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पिता संग फेरी लगाकर बेचते थे पान मसाला, अब अरबों के घोटाले में आरोपी

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नई दिल्ली। रोटोमैक पेन कंपनी के प्रमुख विक्रम कोठारी द्वारा कई बैंकों को 800 करोड़ रुपये का चूना लगाने के आरोप में सोमवार को केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने कानपुर में उनके कई ठिकानों पर छापेमारी की। कोठारी कानपुर स्थित रोटोमैक ग्लोबल प्राइवेट लिमिटेड कंपनी के अध्यक्ष और प्रबंध निदेशक हैं, लेकिन शायद बहुत कम ही लोग जानते होंगे कि आज इतनी बड़ी कंपनी चलाने वाला ये ‘कोठारी’ कभी अपने पिता के साथ साइकिल से पान-मसाला बेचने का काम किया करता था।

Related imageजी हां। विक्रम और उनके पिता ने अपना व्यवसाय पान-मसाला बेचकर शुरू किया। खबरों के मुताबिक़, विक्रम कोठारी के पिता एक समय कानपुर में साइकिल चलाकर पान मसाला की बिक्री किया करते थे। जैसे-जैसे बाजार में ‘पान पराग’ की पकड़ मजबूत होती गई। वैसे-वैसे कोठारी ग्रुप का बिजनेस नई ऊंचाई पर पहुँचने लगा लेकिन यही उंचाई आगे चलकर कोठारी ग्रुप के बंटवारे की वजह बन गया।

पारले प्रोडक्ट के डिस्ट्रिब्यूशन को भी ले लिया-

पान-मसाले से अच्छा-ख़ासा कारोबार स्थापित करने के बाद कोठारी ग्रुप ने 60 के दशक में पारले प्रोडक्ट का कानपुर क्षेत्र का डिस्ट्रिब्यूशन ले लिया। इससे परिवार आर्थिक तौर पर और मजबूत हो गया। इस दौरान कानपुर शहर में पान मसाले का पहला ब्रैंड ‘बादशाह पसंद’ बंद हो गया। और इसी बीच ‘पान बहार’ को टक्कर देने के लिए मार्केट में ‘पान-पराग’ को लाया गया। जिसने देखते ही देखते लोगों का टेस्ट बदल दिया और तब ‘पान-पराग’ लोगों की पहली पसंद बन गया 70 के दशक की शुरुआत में 5 रुपए में 100 ग्राम मिलने वाले पान मसाले ने बाजार में खूब धूम मचाई।

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लोगों के दिलोंदिमाग पर छा गया ‘पान-पराग’-

धीरे- धीरे इस पान मसाले ने देश-विदेश में ऐसी धूम मचाई कि पान मसाले का दूसरा नाम ही ‘पान पराग’ हो गया। इसके बाद पान-पराग ने खाड़ी देशों, अमेरिका और यूरोप तक अपनी धमक जमाई। व्यापार के हर दिन नई ऊंचाई छूने और लगातार बढ़ते कारोबार ने ग्रुप को बुलंदियों तक पहुंचा दिया। इस बीच ग्रुप की तरफ से पान मसाले के अलावा ‘रोटोमैक पेन’, ‘यस मिनरल वॉटर’ भी लॉन्च किया गया। इन प्रोडक्ट को भी बाजार में एक अलग पहचान हासिल हुई।

Related imageभारी कीमत बनी बंटवारे की वजह-

कहते है पैसों की लालच इंसान को अंधा बना देती है। और फिर इसकी चकाचौंध में लोगों को अपने खुद के रिश्ते दिखाई नही पड़ते। कुछ ऐसा ही हुआ कोठारी परिवार में। बिजनेस की बुलंदियों पर पहुंचे कोठारी परिवार में अचानक अनबन शुरू हो गई।

Image result for vikrama kothari and his familyमीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक़, मनसुख अपने छोटे बेटे दीपक के साथ थे, तो विक्रम कोठारी दूसरी तरफ। कहते हैं कि विक्रम को ग्रुप से बाहर का रास्ता दिखाने के लिए 1,250 करोड़ रुपये की डील हुई थी, जिसमें 750 करोड़ रुपये विक्रम को कैश भी दिए गए थे।

