उत्तराखंड
पिता को था मां और बेटे के बीच अवैध संबंधों का शक, गुस्साए पिता ने उठा लिया ये कदम…
उत्तराखंड। कहते है ‘खून का रिश्ता आखिर खून का ही होता है। इन रिश्तों में किसी तरह का कोई अभिमान, स्वाभिमान या गुस्सा शक काम नहीं आता यानी की ये अपनत्व के रिश्ते सभी रिश्तों में उचें और पवित्र माने जाते है। लेकिन उत्तराखंड के उधमनगर से एक ऐसा मामला सामने आया है जिसने इस सबसे पावक रिश्ते को शर्मसार कर दिया।
दरअसल, यहाँ एक पिता ने शक के बनाम पर अपने ही बेटे और पत्नी को मौत के घाट उतार दिया। ख़बरों के मुताबिक़ पिता को ये शक था कि उसकी पत्नी और बेटे के बीच अवैध संबंध है, जबकि बेटियों के अनुसार, उन्होने इसे महज एक शक बताया।
पूछताछ के दौरान, बेटियों ने पुलिस को बताया कि ‘पापा शारब पीकर आए थे माँ सो रही थी तभी आरोपी पिता ने उस पर चाकू से हमला किया, और माँ की चीख सुनकर उसके बगल में सो रहा बड़ा बेटा उठ गया, जिसके बाद आरोपी ने उस पर भी हमला करना शुरू कर दिया।
वही घर में शोर की आवाज़ सुनकर आरोपी की दोनो बेटियां भी उठ गई। जब उन दोनों ने भाई को बचाने की कोशिश की तो आरोपी पिता ने उन पर हमला कर फरार हो गया। जिसके बाद घायल बेटियों ने पड़ोसियों की मदद से माँ और भाई को अस्पताल में भर्ती करवाया जहां डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया।
घटना की जानकारी पाकर मृतिका का भाई जब अस्पताल पंहुचा तो उसने अपने जीजा के खिलाफ पुलिस में शिकायत दर्ज करवाई, वही पुलिस ने भी इस मामले को गंभीरता से लेते हुए आरोपी पति को गिरफ्तार कर लिया है।
उत्तराखंड
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने राष्ट्रीय कौशल एवं रोजगार सम्मेलन का किया उद्घाटन
देहरादून। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने मंगलवार को राष्ट्रीय कौशल एवं रोजगार सम्मेलन का उद्घाटन किया। नीति आयोग, सेतु आयोग और राज्य सरकार के संयुक्त प्रयासों से राजधानी देहरादून में दून विश्वविद्यालय में राष्ट्रीय कौशल एवं रोज़गार सम्मलेन का आयोजन किया गया। कार्यक्रम का उद्घाटन करने के बाद मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि इस तरह की कार्यशालाएं प्रदेश के युवाओं के बेहतर भविष्य के लिए बेहद महत्वपूर्ण साबित होंगी। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार युवाओं को बेहतर रोजगार मुहैया कराने की दिशा में सकारात्मक कदम उठा रही है।
कार्यक्रम में कौशल विकास मंत्री सौरभ बहुगुणा ने इसे सरकार की ओर से युवाओं के लिए महत्वपूर्ण कदम बताया। उन्होंने कहा कि कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य उत्तराखंड के तमाम बेरोजगार युवाओं को रोजगार देना है। मुख्यमंत्री ने कहा, “निश्चित तौर पर इस कार्यशाला में जिन विषयों पर भी मंथन होगा, उससे बहुत ही व्यावहारिक चीजें निकलकर सामने आएंगी, जो अन्य युवाओं के लिए समृद्धि के मार्ग प्रशस्त करेगी। हमें युवाओं को प्रशिक्षण देना है, जिससे उनके लिए रोजगार की संभावनाएं प्रबल हो सकें, ताकि उन्हें बेरोजगारी से निजात मिल सके।
उन्होंने कहा, “प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 2015 में स्किल डेवलपमेंट का विभाग खोला था, ताकि अधिक से अधिक युवाओं को रोजगार मिल सके। इसके अलावा, वो रोजगार खोजने वाले नहीं, बल्कि रोजगार देने वाले बनें। अगर प्रदेश के युवा रोजगार देने वाले बनेंगे, तो इससे बेरोजगारी पर गहरा अघात पहुंचेगा। ” उन्होंने कहा, “हम आगामी दिनों में अन्य रोजगारपरक प्रशिक्षण युवाओं को मुहैया कराएंगे, जो आगे चलकर उनके लिए सहायक साबित होंगे।
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