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अन्तर्राष्ट्रीय

‘पाकिस्तान का बढ़ता परमाणु शस्त्रागार दक्षिण एशिया के लिए खतरा’

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वाशिंगटन| अमेरिका के एक प्रमुख समाचारपत्र ने कहा है कि पाकिस्तान के परमाणु शस्त्रागार दुनिया में सर्वाधिक तेजी से वृद्धि कर रहा है तथा यह निश्चित रूप से दक्षिण एशिया के लिए गंभीर चिंता का विषय है और ईरान समझौते के बाद अअ जरूरत है कि विश्व शक्तियां इस मुद्दे पर ध्यान दें। न्यूयॉर्क टाइम्स ने हाल में हुई घटनाओं का जिक्र करते हुए अपने संपादकीय में कहा है, “परमाणु हथियारों में पाकिस्तान के ये निवेश दर्शाते हैं कि पाकिस्तानी सेना भारत को लगातार अपना दुश्मन मानती है।”

समाचारपत्र ने कहा है कि यह ऐसी स्थिति है, जोईरान को इस बात की छूट देता है कि वे सरकार पर अधिकतम नियंत्रण बनाए रखे और अधिकतम राष्ट्रीय संसाधनों की मांग कर सकें।  टाइम्स ने पाकिस्तान द्वारा चीन से आठ डीजल और बिजली दोनों से चलने वाली पनडुब्बियों की खरीद का हवाला दिया, जो परमाणु मिसाइलों, बैलिस्टिक मिसाइलों से सुसज्जित होंगी और भारत के किसी भी हिस्से को परमाणु बम से निशाना बनाने में सक्षम होंगी। अखबार ने लिखा है कि एक वरिष्ठ सलाहकार खालिद अहमद किदवई ने इस बात की पुष्टि की है कि पाकिस्तान छोटी दूरी के परमाणु हथियारों का लगातार विकास करने के लिए प्रतिबद्ध है, जिनका एक मात्र मकसद उन्हें भारत के खिलाफ युद्ध में इस्तेमाल करना है।

अखबार ने कहा है, “पाकिस्तान के पास कम से कम 120 परमाणु हथियार हैं और एक दशक के अंदर इनकी संख्या तिगुनी होने की संभावना है।” संपादकीय में कहा गया है, “परमाणु हथियारों की संख्या बढ़ाने का कोई औचित्य नजर नहीं आता, खासकर तब जब भारत में लगभग 110 परमाणु हथियार हैं और उसमें बेहद धीमी वृद्धि हो रही है।” अखबार ने लिखा है, “भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने स्पष्ट किया है कि अगर भारत में साल 2008 में हुए मुंबई हमले जैसा कोई आतंकवादी हमला सामने आता है, तो वह पाकिस्तान को मुंहतोड़ जवाब दे सकता है।” टाइम्स ने कहा, “भारत एक जीवंत लोकतंत्र है और उसका ध्यान क्षेत्रीय आर्थिक व राजनीतिक ताकत बनने पर है।” संपादकीय में कहा गया है, “वहीं दूसरी तरफ पाकिस्तान अराजकता से जूझ रहा है। उसकी अर्थव्यवस्था और राजनीतिक तंत्र संकट में है। तालिबान आतंकवादियों ने देश को खत्म करने का बीड़ा उठा लिया है।”

अखबार के मुताबिक, “सबसे बड़ी दिक्कत तो यह है कि पाकिस्तान सेना परमाणु हथियारों की निर्भरता की ओर बढ़ रही है, क्योंकि वह भारत की अत्याधुनिक पारंपरिक सेना के आगे कहीं नहीं टिकती।” अखबार ने कहा है, “हालांकि पाकिस्तान में उतनी क्षमता नहीं है कि वह क्षेत्र में अस्थिरता फैला सके। चीन पाकिस्तान को एक निकट सहयोगी, जबकि भारत को एक संभावित खतरे के तौर पर देखता है। चीन के पास संभावित तौर पर 250 परमाणु हथियार हैं और वह लगातार अपने इस क्षमता को बढ़ा रहा है।”अखबार ने कहा है, “यह स्थिति विश्व शक्तियों के लिए नजरअंदाज करने लायक नहीं हो सकती है, हां वे ईरान के साथ लंबी वार्ता में व्यस्त हो सकते हैं।”

 

अन्तर्राष्ट्रीय

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इतालवी समकक्ष जियोर्जिया मेलोनी से की मुलाकात

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ब्राजील। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार (स्थानीय समय) को ब्राजील के रियो डी जनेरियो में जी20 शिखर सम्मेलन के मौके पर अपने इतालवी समकक्ष जियोर्जिया मेलोनी के साथ द्विपक्षीय बैठक की। बैठक के दौरान, दोनों नेताओं ने सांस्कृतिक और पब्लिक टू पब्लिक रिलेशन को मजबूत करने सहित व्यापार, निवेश और प्रौद्योगिकी में सहयोग बढ़ाने पर चर्चा की।

पीएम मोदी ने अपने एक्स अकाउंट पर लिखा कि, रियो डी जनेरियो जी20 शिखर सम्मेलन के मौके पर प्रधान मंत्री जियोर्जिया मेलोनी से मुलाकात करके खुशी हुई। हमारी बातचीत रक्षा, सुरक्षा, व्यापार और प्रौद्योगिकी में संबंधों को गहरा करने पर केंद्रित थी। हमने इस बारे में भी बात की कि संस्कृति, शिक्षा और ऐसे अन्य क्षेत्रों में सहयोग कैसे बढ़ाया जाए। भारत-इटली मित्रता एक बेहतर ग्रह के निर्माण में बहुत योगदान दे सकती है।

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