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खेल-कूद

पाक ने इंग्लैंड से पहले ही लूटा पूरा लगान, चैंपियंस ट्रॉफी के फाइनल में पहुंचा

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कार्डिफ| पाकिस्तान ने अपने शानदार हरफनमौला खेल से मेजबान इंग्लैंड के आईसीसी चैम्पियंस ट्रॉफी जीतने के सपने को सेमीफाइनल में तोड़ दिया। पाकिस्तान ने बुधवार को पहले सेमीफाइनल में इंग्लैंड को आठ विकेटों से करारी मात देते हुए चैंपियंस ट्राफी के फाइनल में जगह बनाई। पाकिस्तान पहली बार चैंपियंस ट्राफी के फाइनल में पहुंचा है। अब पाकिस्तान का मुकाबला गुरुवार को भारत और बांग्लादेश के बीच होने वाले सेमीफाइनल मैच के विजेता से फाइनल में होगा। फाइनल मैच रविवार को खेला जाएगा।


इंग्लैंड की टीम पहले पाकिस्तानी गेंदबाजों से और बाद में बल्लेबाजों से पार नहीं पा सकी। पाकिस्तान ने मेजबान टीम को 49.5 ओवरों में 211 रनों पर ही रोक दिया और फिर बेहतरीन बल्लेबाजी करते हुए इस आसान से स्कोर को 37.1 ओवरों में दो विकेट खोकर हासिल करते हुए फाइनल में जगह पक्की कर ली।

यह मैच पूरी तरह से एकतरफा रहा। इंग्लैंड शुरू से अंत तक पाकिस्तान के दबाव में रहा और अपने स्वाभविक खेल से हमेशा दूर रहा। पहले पाकिस्तानी गेंदबाजी ने उसे परेशान किया और बाद में बल्लेबाज उस पर हावी रहे।

एक बार फिर पाकिस्तान के सबसे सफल गेंदबाज मैन ऑफ द मैच हसन अली रहे। उन्होंने अपने कोटे के 10 ओवरों में सिर्फ 35 रन दिए और तीन विकेट हासिल किए। फाइनल में पाकिस्तान का सामना गुरुवार को भारत और बांग्लादेश के बीच होने वाले दूसरे सेमीफाइनल मैच के विजेता से होगा। फाइनल रविवार को खेला जाएगा।

आसान से लक्ष्य को हासिल करने के दौरान पाकिस्तान ने सिर्फ दो विकेट खोए। फखर जमान और अजहर अली के रूप में पाकिस्तान ने अपने दो विकेट खोए। फखर को लेग स्पिनर आदिल रशीद ने विकेटकीपर जोस बटलर के हाथों स्टम्पिंग कराया। लेकिन, आउट होने से पहले फखर अपना काम कर गए थे।

उन्होंने अजहर अली (76) के साथ पहले विकेट के लिए 118 रनों की साझेदार कर टीम की जीत तय कर दी थी। फखर ने 58 गेंदों की पारी में सात चौके और एक छक्का लगाते हुए 57 रन बनाए। उनके बाद अजहर ने बाबर आजम (नाबाद 38) के साथ मिलकर टीम को जीत के और करीब पहुंचा दिया।

सौ गेंदें खेल पांच चौके और एक छक्का मारने वाले अजहर 173 के कुल स्कोर पर जैक बाल की गेंद पर आउट हो गए। इसके बाद आजम ने मोहम्मद हफीज (नाबाद 31) के साथ मिलकर तीसरे विकेट के लिए 42 रन जोड़कर टीम को जीत दिलाई।

इससे पहले, ऊपरी क्रम के बल्लेबाजों ने इंग्लैंड को सधी हुई शुरुआत दी लेकिन, मध्यक्रम पाकिस्तानी गेंदबाजों का अगे ढह गया और निचला क्रम टीम को इससे उबार नहीं पाया। नतीजन इंग्लैंड की टीम इस अहम मैच में बड़ा स्कोर नहीं कर पाई।

पाकिस्तानी कप्तान सरफराज ने टॉस जीतकर पहले गेंदबाजी चुनी। उनके मुख्य गेंदबाज मोहम्मद आमिर चोटिल होने के कारण टीम में नहीं थे, लेकिन उनके गेंदबाजों ने उन्हें निराश नहीं किया। इंग्लैंड के बल्लेबाज इस मैच में सिर्फ 15 चौके ही लगा सके जबकि एक भी छक्का मेजबानी टीम के बल्लेबाजों के बल्ले से नहीं निकला।

जेसन रॉय की जगह इस मैच में शामिल किए गए जॉनी बयर्सटो ने एलेक्स हेल्स (13) के साथ पारी की शुरुआत की। हेल्स के रूप में इंग्लैंड ने अपना पहला विकेट 34 के कुल स्कोर पर खोया। वह अपना पहला मैच खेल रहे रुमान रइस का शिकार बने।

