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पाकिस्तान : पुस्तक पर विवाद, पूर्व आईएसआई प्रमुख को सेना का समन

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इस्लामाबाद, 26 मई (आईएएनएस)| पाकिस्तानी सेना ने शनिवार को इंटर-सर्विसिस इंटेलिजेंस (आईएसआई) के पूर्व प्रमुख लेफ्टिनेंट जनरल (सेवानिवृत्त) असद दुर्रानी को समन जारी कर पूर्व भारतीय खुफिया प्रमुख के साथ मिलकर एक विवादास्पद पुस्तक लिखने के बारे में स्पष्टीकरण मांगा और सैन्य आचार संहिता के उल्लंघन का आरोप लगाया।

दुर्रानी 1990 और 1991 के बीच आईएसआई के महानिदेशक रहे थे। उन्हें 28 मई को रावलपिंडी में स्थित जनरल मुख्यालय (जीएचक्यू) में पेश होने को कहा गया है।

पाकिस्तानी सेना के प्रवक्ता मेजर जनरल आसिफ गफूर ने एक ट्विट में कहा, पुस्तक ‘स्पाई क्रॉनिकल’ में शामिल उनके विचारों पर उनसे रुख साफ करने के लिए कहा गया है।

उन्होंने कहा, पुस्तक में शामिल उनके विचारों को सभी सेवारत और सेवानिवृत्त सैन्यकर्मियों पर लागू सैन्य आचार संहिता के उल्लंघन के रूप में लिया गया है।

दुर्रानी ने रिसर्च एंड एनालिसिस विंग (रॉ) के पूर्व प्रमुख अमरजीत सिंह दुलत और भारतीय पत्रकार आदित्य सिन्हा के साथ मिलकर ‘द स्पाई क्रॉनिकल : रॉ, आईएसआई एंड द इलूजन ऑफ पीस’ नामक पुस्तक लिखी है।

‘स्पाई क्रॉनिकल’ में कश्मीर पर, हाफिज सईद और 26/11, कुलभूषण जाधव, सर्जिकल स्ट्राइक, ओसामा बिन लादेन के लिए सौदेबाजी, अमेरिका और रूस की भारत-पाकिस्तान के संबंधों में भूमिका, वार्ता में दोनों देशों के प्रयासों को आतंक कैसे कमजोर करता है, इन सभी मुद्दों पर दो प्रमुख जासूसों के ष्टिकोण, धारणाएं और कथ्य शामिल हैं।

पुस्तक में दुर्रानी ने दावा किया है कि आईएसआई को ओसामा बिन लादेन के बारे में संभवत पता था और आम सहमति की प्रक्रिया के तहत उसे अमेरिका को सौंपा जाना था। दुलत ने भी दावा किया है कि भारत को भी यही लगता था कि उसे पाकिस्तान द्वारा सौंपा गया था।

जब दुलत ने सौदे के बारे में पूछा तो दुर्रानी ने स्पष्ट किया, यह सिर्फ मेरी राय है।

वहीं दूसरी तरफ दुर्रानी का मानना है कि दो जनवरी, 2016 को पठानकोट हवाईअड्डे पर हमले के बाद जाधव को लेकर किया गया खुलासा भारतीय खतरे का सामना करने के लिए किया गया था।

दुलत ने कहा, वह खतरा क्या था।

दुर्रानी ने कहा, भारत पठानकोट और हमारे ठिकानों के बीच कड़ियां ढूंढ़ रहा है। इसलिए हम एक तर्क के साथ आए कि हम जानते हैं कि आप बलूचिस्तान में यह सब कर रहे हो।

दोनों ही हालांकि यह मानते हैं कि भारत और पाकिस्तान को इस मामले को लेकर सावधान होना चाहिए और एक-दूसरे की हिरासत में कैद जासूसों के आदान-प्रदान को सुनिश्चित करना चाहिए।

सैन्य सूत्रों ने कहा है कि जीएचक्यू को पुस्तक में की गई कुछ टिप्पणियों पर गंभीर आपत्ति है और उसने इन टिप्पणियों को आधारहीन और सच्चाई के विपरीत करार दिया है।

एक सैन्य सूत्र ने पूर्व आईएसआई प्रमुख को समन करने के पीछे के कारणों का हवाला देते हुए कहा, कोई भी कानून से बड़ा नहीं है।

दुलत और दुर्रानी इस्तानबुल, बैंकॉक और काठमांडू जैसे शहरों में मिले और उनकी कुल बैठकों से 1.7 लाख शब्द बाहर आए, जिसमें से आधे का पुस्तक में जिक्र है।

पुस्तक का विमोचन पूर्व भारतीय उपराष्ट्रपति हामिद अंसारी, पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह, पूर्व केंद्रीय मंत्री यशवंत सिन्हा और कई राजनीतिक हस्तियों ने बुधवार को नई दिल्ली में किया।

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पाकिस्तान के खैबर पख्तूनख्वा में बड़ा आतंकी हमला, 38 लोगों की मौत

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पख्तूनख्वा। पाकिस्तान के खैबर पख्तूनख्वा में बड़ा आतंकी हमला हुआ है। इस हमले में 38 लोगों की मौत हो गई है। यह हमला खैबर पख्तूनख्वा के डाउन कुर्रम इलाके में एक पैसेंजर वैन पर हुआ है। हमले में एक पुलिस अधिकारी और महिलाओं समेत दर्जनों लोग घायल भी हुए हैं। जानकारी के मुताबिक उत्तर-पश्चिमी पाकिस्तान के अशांत प्रांत खैबर पख्तूनख्वा में आतंकियों ने शिया मुस्लिम नागरिकों को ले जा रहे यात्री वाहनों पर गोलीबारी की है। यह क्षेत्र में हाल के वर्षों में इस तरह का सबसे घातक हमला है। मृतकों की संख्या में इजाफा हो सकता है।

AFP की रिपोर्ट के मुताबिक इस हमले में 38 लोगों की मौत हुई है. पैसेंजर वैन जैसे ही लोअर कुर्रम के ओचुट काली और मंदुरी के पास से गुजरी, वहां पहले से घात लगाकर बैठे आतंकियों ने वैन पर अंधाधुंध गोलियां बरसानी शुरू कर दीं. पैसेंजर वैन पाराचिनार से पेशावर जा रही थी। पाकिस्तान की समाचार एजेंसी डॉन के मुताबिक तहसील मुख्यालय अस्पताल अलीजई के अधिकारी डॉ. ग़यूर हुसैन ने हमले की पुष्टि की है.

शिया और सुन्नी मुसलमानों के बीच तनाव 

अफगानिस्तान की सीमा से लगे कबायली इलाके में भूमि विवाद को लेकर शिया और सुन्नी मुसलमानों के बीच दशकों से तनाव बना हुआ है। किसी भी समूह ने घटना की जिम्मेदारी नहीं ली है। जानकारी के मुताबिक “यात्री वाहनों के दो काफिले थे, एक पेशावर से पाराचिनार और दूसरा पाराचिनार से पेशावर यात्रियों को ले जा रहा था, तभी हथियारबंद लोगों ने उन पर गोलीबारी की।” चौधरी ने बताया कि उनके रिश्तेदार काफिले में पेशावर से यात्रा कर रहे थे।

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