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बिजनेस

पहली जुलाई से हजारों पैन कार्ड हो जाएंगे बेकार! जानिए कैसे

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केंद्र सरकार, इनकम टैक्स रिटर्न, आधार कार्ड, पैनकार्ड धारक

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नई दिल्‍ली । केंद्र सरकार के इनकम टैक्स रिटर्न दाखिल करने के लिए आधार कार्ड को अनिवार्य किए जाने के बाद देश भर में हजारों पैन कार्ड धारकों के सामने परेशानी खड़ी हो गई है। ये परेशान होने वाले वे पैनकार्ड धारक है जिनके कार्ड में स्पेललिंग में गलतियां हैं।

केंद्र सरकार, इनकम टैक्स रिटर्न, आधार कार्ड, पैनकार्ड धारक

यदि आपके आधार या पैन कार्ड धारक के नाम में स्पेलिंग एरर है तो आधार कार्ड को पैन से जोड़ा जाना संभव नहीं है। केंद्र सरकार ने दोनों कार्डों को जोड़ने के लिए 1 जुलाई आखिरी तारीख तय की है। ऐसे में इस काम को देख रही एजेंसी के पास नाम की स्पेलिंग ठीक कराने के लिए बड़ी संख्या में आवेदन आए हैं।

नेशनल सिक्योरिटीज डिपॉजिटरी लिमिटेड ने पैनकार्ड आवेदन के प्रबंधन का काम कम्प्यूटर एज मैनेजमेंट सिस्टम सर्विसेज को दिया है। कंपनी ने बताया कि पैन कार्ड में नाम की गलतियां ठीक कराने के लिए आने वाले आवेदनों में तेजी से बढ़ोत्तरी हुई है।

नाम में गलतियों वाले पैन कार्ड ब्लॉक न हो इसके लिए आवेदनकर्ता को अपनी पहचान ठीक करानी होगी। चाहे वह आधार कार्ड में हो या पैन कार्ड में। अगर दोनों में से कोई भी कार्ड ब्लॉक होता है, तो ये इसी कारण से होगा। इसके बाद आवेदनकर्ता इस साल अपना इनकम टैक्स रिटर्न फाइल नहीं कर पाएगा। हालांकि देश से बाहर रह रहे प्रवासी भारतीयों को दोनों कार्डों को एक दूसरे से जोड़ने में छूट मिली हुई है।

क्‍या करें कि न हो परेशानी

पैन कार्ड में कोई चेंज कराने की प्रक्रिया बेहद आसान है। आवेदनकर्ता NSDL की वेबसाइट के जरिए या यूटीआई इंफ्रास्ट्रक्चर टेक्नोलॉजी एंड सर्विसेज लिमिटेड के जरिए अपनी जानकारियों में बदलाव करा सकता है। इसी तरह आधार कार्ड की जानकारियों में भी बदलाव किया जा सकता है। दस्तावेजों के मुताबिक इनकम टैक्स विभाग ने अब तक 24.37 करोड़ पैन कार्ड जारी किए हैं।

 

बिजनेस

जियो ने जोड़े सबसे अधिक ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’- ट्राई

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नई दिल्ली| भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण (ट्राई) के नवीनतम आंकड़ों के मुताबिक, रिलायंस जियो ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ जोड़ने के मामले में सबसे आगे है। सितंबर महीने में जियो ने करीब 17 लाख ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ जोड़े। समान अवधि में भारती एयरटेल ने 13 लाख तो वोडाफोन आइडिया (वीआई) ने 31 लाख के करीब ग्राहक गंवा दिए। ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ जोड़ने के मामले में जियो लगातार दूसरे महीने नंबर वन बना हुआ है। एयरटेल और वोडाआइडिया के ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ नंबर गिरने के कारण पूरे उद्योग में सक्रिय ग्राहकों की संख्या में गिरावट देखी गई, सितंबर माह में यह 15 लाख घटकर 106 करोड़ के करीब आ गई।

बताते चलें कि टेलीकॉम कंपनियों का परफॉर्मेंस उनके एक्टिव ग्राहकों की संख्या पर निर्भर करता है। क्योंकि एक्टिव ग्राहक ही कंपनियों के लिए राजस्व हासिल करने का सबसे महत्वपूर्ण जरिया है। हालांकि सितंबर माह में पूरी इंडस्ट्री को ही झटका लगा। जियो, एयरटेल और वीआई से करीब 1 करोड़ ग्राहक छिटक गए। मतलब 1 करोड़ के आसपास सिम बंद हो गए। ऐसा माना जा रहा है कि टैरिफ बढ़ने के बाद, उन ग्राहकों ने अपने नंबर बंद कर दिए, जिन्हें दो सिम की जरूरत नहीं थी।

बीएसएनएल की बाजार हिस्सेदारी में भी मामूली वृद्धि देखी गई। इस सरकारी कंपनी ने सितंबर में करीब 15 लाख वायरलेस डेटा ब्रॉडबैंड ग्राहक जोड़े, जो जुलाई और अगस्त के 56 लाख के औसत से काफी कम है। इसके अलावा, बीएसएनएल ने छह सर्किलों में ग्राहक खो दिए, जो हाल ही की वृद्धि के बाद मंदी के संकेत हैं।

ट्राई के आंकड़े बताते हैं कि वायरलाइन ब्रॉडबैंड यानी फाइबर व अन्य वायरलाइन से जुड़े ग्राहकों की कुल संख्या 4 करोड़ 36 लाख पार कर गई है। सितंबर माह के दौरान इसमें 7 लाख 90 हजार नए ग्राहकों का इजाफा हुआ। सबसे अधिक ग्राहक रिलायंस जियो ने जोड़े। जियो ने सितंबर में 6 लाख 34 हजार ग्राहकों को अपने नेटवर्क से जोड़ा तो वहीं एयरटेल मात्र 98 हजार ग्राहक ही जोड़ पाया। इसके बाद जियो और एयरटेल की बाजार हिस्सेदारी 32.5% और 19.4% हो गई। समान अवधि में बीएसएनएल ने 52 हजार वायरलाइन ब्राडबैंड ग्राहक खो दिए।

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