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बंटवारे के बाद विक्रम ने यस ब्रैंड से नमकीन के अलावा ‘दम’ पान मसाला और ‘ब्रेन कंप्यूटर्स’ को बाजार में उतारा, लेकिन इनमें से किसी को भी बाजार में इसको कुछ ख़ास तवज्जो नहीं मिली। जिसके बाद दोस्तों से मशवरा कर विक्रम ने स्टॉक मार्केट और रियल एस्टेट में भारी निवेश करना शुरू किया और आशातीत सफलता हासिल की।

 

 

 

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IND VS AUS: ताश के पत्तों की तरह बिखरा भारत का बैटिंग आर्डर, पूरी टीम 150 रनों पर ढेर

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नई दिल्ली। पर्थ के मैदान पर टीम इंडिया के बल्लेबाजी क्रम की एक बार फिर पोल खुल गई। 49.4 ओवर खेलकर ही भारत की पूरी टीम सिर्फ 150 रन बनाकर ढेर हो गई। टीम के छह बल्लेबाज दहाई का आंकड़ा पार नहीं कर सके। पर्थ की पिच पर ऑस्ट्रेलियाई तेज गेंदबाजों ने ऐसा कहर बरपाया कि टीम इंडिया का मजबूत बैटिंग ऑर्डर ताश के पत्तों की तरह बिखर गया।

टीम इंडिया की शुरुआत ही बेहद खराब हुई। यशस्वी जायसवाल बिना खाता खोले ही मिचेल स्टार्क की गेंद पर पवेलियन लौट गए। देवदत्त पडिक्कल ने 23 गेंदों का सामना किया, लेकिन वो अपने नाम के आगे एक रन तक नहीं लिखवा सके। नंबर चार पर बल्लेबाजी करने उतरे विराट कोहली से फैन्स को काफी उम्मीदें थीं। हालांकि, विराट का किस्मत ने एक बार फिर साथ नहीं दिया और वह जोश हेजलवुड के हाथ से निकली बेहतरीन गेंद पर अपना विकेट गंवा बैठे। भोजनकाल से पहले 23वें ओवर में मिचेल स्टार्क ने के एल राहुल (26) को आउट कर भारत को बड़ा झटका दिया।

लंच के बाद चार विकेट पर 51 रन के आगे खेलने उतरी भारतीय टीम दूसरे सेशन में 24.4 ओवर में मात्र 99 रन ही जोड़ पाई और बचे हुए बाकी विकेट गवां दिये। 59 के स्कोर पर भारतीय टीम को पांचवां झटका लगा। मिचेल मार्श ने ध्रुव जुरेल को मार्नस लाबुशेन के हाथों कैच आउट कराया। जुरेल 11 रन बनाकर आउट हुए।

इसके बाद वॉश‍िंगटन सुंदर मात्र चार रन बनाकर म‍िचेल मार्श की गेंद पर व‍िकेटकीपर एलेक्स कैरी को कैच थमा बैठे। भारत ने छह विकेट गिरने के बाद ऑलराउंडर नीतीश कुमार रेड्डी बल्लेबाजी करने आए और उन्होंने ऋषभ पंत के साथ छठे विकेट के लिए 48 रन जोड़े। भारत को सातवां झटका ऋषभ पंत के रूप में लगा। वह 37 रन बनाकर पैट कम‍िंंस की गेंद पर दूसरी स्ल‍िप में खड़े स्टीव स्म‍िथ को कैच थमा बैठे।
इसके बाद हर्ष‍ित राणा मात्र 7 रन बनाकर जोश हेजलवुड की गेंद पर मार्नस लॉबुशेन को कैच थमा बैठे। भारत का नौवां विकेट जसप्रीत बुमराह के रूप में गिरा, जो जोश हेजलवुड की गेंद पर विकेटकीपर कैरी को कैच थमा बैठे। वहीं आखिरी विकेट नीतीश रेड्डी का गिरा। रेड्डी को पैट कमिंस ने उस्मान ख्वाजा के हाथों कैच आउट कराया।

 

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