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बिजनेस

पाकिस्तान-चीन आर्थिक गलियारे के लिए बोली आमंत्रित

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इस्लामाबाद| पाकिस्तान-चीन आर्थिक गलियारा परियोजना (पीसीईसी) के लिए चीन की निर्माण कंपनियों और अंतर्राष्ट्रीय तथा स्थानीय कंपनियों से बोली आमंत्रित की गई है। समाचार पत्र डॉन की बुधवार की रिपोर्ट के मुताबिक राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय प्रकाशनों के माध्यम से बोली आमंत्रित की गई हैं। रिपोर्ट के मुताबिक इस गलियारे के एक खंड के लिए इसी महीने प्रक्रिया शुरू कर दी गई है। इसके तहत गलियारे के इस्लामाबाद-रायकोट खंड के प्रथम चरण के रूप में खबर पख्तूनख्वाह प्रांत के हवालियन से थकोट क्षेत्र तक वाहनों की आवाजाही के लिए मार्ग बनाया जाएगा।

इस खंड पर होने वाला खर्च चीन उठा रहा है। गलियारे के दूसरे चरण का कार्य जनवरी में शुरू होगा। इसके तहत करांची से हैदराबाद तक मार्ग बनाया जाएगा। इस परियोजना का ठेका पाकिस्तान के फ्रंटियर वर्क्‍स आर्गनाइजेशन (एफडब्ल्यूओ) को दिया गया है। राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचए) के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि यह गलत धारणा है कि गलियारे के सभी खंडों पर सिर्फ चीन की कंपनियां काम करेगी। उन्होंने कहा कि सभी अंतर्राष्ट्रीय और स्थानीय कंपनियों से बोली आमंत्रित की गई हैं। पहले इस तरह की परियोजनाएं सरकारी सहयोग से संपादित की जाती थीं। अधिकारी ने कहा कि जो कंपनी परियोजना में पैसे का निवेश करेगी, उसे टोल वसूली के जरिए भुगतान किया जाएगा।

नेशनल

ऑनलाइन फूड ऑर्डरिंग ऐप को मनमानी करने पर 103 के बदले देने पड़ेंगे 35,453 रु, जानें क्या है पूरा मामला

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हैदराबाद। ऑनलाइन फूड ऑर्डरिंग ऐप स्विगी को ग्राहक के साथ मनमानी करना भारी पड़ गया। कंपनी की इस मनमानी पर एक कोर्ट ने स्विगी पर तगड़ा जुर्माना ठोक दिया। हैदराबाद के निवासी एम्माडी सुरेश बाबू की शिकायत पर उपभोक्ता आयोग ने बड़ा फैसला सुनाया है। बाबू ने आरोप लगाया था कि स्विगी ने उनके स्विगी वन मेंबरशिप के लाभों का उल्लंघन किया और डिलीवरी Food Delivery की दूरी को जानबूझकर बढ़ाकर उनसे अतिरिक्त शुल्क वसूला

क्या है पूरा मामला ?

सुरेश बाबू ने 1 नवंबर, 2023 को स्विगी से खाना ऑर्डर किया था। सुरेश के लोकेशन और रेस्टॉरेंट की दूरी 9.7 किमी थी, जिसे स्विगी ने बढ़ाकर 14 किमी कर दिया था। दूरी में बढ़ोतरी की वजह से सुरेश को स्विगी का मेंबरशिप होने के बावजूद 103 रुपये का डिलीवरी चार्ज देना पड़ा। सुरेश ने आयोग में शिकायत दर्ज कराते हुए कहा कि स्विगी वन मेंबरशिप के तहत कंपनी 10 किमी तक की रेंज में फ्री डिलीवरी करने का वादा किया था।कोर्ट ने बाबू द्वारा दिए गए गूगल मैप के स्क्रीनशॉट्स और बाकी सबूतों की समीक्षा की और पाया कि दूरी में काफी बढ़ोतरी की गई है।

कोर्ट ने स्विगी को अनुचित व्यापार व्यवहार का दोषी पाया और कंपनी को आदेश दिया कि वे सुरेश बाबू को 9 प्रतिशत ब्याज के साथ 350.48 रुपये के खाने का रिफंड, डिलीवरी के 103 रुपये, मानसिक परेशानी और असुविधा के लिए 5000 रुपये, मुकदमे की लागत के लिए 5000 रुपए समेत कुल 35,453 रुपये का भुगतान करे।

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