इंग्लैंड के बल्लेबाजी क्रम की रीढ़ जो रूट ने क्रीज पर कदम रखा। बेयर्सटो और रूट ने टीम का स्कोर 80 तक पहुंचाया। यहीं हसन ने बेयर्सटो को अर्धशतक से सात रन दूर रखा और मोहम्मद हफीज के हाथों कैच करा पवेलियन भेजा।

बेयर्सटो ने 57 गेंदों में चार चौकों की मदद से 43 रन बनाए। रूट भी अर्धशतक नहीं लगा सके। शादाब खान ने उन्हें 128 के कुल स्कोर पर विकेट के पीछ कप्तान सरफराज के हाथों कैच कराया। रूट ने 46 रन बनाने के लिए 56 गेंदें खेली और दो चौके लगाए।

कप्तान मोर्गन 33 रनों के निजी स्कोर पर हसन का दूसरा शिकार बने। यहां से इंग्लैंड की पारी लड़खड़ा गई और लगातार विकेट गिरते रहे।
बेन स्टोक्स अकेले संघर्ष करते रहे लेकिन, दूसरे छोर पर अन्य बल्लेबाज पांव नहीं जमा सके। पाकिस्तानी गेंदबाजों ने हालांकि स्टोक्स को भी हाथ नहीं खोलने दिए। 34 रन बनाने के लिए स्टोक्स ने 64 गेंदें ली और एक भी चौका या छक्का उनके बल्ले से नहीं निकला। वह 201 के कुल स्कोर पर हसन का शिकार बने।

लियाम प्लंकट (9) और मार्क वुड (3) के रूप में इंग्लैंड ने अपने आखिरी दो विकेट खोए। जैक बॉल दो रनों पर नाबाद लौटे। हसन के अलावा पाकिस्तान की तरफ से जुनैद खान और रइस को दो-दो सफलताएं मिलीं। शादाब एक विकेट लेने में सफल रहे। इमद वसीम को एक भी विकेट नहीं मिला लेकिन उन्होंने किफायती गेंदबाजी की और पांच ओवरों में सिर्फ 16 रन खर्च किए।

खेल-कूद

विराट कोहली ने की है 12वीं तक पढ़ाई, इस सब्जेक्ट का नाम सुनकर ही आ जाता था पसीना

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नई दिल्ली। भारतीय क्रिकेट टीम के कप्तान विराट कोहली आज अपना 36वां जन्मदिन मना रहे हैं। अपने 16 साल के करियर में विराट इतने आगे निकल गए हैं कि उनके रिकार्ड्स को तोड़ना लगभग नामुमकिन सा लगता है। आज विराट के जन्मदिन के मौके पर हम आपको ऐसी बात बताने जा रहे हैं जो आपने शायद पहले कभी नहीं सुनी होगी। आज हम आपको बताएंगे कि मैदान पर अपनी बल्लेबाजी से गेंदबाजों को डराने वाले विराट किससे डरा करते थे।

आपको जानकर हैरानी होगी कि मैदान पर रिकॉर्ड्स के अंबार लगाने वाले विराट कोहली ने केवल 12वीं तक की ही पढ़ाई की है। क्रिकेट के प्रति दीवानगी के चलते उन्होंने अपनी पढ़ाई बीच में ही छोड़ दी। विराट ने दिल्ली की ‘विशाल भारती पब्लिक स्कूल’ से पढ़ाई की है। स्कूल की वेबसाइट में भी एल्युमनाई में कोहली का जिक्र है और उनकी तस्वीरें भी लगा रखी है।

दिल्ली के जानेमाने स्कूल में से एक इस स्कूल को कई अवार्ड मिल चुके हैं। विराट का फेवरेट सब्जेक्ट हिस्ट्री था। विराट हमेशा से ही अतीत की बातें सीखने के लिए उत्सुक रहते थे। मैथ्स एक ऐसा सब्जेक्ट था जिसके बारे में सुनकर विराट के पसीने छूट जाते थे। कहा जाता है कि एक बार विराट को मैथ्स में 100 में केवल 3 ही मार्क्स मिले थे।

विराट कोहली की ही कप्तानी में भारतीय टीम ने 2008 का अंडर-19 वर्ल्ड कप जीती थी। यह टूर्नामेंट मलेशिया में खेला गया था। इस शानदार प्रदर्शन के दम पर कोहली ने टीम इंडिया के लिए अपना पहला इंटरनेशनल मैच 18 अगस्त 2008 को श्रीलंका के खिलाफ खेला था।

 

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