। बुजुर्ग सोहनलाल ने बताया कि बैंक अधिकारियों द्वारा जो भी कागजी कार्रवाई बतायी गयी, उसे पूरा किया गया। इसके बाद भी पैसे नहीं निकल सके। उन्होंने वजह पूछी तो अधिकारियों ने बताया कि प्रोसेस में समय लग रहा है। इसके बाद सोहनलाल लगातार कई दिनों तक बैंक के चक्कर लगाते रहे, लेकिन पैसे नहीं मिले। इससे परेशान होकर बुजुर्ग ने 26 अक्टूबर शाम को सीएम हेल्पलाइन (1076) पर अपनी समस्या बतायी। साथ ही पैसे की जरूरत की बात कही। इस पर सीएम हेल्पलाइन के अधिकारियों ने उनकी समस्या के जल्द निस्तारण की बात कही।

मुख्य सचिव के निर्देश पर रविवार को बैंक खोलकर बुजुर्ग को दिये पैसे

मुख्य सचिव मनोज कुमार सिंह ने बताया कि सीएम हेल्पलाइन पर सोहनलाल की समस्या के बारे में बताया। इस पर उन्होंने संबंधित विभाग के अधिकारियों को बैंक के जीएम और मैनेजर से संपर्क कर तत्काल समस्या के निस्तारण के निर्देश दिये। मुख्य सचिव मनोज कुमार सिंह के हस्तक्षेप के बाद बैंक अधिकारियों ने सोहनलाल की समस्या का कुछ ही घंटों में निस्तारण कर दिया, जबकि इसके लिए वह काफी दिनों से बैंक के चक्कर लगा रहे थे। इतना ही नहीं मुख्य सचिव मनोज कुमार सिंह के निर्देश पर बैंक अधिकारियों ने रविवार को बैंक खोलकर सोहनलाल को पैसे दिये। इस पर सोहनलाल और उनके परिवार की खुशी का ठिकाना नहीं रहा। उन्होंने योगी सरकार की सीएम हेल्पलाइन की तारीफ कर मुख्य सचिव और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के प्रति अपना आभार व्यक्त किया।

Continue Reading

Trending